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धूमधाम से मनाया गया 713वां उर्स, हिंदू धर्म के लोगों ने भी मांगी मन्नत, सुरक्षा के कड़े इतंजाम - URS CELEBRATION IN NUH

हरियाणा के नूंह में हजरत शेख मूसा दरगाह पल्ला प्रांगण में 713 वां सालाना उर्स हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.

Urs Celebration in Nuh
Urs Celebration in Nuh (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 30, 2024, 8:13 PM IST

Updated : Dec 1, 2024, 9:22 AM IST

नूंह: हरियाणा के नूंह में हजरत शेख मूसा दरगाह पल्ला प्रांगण में 713 वां सालाना उर्स हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान दूर दराज से आए लोगों ने सालाना उर्स में शिरकत की. भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. इसके अलावा मुस्लिम धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म के लोगों ने भी यहां आकर मन्नत मांगी. सबसे खास बात यह रही की सुरक्षा के यहां पूरी तरह से चाक चौबंद इंतजाम किए गए थे. भीड़ से कहीं ज्यादा पुलिस के जवान चारों तरफ दिखाई पड़ रहे थे. हथियारों से लैस करीब 300 पुलिस के जवानों की यहां तैनाती की गई थी.

उर्स में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: आपको बता दें कि सालाना उर्स मनाने को लेकर यहां दो पक्षों में विवाद था. जिसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. हालांकि जिला प्रशासन ने परमिशन देने से पहले ही दोनों पक्षों में सुलह करा दी थी. लेकिन एहतियात के तौर पर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दी. आयोजक कमेटी से जुड़े रफीक कादरी ने कहा कि हजरत शेख मूसा दरगाह पर देश, राज्य और इलाके के लोगों के लिए मुबारकबाद पेश करता हूं. उन्होंने कहा कि यह हजरत शेख मूसा इंसानियत के लिए पैगाम, अमन शांति, भाईचारे का पैगाम देते हैं.

Urs Celebration in Nuh (Etv Bharat)

यह एक अजूबा है: उन्होंने कहा कि हजरत शेख मूसा जैसे बुजुर्गों के रास्ते पर चलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जहां तक दरगाह के इतिहास की बात है. हजरत शेख मूसा की दरगाह में जो पानी है. उससे चर्म रोग खासकर शरीर के मस्से पूरी तरह से दूर हो जाते हैं. मुख्य द्वार की जो मीनार हैं, उनको एक मीनार को हिलाने से दूसरी मीनार अपने आप हिलती है. यह एक अजूबा है. यह बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि जब इसको पर्यटक हिलाते हैं तो दूसरी में कंपन महसूस होती है.

उर्स पर था विवाद: आयोजक ने कहा कि बादशाह के शासन में यह दरगाह बनी है. हजरत की याद में यह बनी है. ऐतिहासिक दरगाह है. उन्होंने कहा कि हजरत शेख मूसा इस्लाम धर्म का प्रचार करने के लिए निकले थे और उसके बाद वह यहीं पर बस गए थे. उन्होंने कहा कि सालाना उर्स को लेकर जो विवाद चल रहा था. आपसी समझौते से मसला हल कर दिया था. अब कोई खिलाफ नहीं है. प्रशासन का हम आभार व्यक्त करते हैं की बहुत ही शांतिपूर्वक ढंग से यह कार्यक्रम आयोजित हुआ है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम यहां पर किए गए हैं.

हजरत शेख मूसा की दरगाह पर उर्स: डीएसपी अजायब सिंह ने कहा कि भारी सुरक्षा के इंतजाम सालाना उर्स पर किए गए हैं. किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह मुस्तैद थी. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के नेता जमाल सिद्दीकी ने कहा कि सूफी संतों के दिखाए हुए रास्तों पर हमें चलना चाहिए. हजरत शेख मूसा की दरगाह पर जो सालाना उर्स आयोजित हुआ है. इसमें भाग लेने का अवसर मिला है. यह बहुत ही प्राचीन दरगाह है और इस कार्यक्रम में भाग लेकर मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है. कुल मिलाकर यहां आने वाले लोगों ने लंगर छका और मन्नत मांगी. यहां उलेमाओं के द्वारा बुराइयों से निपटने और हजरत शेख मूसा के इतिहास को लेकर बातचीत की गई.

