ETV Bharat / city

'पत्नी का फोन आते ही मटन खाने गए, तभी सर का फोन आया दास कहां हो'... पूर्व IPS का वीडियो वायरल

author img

By

Published : Feb 3, 2022, 6:59 PM IST

Updated : Feb 3, 2022, 10:53 PM IST

बिहार पुलिस में पुलिस महानिरीक्षक रहे प्रांतोष कुमार दास का वीडियो (Prantosh Kumar Das Retirement Video) सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. कार्यकाल के दौरान के उनके अनुभव और चुनौतियों को बताने का उनका अंदाज लोगों को काफी ज्यादा पसंद आ रहा है.

आईजी प्रांतोष कुमार दास का वीडियो वायरल
आईजी प्रांतोष कुमार दास का वीडियो वायरल

पटना: आईजी प्रांतोष कुमार दास (Prantosh Kumar Das) सेवानिवृत्त हो गए हैं. विदाई समारोह के दौरान उन्होंने जिस अंदाज में अपने अनुभवों को साझा किया है, वह लोगों को काफी पसंद आ रहा है. उनका ये वीडियो तेजी से वायरल (Bihar Police IPS Viral Video) हो रहा है. अपने विदाई भाषण में एक घटना का जिक्र करते हुए वे कहते हैं कि एक बार पत्नी के बुलावे पर वह मटन खाने के लिए घर आए हुए थे, तभी एसपी का फोन आ गया कि कहां हो? जिसके बाद वे आधे घंटे में घटनास्थल पर पहुंचे और जाम खुलवाया.

ये भी पढ़ें: ड्रिफ्टवुड कला को IPS पीके दास ने बनाया जुनून, ईटीवी भारत से कहा- 'ये एक ऐसा आर्ट जिसकी नकल नहीं हो सकती'

बिहार पुलिस में पुलिस महानिरीक्षक रहे प्रांतोष कुमार दास के रिटायरमेंट का यह वीडियो बिहार सरकार के गृह विभाग के फेसबुक पेज से शेयर किया गया है. इस वीडियो में प्रांतोष कुमार दास की बेबाकी, साफगोई और अलहदा अंदाज लोगों को बहुत पसंद आ रहा है. इसी वीडियो में वे एक घटना का जिक्र करते हुए बताते हैं कि एक बार वाइफ ने फोन किया कि आइयेगा, मटन बना रहे हैं. हमने कहा कि आते हैं, बोरिंग रोड में मेरा घर है हम आ गए. उधर, नया गांव में करंट लगने से चिपककर एक व्यक्ति की मौत हो गई.

प्रांतोष कुमार दास आगे कहते है, 'हमको जैसे ही पता चला हम भी भागे जिप्सी लेकर तुरंत. जैसे ही एग्जीविशन मोड़ पहुंचे, एसपी का फोन आ गया कि आप कहां हो? मैंने कहा कि हाईकोर्ट. सर गुस्सा गए, कमिश्नर साहब फंसे हुए हैं, रोड जाम है. तब हम एसपी साहब को बोले- सर प्लीज मेरा जवाब तो सुन लीजिए, हम वहां 22-25 मिनट में पहुंच जाएंगे और 3 मिनट में जाम छुड़ा देंगे लेकिन आप 30 मिनट तक फोन मत करिएगा, क्योंकि आपका फोन आता है तो हमको टेंशन हो जाता है.' प्रांतोष कहते हैं कि इतना कॉन्फिडेंस के साथ एक डीएसपी कैसे एसपी से बात करता है, यह सीखने की बात है. वे बताते हैं कि घटनास्थल पर जाकर मैंने सर को फोन किया और कहा कि सर घड़ी देखिए. 22 मिनट में मैंने जाम छुड़ा दिया है.

वे आगे कहते हैं कि ये इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि हमने हर साल हर जगह 500 कम्‍युनिटी पुलिस के लड़कों को तैयार किया था. आप जब भी कहीं जाते हैं और जय हिंद कहते है, तभी वहां अगर कोई पांच भी जय हिंद कहते हैं तो काम आसान हो जाता है. मेरा सौभाग्य है कि मैं इतने स्मार्ट अधिकारियों के साथ काम कर पाया हूं.

इसी तरह प्रांतोष कुमार दास ने अपने कार्यकाल के दौरान की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार मैं नवादा में पोस्टेड था. एक इंजीनियर का अपहरण हो गया तो उसकी तलाश में नवादा-जमुई के जंगल में घुस गया. 4 पहाड़ टपकर (पार करना) गया. एक जड़ मुझे मिला, पता नहीं क्यों वो जड़ मुझे अट्रेक्ट कर गया. उसमें कोई शेप नहीं दिखा. उसको उठाकर ले आया. चार पहाड़ टपाना पुलिस वाले के लिए, वैसे मैं भाग्यशाली हूं कि मैं पुलिस वाला हूं, उस जड़ को लेकर किसी तरह लेकर घर आ गया. 2 साल बाद एक दिन मुझे उसमें हाथी का हेड दिखा. एक मुर्गी के बच्चे को मैं पालता था, वो उसमें घुस गया तो हम डंडा लेकर गए तो हाथी का हेड दिख गया. अब मैं रिटायर्ड हो गया हूं. अप्रैल में मैं म्यूजियम को खोल रहा हूं. 4-5 कमरे हैं. आप लोग अपने परिवार के साथ जरूर आएं, मुझे काफी खुशी होगी.

