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विक्रमादित्य का राजेंद्र राणा पर पलटवार, "शिमला वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट में नहीं बरती गई अनियमिता, नियमों के तहत हुआ टेंडर" - Vikramaditya Slams Rajinder Rana - VIKRAMADITYA SLAMS RAJINDER RANA

Vikramaditya Singh Slams Rajinder Rana: कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पूर्व विधायक राजेंद्र राणा के शिमला शहर के लिए निर्माणाधीन पानी के प्रोजेक्ट पर अनियमितता बरते जाने के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा शिमला शहर के लिए 24 घंटे वाटर सप्लाई को लेकर निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जा रही है.

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विक्रमादित्य का राजेंद्र राणा पर पलटवार
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 10, 2024, 9:55 PM IST

Updated : Apr 10, 2024, 10:58 PM IST

विक्रमादित्य सिंह का राजेंद्र राणा पर पलटवार

शिमला: हिमाचल में सुक्खू सरकार के मंत्रियों और बागियों के बीच आरोप प्रत्यारोप लगातार जारी है. इसी कड़ी में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पूर्व विधायक राजेंद्र राणा के शिमला शहर के लिए निर्माणाधीन पानी के प्रोजेक्ट पर अनियमितता बरते जाने के आरोपों पर स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी देने के लिए निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है.

विक्रमादित्य सिंह ने राजेंद्र राणा के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, "शिमला के लिए 24 घंटे पानी के लिए निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जा रहा है. इसमें एक चरण में सतलुज नदी से पानी उठाया जा रहा है, वहीं दूसरे चरण में शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी का सही तरह से डिस्ट्रीब्यूशन किया जाना है. जिसके लिए नियमों के तहत L-1 फर्म को कार्य का जिम्मा सौंपा गया है. इसके लिए बकायदा नियम और कायदे के तहत टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया गया है".

विक्रमादित्य सिंह ने राजेंद्र राणा के आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा, "प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन किया गया है. जिसमें आईटीआई रुड़की के सदस्यों, इंडिपेंडेंट डायरेक्टर और एक्सपर्ट शामिल किया गया है. इनके निर्णय के बाद ही 23 फरवरी को L-1 फॉर्म को काम अवार्ड किया गया. जिस पर 13 मार्च को कैबिनेट की मुहर लगने के बाद कार्य को अवार्ड किया गया है. सरकार ने 100 करोड़ रुपए फर्म को जारी किए, जिसमे से 10 करोड़ के किक बैक की चर्चाएं बाजार में हो रही हैं. लेकिन अब तक फर्म को एक भी रुपया नहीं दिया गया".

'जनता के सामने रखेंगे पूरा रिकॉर्ड': विक्रमादित्य सिंह ने पूर्व विधायक राजेंद्र राणा के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है. उन्होंने कहा सरकार की जवाबदेही जनता के प्रति है. इसलिए आने वाले दिनों में प्रोजेक्ट को लेकर पूरा रिकॉर्ड जनता के सामने रखा जाएगा. बता दें कि राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा हाल ही में शिमला शहर के लिए निर्माणाधीन 24 घंटे पानी की सप्लाई देने का लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्त पोषित प्रोजेक्ट को लेकर सरकार पर अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए है.

राजेंद्र राणा ने कहा,15 मार्च को ही चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी किया था, जिसमें 16 मार्च को चुनाव की तारीखों का ऐलान किए जाने का हवाला दिया गया था. इसके बाद आनन-फानन में 15 मार्च को ही कंपनी को एडवांस में 100 करोड़ की राशि जारी कर दी गई, जो संदेह पैदा कर रहा है. राणा ने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए तीन बार टेंडर आमंत्रित किए गए थे, जिसमें हर बार सिर्फ एक ही फर्म ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया. इस पर संबंधित विभाग के मंत्री ने फाइल में एक फर्म को काम नहीं दिए जाने का हवाला दिया था. लेकिन इसके बाद भी इस कैबिनेट में लाकर पास कर दिया गया.

ये भी पढ़ें: "जब से व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार आई है, तब से प्रदेश की जनता त्रस्त है"

विक्रमादित्य सिंह का राजेंद्र राणा पर पलटवार

शिमला: हिमाचल में सुक्खू सरकार के मंत्रियों और बागियों के बीच आरोप प्रत्यारोप लगातार जारी है. इसी कड़ी में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पूर्व विधायक राजेंद्र राणा के शिमला शहर के लिए निर्माणाधीन पानी के प्रोजेक्ट पर अनियमितता बरते जाने के आरोपों पर स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी देने के लिए निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है.

विक्रमादित्य सिंह ने राजेंद्र राणा के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, "शिमला के लिए 24 घंटे पानी के लिए निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जा रहा है. इसमें एक चरण में सतलुज नदी से पानी उठाया जा रहा है, वहीं दूसरे चरण में शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी का सही तरह से डिस्ट्रीब्यूशन किया जाना है. जिसके लिए नियमों के तहत L-1 फर्म को कार्य का जिम्मा सौंपा गया है. इसके लिए बकायदा नियम और कायदे के तहत टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया गया है".

विक्रमादित्य सिंह ने राजेंद्र राणा के आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा, "प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन किया गया है. जिसमें आईटीआई रुड़की के सदस्यों, इंडिपेंडेंट डायरेक्टर और एक्सपर्ट शामिल किया गया है. इनके निर्णय के बाद ही 23 फरवरी को L-1 फॉर्म को काम अवार्ड किया गया. जिस पर 13 मार्च को कैबिनेट की मुहर लगने के बाद कार्य को अवार्ड किया गया है. सरकार ने 100 करोड़ रुपए फर्म को जारी किए, जिसमे से 10 करोड़ के किक बैक की चर्चाएं बाजार में हो रही हैं. लेकिन अब तक फर्म को एक भी रुपया नहीं दिया गया".

'जनता के सामने रखेंगे पूरा रिकॉर्ड': विक्रमादित्य सिंह ने पूर्व विधायक राजेंद्र राणा के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है. उन्होंने कहा सरकार की जवाबदेही जनता के प्रति है. इसलिए आने वाले दिनों में प्रोजेक्ट को लेकर पूरा रिकॉर्ड जनता के सामने रखा जाएगा. बता दें कि राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा हाल ही में शिमला शहर के लिए निर्माणाधीन 24 घंटे पानी की सप्लाई देने का लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्त पोषित प्रोजेक्ट को लेकर सरकार पर अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए है.

राजेंद्र राणा ने कहा,15 मार्च को ही चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी किया था, जिसमें 16 मार्च को चुनाव की तारीखों का ऐलान किए जाने का हवाला दिया गया था. इसके बाद आनन-फानन में 15 मार्च को ही कंपनी को एडवांस में 100 करोड़ की राशि जारी कर दी गई, जो संदेह पैदा कर रहा है. राणा ने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए तीन बार टेंडर आमंत्रित किए गए थे, जिसमें हर बार सिर्फ एक ही फर्म ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया. इस पर संबंधित विभाग के मंत्री ने फाइल में एक फर्म को काम नहीं दिए जाने का हवाला दिया था. लेकिन इसके बाद भी इस कैबिनेट में लाकर पास कर दिया गया.

ये भी पढ़ें: "जब से व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार आई है, तब से प्रदेश की जनता त्रस्त है"

Last Updated : Apr 10, 2024, 10:58 PM IST
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