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Swami Prabhupada : 125वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का - pm modi on Swami Prabhupada

स्वामी प्रभुपाद (Swami Prabhupada) की 125वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने सिक्का जारी किया. बता दें कि इस्कॉन के संस्थापक और 'हरे राम-हरे कृष्ण' महामंत्र से विश्व मे श्री कृष्ण भक्ति की अलख जगाने वाले श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद (Srila Bhaktivedanta Swami Prabhupada) की आज 125वीं जयंती है.

पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का
पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का
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Published : Sep 1, 2021, 5:05 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 10:22 PM IST

नई दिल्ली : स्वामी प्रभुपाद (Swami Prabhupada) की 125वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 125 रुपए का विशेष स्मारक सिक्का जारी किया. इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के संस्थापक श्री भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर स्मारक सिक्का जारी करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्वामी प्रभुपाद को एक अलौकिक कृष्णभक्त बताया और कहा कि वह एक महान देश भक्त भी थे. उन्होंने कहा, 'स्वामी जी ने देश के स्वतन्त्रता संग्राम में संघर्ष किया था. उन्होंने असहयोग आंदोलन के समर्थन में स्कॉटिश कॉलेज से अपना डिप्लोमा तक लेने से मना कर दिया था.'

स्वामी प्रभुपाद ने देश-विदेश में सौ से अधिक मंदिरों की भी स्थापना की और दुनिया को भक्ति योग का मार्ग दिखाने वाली कई किताबें लिखीं. उनके द्वारा स्थापित इस्कॉन को आमतौर पर 'हरे कृष्ण आंदोलन' के रूप में जाना जाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में स्थित इस्कॉन मंदिर और गुरुकुल भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए हुये हैं.

Swami Prabhupada : 125वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का
Swami Prabhupada : 125वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, 'इस्कॉन ने दुनिया को बताया है कि भारत के लिए आस्था का मतलब है- उमंग, उत्साह, और उल्लास और मानवता पर विश्वास.' प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता के हित में भारत दुनिया को कितना कुछ दे सकता है, योग, आयुर्वेद और विज्ञान आज इसका बड़े उदाहरण है और इनका लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है.

उन्होंने कहा, 'हम जब भी किसी दूसरे देश में जाते हैं और वहां जब लोग 'हरे कृष्ण' बोलकर मिलते हैं तो हमें कितना अपनापन लगता है... कितना गौरव भी होता है. कल्पना करिए, यही अपनापन जब हमें 'मेक इन इंडिया' उत्पादों के लिए मिलेगा तो हमें कैसा लगेगा.'

Swami Prabhupada : 125वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का

पश्चिम तक पहुंचाया वेद-वेदांत
प्रधानमंत्री ने विद्वानों का हवाला देते हुए कहा कि अगर भक्तिकाल की सामाजिक क्रांति न होती तो भारत न जाने कहां होता और किस स्वरूप में होता. उन्होंने कहा, 'लेकिन उस कठिन समय में चैतन्य महाप्रभु जैसे संतों ने हमारे समाज को भक्ति की भावना से बांधा. उन्होने 'विश्वास से आत्मविश्वास' का मंत्र दिया. एक समय अगर स्वामी विवेकानंद जैसे मनीषी आए जिन्होंने वेद-वेदान्त को पश्चिम तक पहुंचाया, तो वहीं विश्व को जब भक्तियोग को देने की जिम्मेदारी आई तो श्री प्रभुपाद और इस्कॉन ने इस महान कार्य का बीड़ा उठाया. उन्होंने भक्ति वेदान्त को दुनिया की चेतना से जोड़ने का काम किया.'

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और इस्कॉन से जुड़े तमाम पदाधिकारी व भक्त भी इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए.

उल्लेखनीय है कि श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (International Society for Krishna Consciousness ) की स्थापना की थी. इसे आमतौर पर 'हरे कृष्ण आंदोलन' के रूप में जाना जाता है.

