सूरतः देश भर में कई लोग ऐसे हैं जो ट्यूबरकुलोसिस (टीबी या यक्ष्मा) जैसी बीमारी न होते हुए भी इससे ग्रसित होने की गलतफहमी में जिंदगी जी रहे हैं. अधिकतर टीबी की मात्र जांच ही मरीजों को बेहद महंगी पड़ जाती है. हालांकि, अब लोगों को इस गलतफहमी से बाहर निकालने और सस्ते में ही टीबी की जांच के लिए सूरत के एक डॉक्टर ने गुजरात यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर टीबी पर शोध किया है.
गौरतलब है कि इस शोध से, मरीज मात्र 10 से 15 रुपए की कीमत पर यह जान सकता है कि उसे टीबी है या नहीं. डॉ धनजी रजनी ने रिसर्च की है जिससे यूरिन या ब्लड के सैम्पल से टीबी की पहचान की जा सकेगी.
वैसे तो, खांसी के कई अलग अलग तरह के टेस्ट के जरिये भी टीबी की पहचान की जा सकती है. लेकिन बता दें कि, HIV के मरीजों और छोटे बच्चों को आसानी से खांसी जैसी शिकायत नहीं होती है.
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आपको बता दें कि इस तकनीक ने टीबी रिपोर्ट की लागत को 6,000 से घटाकर सिर्फ 10 से 15 रुपए कर दिया है.
गौरतलब है कि, डॉक्टर ने साल 2015 में रिपोर्ट को पैटर्न के लिए भेजा था. जिसके बाद अब सरकार ने जुलाई 2019 में अगले 20 सालों के लिए पैटर्न को ऑथोराइज किया है.