पटना: आयुष्मान भारत के पहले वार्षिकोत्सव के अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य में मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की. इसके निर्माण के लिए एक कमेटी का गठन कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह आर्यभट्ट जान यूनिवर्सिटी के अंतर्गत राज्य के सभी तकनीकी कॉलेजों को संबद्ध किया गया है, उसी तरह मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के अंतर्गत राज्य के सभी चिकित्सा कॉलेज और संस्थानों को संबद्ध किया जाएगा.
'प्रति हजार व्यक्ति पर 1 डॉक्टर होना चाहिए'
सुशील कुमार मोदी ने आयुष्मान भारत के तहत राज्य और विदेश में हुए कामों की व्याख्या की. उन्होंने राज्य में 13 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रति हजार व्यक्ति पर 1 डॉक्टर होना चाहिए. वर्तमान समय में बिहार में तकरीबन 3.5 हजार व्यक्ति पर सिर्फ 1 डॉक्टर हैं. इसका सबसे बड़ा कारण राज्य में मेडिकल कॉलेजों की कमी है.
मेडिकल के क्षेत्र में बड़े फैसले
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में 70 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. जिसके लिए राज्य सबसे पहले 20 एकड़ जमीन के प्रस्ताव के साथ केंद्र सरकार को आवेदन देगा, उसे पहले स्थान दिया जाएगा. साथ ही, नेशनल मेडिकल कमीशन ने भी एक बड़ा फैसला लिया है. MBBS की परीक्षा अब सभी कॉलेजों के लिए अलग-अलग नहीं होगी. पूरे देश के सभी मेडिकल कॉलेजों के MBBS की एक ही परीक्षा होगी, जिसका नाम नेशनल एक्जिट एक्जाम दिया गया है.
जल्द ही डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाएगा
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी आयुष्मान भारत के तहत राज्य में हुए कामों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि राज्य में भले ही डॉक्टरों की कमी है, लेकिन फिर भी पहले से बेहतर काम हो रहे हैं. बहुत जल्द डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की बहाली कर उनकी कमी को पूरा किया जाएगा.