पटना: राजधानी में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 'अभी तक का सफर और बिहार'विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी, शिक्षक संघ के अध्यक्ष विधान पार्षद केदारनाथ पांडे और शिक्षा जगत से जुड़े नागरिक शामिल रहे.
कानूनन जिम्मेदारी तय हो
इस दौरान पटना विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डेजी नारायण ने अपनी राय जाहिर की. उन्होंने कहा कि शिक्षा पर सार्वजनिक व्यय को कम से कम 6% तक बढ़ाना जरूरी है. इसके लिए कानूनन स्पष्ट रूप से सभी की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए. राज्य सरकारों को अपने कुल बजट का 20 से 25% शिक्षा पर खर्च करना चाहिए.
राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी स्वीकारे
हालांकि प्रोफेसर नारायण ने कहा कि इन सबों के लिए जरुरी है कि केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर अलग शैक्षिक कोष का निर्माण हो. साथ ही प्रारंभिक शिक्षा को पूरी तरह से व्यवसायिक ऋण से मुक्त रखा जाना चाहिए और उच्च शिक्षा को विदेशी कंपनियों का उपनिवेश नहीं बनने देना चाहिए. राज्य सरकारों को इस मुहिम में अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए.