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बिहार के युवाओं की तेजस्वी से बड़ी उम्मीदें, 20 लाख रोजगार देने के एक्शन प्लान पर सरकार का मंथन

बिहार में चुनावी एजेंडा हाल के वर्षों में बदला है और अब रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़े जा रहे हैं, इस मुद्दे पर सरकार भी बन रही हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 19 लाख लोगों को रोजगार देने के वायदे पर सत्ता में आई थी लेकिन अब महागठबंधन की ओर से 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया जा रहा है. लेकिन इसके लिए वित्तीय व्यवस्था करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार के युवाओं की तेजस्वी से बड़ी उम्मीदें
बिहार के युवाओं की तेजस्वी से बड़ी उम्मीदें
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Published : Aug 27, 2022, 7:04 PM IST

पटना: बिहार जातिवादी राजनीति के लिए उर्वर भूमि मानी जाती है लेकिन हाल के कुछ वर्षों में रोजगार बड़ा मुद्दा बन गया (Employment Became Big Issue In Bihar) है. रोजगार के मुद्दे पर चुनाव भी लड़े जा रहे हैं. तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव के दौरान 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वायदा किया था, जवाब में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया और अब बिहार में महागठबंधन की सरकार है, सूबे में सरकार बदल चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने गांधी मैदान के प्राचीर से 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया है.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी यादव का बड़ा बयान- एक महीने में देंगे बंपर रोजगार

बिहार में सभी पार्टियों के लिए रोजगार बना मुद्दा : डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) रोजगार देने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हर रोज शाम 5:00 बजे से 7:00 बजे के दौरान 400 से 500 युवा नौकरी के लिए तेजस्वी यादव से मुलाकात करते हैं. डिप्टी सीएम उनके आवेदन भी ले रहे हैं. 10 सर्कुलर रोड बेरोजगार युवाओं के लिए फिलहाल उम्मीद का केंद्र बना हुआ है. लेकिन अब बिहार सरकार के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना बड़ी चुनौती बन गई है. शराबबंदी के बाद से सरकार के आय में कमी आई है और सीमित संसाधनों में सरकार कैसे वित्तीय व्यवस्था करेगी, इसको लेकर विमर्श का दौर जारी है. आपको बता दें कि बिहार में लगभग 40 लाख सरकारी कर्मी है, जिसके वेतन में हर साल 21842 करोड़ रुपए का खर्च आता है जो कि कुल बजट का 13.2% है. सरकार ने जो वायदे किए हैं अगर उसने लोगों को रोजगार और नौकरी दिया जाता है तो सरकार को 12 हजार करोड़ अतिरिक्त धन की जरूरत होगी.

बिहार में लगभग 40 लाख सरकारी कर्मी : शराबबंदी के बाद से बिहार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है और धन का इंतजाम सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. रोड मैप को लेकर मंथन का दौर जारी है. राकेश पांडे और मधुसूदन शर्मा जैसे सैकड़ों युवाओं के मन में रोजगार को लेकर आस जगी है. तेजस्वी यादव के आवास के बाहर सैकड़ों की तादाद में युवा इसलिए पहुंचे हैं कि उपमुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने का समय दिया है. राकेश पांडे वर्षों से बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग में नौकरी कर रहे थे लेकिन निजीकरण के बाद उनकी छंटनी कर दी गई और आज की तारीख में वह दाने-दाने को मोहताज हैं.

'तेजस्वी यादव ने रोजगार देने का भरोसा दिलाया था और उसी उम्मीद के साथ हम उनसे मिलने आए हैं.' - राकेश पांडे, पूर्व पंप ऑपरेटर, लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग

'तेजस्वी यादव से हमें काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने आज मुझे मिलने का समय दिया है और हमें उम्मीद है कि उनकी मदद से हमें रोजगार मिल जाएगा.' - मधुसूदन शर्मा बेरोजगार युवा

रोजगार देने के लिए सरकार कर रही है मंथन : बिहार विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने सरकार के मंशा पर सवाल खड़े किए हैं, विजय सिन्हा ने कहा कि- 'रोजगार को लेकर सरकार कितनी गंभीर है, उसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोजगार के क्षेत्र में घोटाले का मुद्दा हमने उठाया और उस पर कोई चर्चा नहीं की गई. सरकार सिर्फ लूट-खसोट में लगी है.'

'तेजस्वी यादव ने वादा किया है, उसे हर हाल में निभाया जाएगा. हम मजबूत इरादों के साथ सरकार में आए हैं, इच्छाशक्ति अगर मजबूत हो तो मुकाम मिल जाता है.' - मृत्युंजय झा, राजद प्रवक्ता

'नीतीश कुमार ने 20 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया है, उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा. रोड मैप क्या हो इस पर सरकार मंथन कर रही है.' - अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता

'रोजगार जैसे मुद्दे पर सरकार ने प्रतिबद्धता दिखाई है जो स्वागत योग्य कदम है. अगर 20 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है तो वैसे स्थिति में बिहार के अर्थव्यवस्था को ताकत मिलेगी और मानव विकास सूचकांक में भी बढ़ोतरी होगा. सरकार की अगर इच्छाशक्ति हो तो सरकार पैसे का इंतजाम कर सकती है. सरकार के लिए 20 लाख लोगों को रोजगार देना चुनौतीपूर्ण है लेकिन अगर सरकार भ्रष्टाचार पर काबू कर ले और सरकार के अंदर जो लीकेज है उसे बंद कर दिया जाए तो धन का इंतजाम किया जा सकता है.' - डॉ अविरल पांडे, अर्थशास्त्री

