नई दिल्ली : पूर्वोत्तर भारत में चीनी आक्रामकता के संबंध में मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. चीन की ओर से किए जा रहे कथित निर्माण पर विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है. हालांकि, भाजपा सांसद तापिर गाओ ने कहा है कि चीन की ओर से अरुणाचल के इलाकों में लंबे समय से निर्माण किए जा रहे हैं.
ताजा घटनाक्रम में तापिर गाओ ने कहा है कि तीन 1980 से ही सड़क बना रहा है. उन्होंने कहा कि चीन ने लोंग्जू से माजा (Longju to Maza) जाने के लिए सड़क निर्माण किया है. गाओ ने कहा कि राजीव गांधी के शासन के दौरान, चीन ने तवांग में सुमदोरोंग चू (Sumdorong Chu Valley) घाटी पर कब्जा कर लिया
भाजपा सांसद का कहना है कि तत्कालीन सेना प्रमुख ने चीन की सेना- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को खदेड़ने के लिए एक योजना बनाई थी, लेकिन राजीव गांधी ने सेना को अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
इससे पहले सोमवार को भी तापिर गाओ ने कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले में लेंसी नदी (Lency river) के पास एक जल विद्युत परियोजना और राजमार्ग का निर्माण कर रहा है. अपने दावे के समर्थन में भाजपा सासंद तापिर गाओ ने तस्वीर भी जारी की.
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गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय ने मीडिया में आई उस खबर पर कोई भी सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिसमें दावा किया गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा के अंदर एक गांव का निर्माण किया है. कथित तौर पर इसे अगस्त 2019 के बाद बनाया गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एलएसी के पास बहुत तेजी से ढांचागत निर्माण का कार्य कर रहा है.
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विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सरकार ने सड़कें, पुलों आदि के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाया है, जिसने सीमा के साथ स्थानीय आबादी को बहुत आवश्यक कनेक्टिविटी प्रदान की है. मंत्रालय ने कहा कि सरकार अरुणाचल प्रदेश सहित सीमा पर रहे नागरिकों की आजीविका में सुधार के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा बनाने के उद्देश्य से प्रतिबद्ध है.
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ ने बीते साल ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा था कि चीन ने अक्साई चीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. भारत के लिए उस क्षेत्र पर दावा करने और हमेशा के लिए विवाद सुलझाने का यह सही समय है. बता दें कि तापिर गाव अक्सर चीन की घुसपैठ के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं.
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चीन ने अक्साई चीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. भारत के लिए उस क्षेत्र पर दावा करने और हमेशा के लिए विवाद सुलझाने का यह सही समय है. गौरतलब है, साल 1962 के युद्ध के पहले अक्साई चीन लद्दाख क्षेत्र का हिस्सा था, जिसे बीजिंग ने कब्जा कर लिया था. यह अब तक दोनों देशों के बीच विवादित क्षेत्र बना हुआ है.