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अररिया में शहीद दिवस पर निकाली गई रैली, नुक्कड़ सभा का आयोजन कर क्रांतिकारी भगत सिंह को किया याद

अररिया में शहीद दिवस पर रैली (Rally Taken Out on Martyrs Day in Araria) निकाली गई. शहीदों को याद कर सामाजिक संगठन जनजागरण शक्ति ने रैली निकाल कर, नुक्कड़ सभा का आयोजन किया. सभा में क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की शहादत को याद किया गया.

शहीद दिवस पर निकाली गई रैली
शहीद दिवस पर निकाली गई रैली
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Published : Mar 23, 2022, 4:28 PM IST

अररिया: बिहार के अररिया में सामाजिक संगठन जनजागरण शक्ति ने शहीद दिवस (TOday Martyrs' Day) पर रैली निकाली. देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए, क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की शहादत को याद करते हुए सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने रैली निकालने के साथ-साथ, नुक्कड़ सभा का आयोजन किया. इस मौके पर जनजागरण शक्ति संगठन के राजेश रंजन ने कहा कि हम रैली और नुक्कड़ सभा के माध्यम से देश के लिए जान देने वाले, वीरों को याद कर रहे हैं और उनकी गथा को सुना रहे हैं. ताकि लोग हमारे देश के वीर क्रांतिकारी, भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की शहादत को हमेशा याद रखें.

ये भी पढ़ें- नवादा में शहादत दिवस पर याद किये गये शहीद-ए-आजम भगत सिंह

शहीद दिवस पर रैली निकाली गई: गौरतलब है कि आज शहीद दिवस है. यह दिन हमारे लिए बहुत खास है. आज ही के दिन स्वतंत्रता की लड़ाई में भारत के तीन सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू ने हंसकर फांसी की सजा को गले लगाया था. इसी दिन को याद कर सामाजिक संगठन जनजागरण शक्ति ने रैली निकाल कर, नुक्कड़ सभा का आयोजन किया. जिसमें भगत सिंह तू जिंदा है, गीतों के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई और इंकलाब जिंदाबाद के नारे से पूरा इलाका गूंज उठा. नुक्कड़ सभा में लोगों ने शपथ ली की देश को भ्रष्टाचार, कुरीतियों जैसी बुराइयों से निजात दिलाएंगे. 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत हुई थी. उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था.

आज वीर सपूतों को देश कर रहा याद: बता दें कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली. आज भी युवा उनके आदर्श और हिम्मत से सीख लेते हैं. आज भी घर-घर में भगत सिंह की देशभक्ति के किस्से सुनाए जाते हैं. इस दिन (23 मार्च) भगत सिंह के साथ सुखदेव और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए ते. इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाता है. वहीं, पीएम मोदी ने शहीद दिवस पर देश के तीन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी.

ये भी पढ़ें- पटना में सीपीआईएम कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

ये भी पढ़ें- जलियांवाला बाग की तरह मुंगेर में भी हुआ था नरसंहार, क्रांतिकारियों के छलनी हुए थे सीने

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अररिया: बिहार के अररिया में सामाजिक संगठन जनजागरण शक्ति ने शहीद दिवस (TOday Martyrs' Day) पर रैली निकाली. देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए, क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की शहादत को याद करते हुए सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने रैली निकालने के साथ-साथ, नुक्कड़ सभा का आयोजन किया. इस मौके पर जनजागरण शक्ति संगठन के राजेश रंजन ने कहा कि हम रैली और नुक्कड़ सभा के माध्यम से देश के लिए जान देने वाले, वीरों को याद कर रहे हैं और उनकी गथा को सुना रहे हैं. ताकि लोग हमारे देश के वीर क्रांतिकारी, भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की शहादत को हमेशा याद रखें.

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शहीद दिवस पर रैली निकाली गई: गौरतलब है कि आज शहीद दिवस है. यह दिन हमारे लिए बहुत खास है. आज ही के दिन स्वतंत्रता की लड़ाई में भारत के तीन सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू ने हंसकर फांसी की सजा को गले लगाया था. इसी दिन को याद कर सामाजिक संगठन जनजागरण शक्ति ने रैली निकाल कर, नुक्कड़ सभा का आयोजन किया. जिसमें भगत सिंह तू जिंदा है, गीतों के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई और इंकलाब जिंदाबाद के नारे से पूरा इलाका गूंज उठा. नुक्कड़ सभा में लोगों ने शपथ ली की देश को भ्रष्टाचार, कुरीतियों जैसी बुराइयों से निजात दिलाएंगे. 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत हुई थी. उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था.

आज वीर सपूतों को देश कर रहा याद: बता दें कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली. आज भी युवा उनके आदर्श और हिम्मत से सीख लेते हैं. आज भी घर-घर में भगत सिंह की देशभक्ति के किस्से सुनाए जाते हैं. इस दिन (23 मार्च) भगत सिंह के साथ सुखदेव और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए ते. इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाता है. वहीं, पीएम मोदी ने शहीद दिवस पर देश के तीन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी.

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