यह भी पढ़ें- इस्कॉन की स्थापना करने वाले स्वामी प्रभुपाद के बारे में जानें सबकुछ

इस्कॉन ने श्रीमद्भगवद गीता (Shrimad Bhagvad Geeta) और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया. यह दुनिया भर में वैदिक साहित्य के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. स्वामीजी ने सौ से अधिक मंदिरों की भी स्थापना की और दुनिया को भक्ति योग का मार्ग सिखाने वाली कई किताबें लिखी हैं.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : स्वामी प्रभुपाद (Swami Prabhupada) की 125वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 125 रुपए का विशेष स्मारक सिक्का जारी किया. इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के संस्थापक श्री भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर स्मारक सिक्का जारी करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्वामी प्रभुपाद को एक अलौकिक कृष्णभक्त बताया और कहा कि वह एक महान देश भक्त भी थे. उन्होंने कहा, 'स्वामी जी ने देश के स्वतन्त्रता संग्राम में संघर्ष किया था. उन्होंने असहयोग आंदोलन के समर्थन में स्कॉटिश कॉलेज से अपना डिप्लोमा तक लेने से मना कर दिया था.'

स्वामी प्रभुपाद ने देश-विदेश में सौ से अधिक मंदिरों की भी स्थापना की और दुनिया को भक्ति योग का मार्ग दिखाने वाली कई किताबें लिखीं. उनके द्वारा स्थापित इस्कॉन को आमतौर पर 'हरे कृष्ण आंदोलन' के रूप में जाना जाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में स्थित इस्कॉन मंदिर और गुरुकुल भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए हुये हैं.

Swami Prabhupada : 125वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का
Swami Prabhupada : 125वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, 'इस्कॉन ने दुनिया को बताया है कि भारत के लिए आस्था का मतलब है- उमंग, उत्साह, और उल्लास और मानवता पर विश्वास.' प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता के हित में भारत दुनिया को कितना कुछ दे सकता है, योग, आयुर्वेद और विज्ञान आज इसका बड़े उदाहरण है और इनका लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है.

उन्होंने कहा, 'हम जब भी किसी दूसरे देश में जाते हैं और वहां जब लोग 'हरे कृष्ण' बोलकर मिलते हैं तो हमें कितना अपनापन लगता है... कितना गौरव भी होता है. कल्पना करिए, यही अपनापन जब हमें 'मेक इन इंडिया' उत्पादों के लिए मिलेगा तो हमें कैसा लगेगा.'

Swami Prabhupada : 125वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का

पश्चिम तक पहुंचाया वेद-वेदांत
प्रधानमंत्री ने विद्वानों का हवाला देते हुए कहा कि अगर भक्तिकाल की सामाजिक क्रांति न होती तो भारत न जाने कहां होता और किस स्वरूप में होता. उन्होंने कहा, 'लेकिन उस कठिन समय में चैतन्य महाप्रभु जैसे संतों ने हमारे समाज को भक्ति की भावना से बांधा. उन्होने 'विश्वास से आत्मविश्वास' का मंत्र दिया. एक समय अगर स्वामी विवेकानंद जैसे मनीषी आए जिन्होंने वेद-वेदान्त को पश्चिम तक पहुंचाया, तो वहीं विश्व को जब भक्तियोग को देने की जिम्मेदारी आई तो श्री प्रभुपाद और इस्कॉन ने इस महान कार्य का बीड़ा उठाया. उन्होंने भक्ति वेदान्त को दुनिया की चेतना से जोड़ने का काम किया.'

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और इस्कॉन से जुड़े तमाम पदाधिकारी व भक्त भी इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए.

उल्लेखनीय है कि श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (International Society for Krishna Consciousness ) की स्थापना की थी. इसे आमतौर पर 'हरे कृष्ण आंदोलन' के रूप में जाना जाता है.

यह भी पढ़ें- इस्कॉन की स्थापना करने वाले स्वामी प्रभुपाद के बारे में जानें सबकुछ

इस्कॉन ने श्रीमद्भगवद गीता (Shrimad Bhagvad Geeta) और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया. यह दुनिया भर में वैदिक साहित्य के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. स्वामीजी ने सौ से अधिक मंदिरों की भी स्थापना की और दुनिया को भक्ति योग का मार्ग सिखाने वाली कई किताबें लिखी हैं.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Sep 1, 2021, 10:22 PM IST
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