प्रांतोष कुमार दास एक जगह कहते हैं कि मैं तो कॉन्सटेबल से लेकर एडीजी तक साथ में बैठकर खाता हूं, खिलाता हूं. वे कहते हैं कि लोग रिटायर करते हैं तो लोग पूछते हैं कि आप क्या करोगे? मैं आज बेहद खुश हूं कि मैं आज रिटायर हो रहा हूं. इस समाज ने इतना दिया है मुझे, मैं थोड़ा तो वापस करूंगा. आज मैं बहुत खुश है, आज से मैं फ्री हूं. आप लोगों को जब भी मौका मिले, छुट्टी लेकर अपने परिवार के साथ पार्क में आइये और वक्त बिताइये. प्रेम, आदर, सहयोग और हौसला बढ़ाने के लिए आप सभी का धन्यवाद. अब मैं अपने पत्नी और परिवार को समय दूंगा, लेकिन जब भी पुलिस फोर्स को मेरी जरूरत पड़े मैं हाजिर हो जाऊंगा. वास्तव में वह मेरे लिए मेडल की तरह होगा.

ये भी पढ़ें: CM नीतीश के 'निश्चय' को महिला मुखिया का समर्थन, इस काम की हर तरफ हो रही है तारीफ

आपको बताएं कि भागलपुर के बूढ़ानाथ मंदिर के सामने पीके दास ने अपना ड्रिफ्टवुड म्यूजियम बनाया है. गंगा के दियारा को पार कर 40 सीढ़ी चढ़कर इस म्यूजियम में पहुंचा जा सकता है. ये गंगा के टापू पर बना हुआ म्यूजियम है जो लगभग साढ़े तीन एकड़ में फैला हुआ है. यहां ड्रिफ्टवुड आर्ट के 125 पीस करीने से तराशकर रखे गए हैं. जिसमें डांसिंग लेडीज, डांसिंग एलियंस, ऑक्टोपस, एक गाय जिसका थन भी है, हाथी का हेड, हाथी का सूंड, कछुआ, बड़ा सा सांप जिसके ऊपर एक इंसान खड़ा है. ये सब बिल्कुल ओरिजन हैं. यहां विजिट करने में लोगों को काफी रोमांचकारी फील होगा. उनके ड्रिफ्टवुड म्यूजियम में 125 आकृतियों को सहेजकर रखा गया है. इन सभी कलाकृतियों का संकलन उन्होंने दो दशकों के लंबे संघर्षों में किया है.

ये भी पढ़ें: बिहार सरकार ने जारी की व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी की अधिसूचना, जानें आम आदमी के लिए कितना है फायदेमंद

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: आईजी प्रांतोष कुमार दास (Prantosh Kumar Das) सेवानिवृत्त हो गए हैं. विदाई समारोह के दौरान उन्होंने जिस अंदाज में अपने अनुभवों को साझा किया है, वह लोगों को काफी पसंद आ रहा है. उनका ये वीडियो तेजी से वायरल (Bihar Police IPS Viral Video) हो रहा है. अपने विदाई भाषण में एक घटना का जिक्र करते हुए वे कहते हैं कि एक बार पत्नी के बुलावे पर वह मटन खाने के लिए घर आए हुए थे, तभी एसपी का फोन आ गया कि कहां हो? जिसके बाद वे आधे घंटे में घटनास्थल पर पहुंचे और जाम खुलवाया.

ये भी पढ़ें: ड्रिफ्टवुड कला को IPS पीके दास ने बनाया जुनून, ईटीवी भारत से कहा- 'ये एक ऐसा आर्ट जिसकी नकल नहीं हो सकती'

बिहार पुलिस में पुलिस महानिरीक्षक रहे प्रांतोष कुमार दास के रिटायरमेंट का यह वीडियो बिहार सरकार के गृह विभाग के फेसबुक पेज से शेयर किया गया है. इस वीडियो में प्रांतोष कुमार दास की बेबाकी, साफगोई और अलहदा अंदाज लोगों को बहुत पसंद आ रहा है. इसी वीडियो में वे एक घटना का जिक्र करते हुए बताते हैं कि एक बार वाइफ ने फोन किया कि आइयेगा, मटन बना रहे हैं. हमने कहा कि आते हैं, बोरिंग रोड में मेरा घर है हम आ गए. उधर, नया गांव में करंट लगने से चिपककर एक व्यक्ति की मौत हो गई.

