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मोतिहारी : AES को लेकर अलर्ट, सरकारी आंकड़ों के अनुसार 8 बच्चे चपेट में

बिहार में एईएस तेजी से बढ़ रहा है. एईएस की चपेट में आने से अबतक दर्जनों बच्चों का मौत हो चुकी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मोतिहारी में 8 बच्चे एईएस के चपेट में हैं.

AES को लेकर जिला एलर्ट
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Published : Jun 12, 2019, 7:47 AM IST

मोतिहारी: आसमान से आग बरस रही है, लोग गर्मी से हकलान हैं. गर्मी के कारण एईएस ने जिले में अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पूर्वी चंपारण के 8 बच्चे एईएस के चपेट में हैं. इसलिए जिला प्रशासन इसको लेकर हाई अलर्ट पर है. इस जिला को डेंजर जोन में रखा गया है.

AES का कहर जारी
तपती गर्मी के साथ बच्चों के लिए काल बन चुके एईएस का कहर जारी है. बिहार का मुजफ्फरपुर जिला हर साल एईएस से सबसे अधिक प्रभावित होता है. मुजफ्फरपुर से सटे होने के कारण मोतिहारी के कई प्रखंडों में भी एईएस कहर जारी है.

जानकारी देते सिविल सर्जन

8 बच्चे एईएस की चपेट में
इस साल सरकारी आंकड़ों के अनुसार 8 बच्चे एईएस की चपेट में हैं जबकि गैर सरकारी आंकड़े इससे ज्यादा हैं. इस बिमारी के ग्रसित बच्चे निजी नर्सिंग होम में भी ईलाज के लिए जाते हैं जिसका आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मेहसी, मधुबन, पिपरा और चकिया प्रखंड के बीमार बच्चों का ईलाज मुजफ्फरपुर और जिले के अन्य नर्सिंग होम में चल रहा है.

चिकित्सकों को किया गया अलर्ट
सदर अस्पताल से लेकर सभी रेफरल और प्रखंड स्थित पीएचसी में एईएस को लेकर विशेष वार्ड बनाया गया है. साथ ही दवाओं के साथ चिकित्सकों की भी तैनाती कर दी गई है. प्रखंडों में एईएस के मरीज के लिए एंबुलेंस को भी सुरक्षित रखा गया है. चिकित्सकों को भी अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है. सदर अस्पताल में अत्याधुनिक स्पेशल केयर युनिट बनाया गया है जहां अंडरग्राउंड पाईप से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है.

मोतिहारी: आसमान से आग बरस रही है, लोग गर्मी से हकलान हैं. गर्मी के कारण एईएस ने जिले में अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पूर्वी चंपारण के 8 बच्चे एईएस के चपेट में हैं. इसलिए जिला प्रशासन इसको लेकर हाई अलर्ट पर है. इस जिला को डेंजर जोन में रखा गया है.

AES का कहर जारी
तपती गर्मी के साथ बच्चों के लिए काल बन चुके एईएस का कहर जारी है. बिहार का मुजफ्फरपुर जिला हर साल एईएस से सबसे अधिक प्रभावित होता है. मुजफ्फरपुर से सटे होने के कारण मोतिहारी के कई प्रखंडों में भी एईएस कहर जारी है.

जानकारी देते सिविल सर्जन

8 बच्चे एईएस की चपेट में
इस साल सरकारी आंकड़ों के अनुसार 8 बच्चे एईएस की चपेट में हैं जबकि गैर सरकारी आंकड़े इससे ज्यादा हैं. इस बिमारी के ग्रसित बच्चे निजी नर्सिंग होम में भी ईलाज के लिए जाते हैं जिसका आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मेहसी, मधुबन, पिपरा और चकिया प्रखंड के बीमार बच्चों का ईलाज मुजफ्फरपुर और जिले के अन्य नर्सिंग होम में चल रहा है.

चिकित्सकों को किया गया अलर्ट
सदर अस्पताल से लेकर सभी रेफरल और प्रखंड स्थित पीएचसी में एईएस को लेकर विशेष वार्ड बनाया गया है. साथ ही दवाओं के साथ चिकित्सकों की भी तैनाती कर दी गई है. प्रखंडों में एईएस के मरीज के लिए एंबुलेंस को भी सुरक्षित रखा गया है. चिकित्सकों को भी अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है. सदर अस्पताल में अत्याधुनिक स्पेशल केयर युनिट बनाया गया है जहां अंडरग्राउंड पाईप से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है.

Intro:मोतिहारी।आसमान से आग बरस रही है और आम जनजीवन गर्मी से हकलान है।ऐसे में इस गर्मी के कारण एईएस का कहर जिला में शुरु हो गया है।सरकारी आंकड़ो के अनुसार जिले के आठ बच्चे एईएस के चपेट में है।जबकि पूर्वी चंपारण जिला एईएस को लेकर हाई अलर्ट पर है और इस जिला को डेंजर जोन में रखा गया है।एईएस को लेकर सदर अस्पताल में स्पेशल वार्ड बनाया गया है।साथ हीं सभी प्रखंडों में एईएस को लेकर व्यवस्था किया गया है।


Body:गर्मी के धमक के साथ हीं बच्चों के लिए काल बन चुके एईएस का कहर शुरु हो जाता है।बिहार में एईएस से हर साल मुजफ्फरपुर सबसे अधिक प्रभावित होता है।उसके बाद मुजफ्फरपुर से सटे होने के कारण जिले के कई प्रखंडों में एईएस का तांडव शुरु हो जाता है।इस साल भी सरकारी आंकड़ो के अनुसार आठ बच्चे एईएस के चपेट में हैं।जबकि गैर सरकारी आंकड़े इससे ज्यादा है।क्योंकि इस बिमारी के ग्रसित बच्चों को लेकर निजी नर्सिंग होम में भी ईलाज के लिए जाते हैं।जिसका आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है।सरकारी आंकड़ा के अनुसार मेहसी,मधुबन,पिपरा और चकिया प्रखंड के एईएस से बीमार बच्चों का ईलाज मुजफ्फरपुर और जिले के अन्य नर्सिंग होम में चल रहा है।जिसपर स्वास्थ्य महकमा की नजर है।


Conclusion:एईएस को लेकर सदर अस्पताल से लेकर सभी रेफरल और प्रखंड स्थित पीएचसी में एईएस को लेकर विशेष वार्ड बनाया गया है।साथ हीं दवाओं के साथ चिकित्सकों की भी तैनाती कर दी गई है।प्रखंडों में एईएस के मरीज के लिए एंबूलेंस को भी सुरक्षित रखा गया है।चिकित्सकों को भी अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।सदर अस्पताल में अत्याधुनिक स्पेशल केयर युनिट बनाया गया है।जहां अंडरग्राउंड पाईप से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है।
बाईट.....डॉ. बीके सिंह.......सिविल सर्जन
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