रामनाथपुरम: श्रीलंका इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और आवश्यक वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. हाल ही में कोलंबो में प्रेसिडेंशियल पैलेस को जनता ने घेर लिया था. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें रोजाना कई गुना बढ़ रही हैं, जिससे लोग अपनी क्रय शक्ति खो रहे हैं और मंहगाई से लड़ने का हौसला भी खोते जा रहे हैं. इससे वहां के नागरिकों में अशांति का माहौल बन गया है. नतीजतन, गंभीर आर्थिक संकट के कारण वहां की जनता ने श्रीलंका से पलायन करना शुरू कर दिया है.
एक ही परिवार के छह सदस्य 22 मार्च को रामेश्वरम द्वीप (धनुषकोडी) पर शरणार्थी बनकर पहुंचे. श्रीलंका को शरणार्थी के रूप में छोड़ने वाले तमिलों को ले जा रही नाव को चौथी रेत पट्टी पर उतारा गया. उन्हें वहां से बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल रवाना किया गया. ऐसे में श्रीलंका से आने वाले शरणार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि यह श्रीलंका नहीं है जिसे हम जानते हैं. मेरे लिए वहां जीवन काफी कठिन हो गया था. मैं अपने परिवार को पालने के लिए संघर्ष कर रहा था. हम नहीं जानते कि हमें यहां कौन लाया, हम बस एक नाव पर सवार हुए थे और हमें यहां लाया गया.
शरणार्थियों के मुताबिक गैस सिलेंडर की कीमत एसएलआर (श्रीलंकाई रुपया) 1,900 से बढ़कर 4,000 हो गई है और चावल की कीमत एसएलआर 130 से बढ़कर 230 प्रति किलो पहुंच गई है. एक अंडे की कीमत SLR 35 है. (एक श्रीलंकाई रुपया 0.27 भारतीय रुपये के बराबर है). हमें कोई नौकरी नहीं मिली और हमारी मजदूरी भी गिर रही थी. चूंकि आर्थिक कठिनाई बहुत अधिक थी, इसलिए हमने भारत भाग कर आने का फैसला किया.
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