प्रांतोष कुमार दास आगे कहते है, 'हमको जैसे ही पता चला हम भी भागे जिप्सी लेकर तुरंत. जैसे ही एग्जीविशन मोड़ पहुंचे, एसपी का फोन आ गया कि आप कहां हो? मैंने कहा कि हाईकोर्ट. सर गुस्सा गए, कमिश्नर साहब फंसे हुए हैं, रोड जाम है. तब हम एसपी साहब को बोले- सर प्लीज मेरा जवाब तो सुन लीजिए, हम वहां 22-25 मिनट में पहुंच जाएंगे और 3 मिनट में जाम छुड़ा देंगे लेकिन आप 30 मिनट तक फोन मत करिएगा, क्योंकि आपका फोन आता है तो हमको टेंशन हो जाता है.' प्रांतोष कहते हैं कि इतना कॉन्फिडेंस के साथ एक डीएसपी कैसे एसपी से बात करता है, यह सीखने की बात है. वे बताते हैं कि घटनास्थल पर जाकर मैंने सर को फोन किया और कहा कि सर घड़ी देखिए. 22 मिनट में मैंने जाम छुड़ा दिया है.

वे आगे कहते हैं कि ये इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि हमने हर साल हर जगह 500 कम्‍युनिटी पुलिस के लड़कों को तैयार किया था. आप जब भी कहीं जाते हैं और जय हिंद कहते है, तभी वहां अगर कोई पांच भी जय हिंद कहते हैं तो काम आसान हो जाता है. मेरा सौभाग्य है कि मैं इतने स्मार्ट अधिकारियों के साथ काम कर पाया हूं.

इसी तरह प्रांतोष कुमार दास ने अपने कार्यकाल के दौरान की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार मैं नवादा में पोस्टेड था. एक इंजीनियर का अपहरण हो गया तो उसकी तलाश में नवादा-जमुई के जंगल में घुस गया. 4 पहाड़ टपकर (पार करना) गया. एक जड़ मुझे मिला, पता नहीं क्यों वो जड़ मुझे अट्रेक्ट कर गया. उसमें कोई शेप नहीं दिखा. उसको उठाकर ले आया. चार पहाड़ टपाना पुलिस वाले के लिए, वैसे मैं भाग्यशाली हूं कि मैं पुलिस वाला हूं, उस जड़ को लेकर किसी तरह लेकर घर आ गया. 2 साल बाद एक दिन मुझे उसमें हाथी का हेड दिखा. एक मुर्गी के बच्चे को मैं पालता था, वो उसमें घुस गया तो हम डंडा लेकर गए तो हाथी का हेड दिख गया. अब मैं रिटायर्ड हो गया हूं. अप्रैल में मैं म्यूजियम को खोल रहा हूं. 4-5 कमरे हैं. आप लोग अपने परिवार के साथ जरूर आएं, मुझे काफी खुशी होगी.

प्रांतोष कुमार दास एक जगह कहते हैं कि मैं तो कॉन्सटेबल से लेकर एडीजी तक साथ में बैठकर खाता हूं, खिलाता हूं. वे कहते हैं कि लोग रिटायर करते हैं तो लोग पूछते हैं कि आप क्या करोगे? मैं आज बेहद खुश हूं कि मैं आज रिटायर हो रहा हूं. इस समाज ने इतना दिया है मुझे, मैं थोड़ा तो वापस करूंगा. आज मैं बहुत खुश है, आज से मैं फ्री हूं. आप लोगों को जब भी मौका मिले, छुट्टी लेकर अपने परिवार के साथ पार्क में आइये और वक्त बिताइये. प्रेम, आदर, सहयोग और हौसला बढ़ाने के लिए आप सभी का धन्यवाद. अब मैं अपने पत्नी और परिवार को समय दूंगा, लेकिन जब भी पुलिस फोर्स को मेरी जरूरत पड़े मैं हाजिर हो जाऊंगा. वास्तव में वह मेरे लिए मेडल की तरह होगा.

ये भी पढ़ें: CM नीतीश के 'निश्चय' को महिला मुखिया का समर्थन, इस काम की हर तरफ हो रही है तारीफ

आपको बताएं कि भागलपुर के बूढ़ानाथ मंदिर के सामने पीके दास ने अपना ड्रिफ्टवुड म्यूजियम बनाया है. गंगा के दियारा को पार कर 40 सीढ़ी चढ़कर इस म्यूजियम में पहुंचा जा सकता है. ये गंगा के टापू पर बना हुआ म्यूजियम है जो लगभग साढ़े तीन एकड़ में फैला हुआ है. यहां ड्रिफ्टवुड आर्ट के 125 पीस करीने से तराशकर रखे गए हैं. जिसमें डांसिंग लेडीज, डांसिंग एलियंस, ऑक्टोपस, एक गाय जिसका थन भी है, हाथी का हेड, हाथी का सूंड, कछुआ, बड़ा सा सांप जिसके ऊपर एक इंसान खड़ा है. ये सब बिल्कुल ओरिजन हैं. यहां विजिट करने में लोगों को काफी रोमांचकारी फील होगा. उनके ड्रिफ्टवुड म्यूजियम में 125 आकृतियों को सहेजकर रखा गया है. इन सभी कलाकृतियों का संकलन उन्होंने दो दशकों के लंबे संघर्षों में किया है.

ये भी पढ़ें: बिहार सरकार ने जारी की व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी की अधिसूचना, जानें आम आदमी के लिए कितना है फायदेमंद

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : Feb 3, 2022, 10:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.