पटना: बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों पर निर्भर गरीब मरीजों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. जूनियर डॉक्टर्स के हड़ताल के कारण नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से मरीज इधर-उधर प्राइवेट अस्पताल में जाने को मजबूर हो गए हैं.
बता दें कि बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया है. वहीं जूनियर डॉक्टर्स को अस्पताल के अधीक्षक, प्रचार्य समेत कई अधिकारी हड़ताल स्थगित करने को समझा रहे हैं. लेकिन जूनियर डॉक्टर अपनी चार सूत्री मांगों के समर्थन में अड़े हैं. इस कारण स्वास्थ व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है. सुबह से ही नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद कर,आपातकालीन सेवा पूरी तरह से ठप कर दी हैं.
प्राइवेट अस्पताल में जाने को मजबूर मरीज
इससे मरीज और उनके परिजनों की स्तिथि काफी चिंताजनक हो गई है. सभी मरीज नालंदा अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल में जाने को मजबूर हैं. जूनियर डॉक्टर के अध्य्क्ष रवि रंजन ने बताया कि जबतक उनकी चार सूत्री मांग पूरी नहीं होगी. तब तक हड़ताल जारी रहेगा. वहीं अस्पताल के अधीक्षक चन्द्रशेखर प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से 50 डॉक्टरों को मांगा गया था. लेकिन विभाग 10 डॉक्टर ही दे पाए. उनकी कोशिश है कि अस्पताल व्यवस्था जल्द ठीक हो जाए.