पटना: बिहार जातिवादी राजनीति के लिए उर्वर भूमि मानी जाती है लेकिन हाल के कुछ वर्षों में रोजगार बड़ा मुद्दा बन गया (Employment Became Big Issue In Bihar) है. रोजगार के मुद्दे पर चुनाव भी लड़े जा रहे हैं. तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव के दौरान 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वायदा किया था, जवाब में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया और अब बिहार में महागठबंधन की सरकार है, सूबे में सरकार बदल चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने गांधी मैदान के प्राचीर से 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया है.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी यादव का बड़ा बयान- एक महीने में देंगे बंपर रोजगार

बिहार में सभी पार्टियों के लिए रोजगार बना मुद्दा : डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) रोजगार देने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हर रोज शाम 5:00 बजे से 7:00 बजे के दौरान 400 से 500 युवा नौकरी के लिए तेजस्वी यादव से मुलाकात करते हैं. डिप्टी सीएम उनके आवेदन भी ले रहे हैं. 10 सर्कुलर रोड बेरोजगार युवाओं के लिए फिलहाल उम्मीद का केंद्र बना हुआ है. लेकिन अब बिहार सरकार के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना बड़ी चुनौती बन गई है. शराबबंदी के बाद से सरकार के आय में कमी आई है और सीमित संसाधनों में सरकार कैसे वित्तीय व्यवस्था करेगी, इसको लेकर विमर्श का दौर जारी है. आपको बता दें कि बिहार में लगभग 40 लाख सरकारी कर्मी है, जिसके वेतन में हर साल 21842 करोड़ रुपए का खर्च आता है जो कि कुल बजट का 13.2% है. सरकार ने जो वायदे किए हैं अगर उसने लोगों को रोजगार और नौकरी दिया जाता है तो सरकार को 12 हजार करोड़ अतिरिक्त धन की जरूरत होगी.

बिहार में लगभग 40 लाख सरकारी कर्मी : शराबबंदी के बाद से बिहार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है और धन का इंतजाम सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. रोड मैप को लेकर मंथन का दौर जारी है. राकेश पांडे और मधुसूदन शर्मा जैसे सैकड़ों युवाओं के मन में रोजगार को लेकर आस जगी है. तेजस्वी यादव के आवास के बाहर सैकड़ों की तादाद में युवा इसलिए पहुंचे हैं कि उपमुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने का समय दिया है. राकेश पांडे वर्षों से बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग में नौकरी कर रहे थे लेकिन निजीकरण के बाद उनकी छंटनी कर दी गई और आज की तारीख में वह दाने-दाने को मोहताज हैं.

'तेजस्वी यादव ने रोजगार देने का भरोसा दिलाया था और उसी उम्मीद के साथ हम उनसे मिलने आए हैं.' - राकेश पांडे, पूर्व पंप ऑपरेटर, लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग

'तेजस्वी यादव से हमें काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने आज मुझे मिलने का समय दिया है और हमें उम्मीद है कि उनकी मदद से हमें रोजगार मिल जाएगा.' - मधुसूदन शर्मा बेरोजगार युवा

रोजगार देने के लिए सरकार कर रही है मंथन : बिहार विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने सरकार के मंशा पर सवाल खड़े किए हैं, विजय सिन्हा ने कहा कि- 'रोजगार को लेकर सरकार कितनी गंभीर है, उसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोजगार के क्षेत्र में घोटाले का मुद्दा हमने उठाया और उस पर कोई चर्चा नहीं की गई. सरकार सिर्फ लूट-खसोट में लगी है.'

'तेजस्वी यादव ने वादा किया है, उसे हर हाल में निभाया जाएगा. हम मजबूत इरादों के साथ सरकार में आए हैं, इच्छाशक्ति अगर मजबूत हो तो मुकाम मिल जाता है.' - मृत्युंजय झा, राजद प्रवक्ता

'नीतीश कुमार ने 20 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया है, उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा. रोड मैप क्या हो इस पर सरकार मंथन कर रही है.' - अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता

'रोजगार जैसे मुद्दे पर सरकार ने प्रतिबद्धता दिखाई है जो स्वागत योग्य कदम है. अगर 20 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है तो वैसे स्थिति में बिहार के अर्थव्यवस्था को ताकत मिलेगी और मानव विकास सूचकांक में भी बढ़ोतरी होगा. सरकार की अगर इच्छाशक्ति हो तो सरकार पैसे का इंतजाम कर सकती है. सरकार के लिए 20 लाख लोगों को रोजगार देना चुनौतीपूर्ण है लेकिन अगर सरकार भ्रष्टाचार पर काबू कर ले और सरकार के अंदर जो लीकेज है उसे बंद कर दिया जाए तो धन का इंतजाम किया जा सकता है.' - डॉ अविरल पांडे, अर्थशास्त्री

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