ये भी पढ़ें: इंटरनेशनल गीता महोत्सव में मिठास घोल रही गोहाना की प्रसिद्ध जलेबी, विधानसभा चुनावों में भी बटोर चुकी है सुर्खियां

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नूंह: हरियाणा के नूंह में हजरत शेख मूसा दरगाह पल्ला प्रांगण में 713 वां सालाना उर्स हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान दूर दराज से आए लोगों ने सालाना उर्स में शिरकत की. भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. इसके अलावा मुस्लिम धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म के लोगों ने भी यहां आकर मन्नत मांगी. सबसे खास बात यह रही की सुरक्षा के यहां पूरी तरह से चाक चौबंद इंतजाम किए गए थे. भीड़ से कहीं ज्यादा पुलिस के जवान चारों तरफ दिखाई पड़ रहे थे. हथियारों से लैस करीब 300 पुलिस के जवानों की यहां तैनाती की गई थी.

उर्स में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: आपको बता दें कि सालाना उर्स मनाने को लेकर यहां दो पक्षों में विवाद था. जिसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. हालांकि जिला प्रशासन ने परमिशन देने से पहले ही दोनों पक्षों में सुलह करा दी थी. लेकिन एहतियात के तौर पर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दी. आयोजक कमेटी से जुड़े रफीक कादरी ने कहा कि हजरत शेख मूसा दरगाह पर देश, राज्य और इलाके के लोगों के लिए मुबारकबाद पेश करता हूं. उन्होंने कहा कि यह हजरत शेख मूसा इंसानियत के लिए पैगाम, अमन शांति, भाईचारे का पैगाम देते हैं.

Urs Celebration in Nuh (Etv Bharat)

यह एक अजूबा है: उन्होंने कहा कि हजरत शेख मूसा जैसे बुजुर्गों के रास्ते पर चलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जहां तक दरगाह के इतिहास की बात है. हजरत शेख मूसा की दरगाह में जो पानी है. उससे चर्म रोग खासकर शरीर के मस्से पूरी तरह से दूर हो जाते हैं. मुख्य द्वार की जो मीनार हैं, उनको एक मीनार को हिलाने से दूसरी मीनार अपने आप हिलती है. यह एक अजूबा है. यह बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि जब इसको पर्यटक हिलाते हैं तो दूसरी में कंपन महसूस होती है.

उर्स पर था विवाद: आयोजक ने कहा कि बादशाह के शासन में यह दरगाह बनी है. हजरत की याद में यह बनी है. ऐतिहासिक दरगाह है. उन्होंने कहा कि हजरत शेख मूसा इस्लाम धर्म का प्रचार करने के लिए निकले थे और उसके बाद वह यहीं पर बस गए थे. उन्होंने कहा कि सालाना उर्स को लेकर जो विवाद चल रहा था. आपसी समझौते से मसला हल कर दिया था. अब कोई खिलाफ नहीं है. प्रशासन का हम आभार व्यक्त करते हैं की बहुत ही शांतिपूर्वक ढंग से यह कार्यक्रम आयोजित हुआ है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम यहां पर किए गए हैं.

हजरत शेख मूसा की दरगाह पर उर्स: डीएसपी अजायब सिंह ने कहा कि भारी सुरक्षा के इंतजाम सालाना उर्स पर किए गए हैं. किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह मुस्तैद थी. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के नेता जमाल सिद्दीकी ने कहा कि सूफी संतों के दिखाए हुए रास्तों पर हमें चलना चाहिए. हजरत शेख मूसा की दरगाह पर जो सालाना उर्स आयोजित हुआ है. इसमें भाग लेने का अवसर मिला है. यह बहुत ही प्राचीन दरगाह है और इस कार्यक्रम में भाग लेकर मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है. कुल मिलाकर यहां आने वाले लोगों ने लंगर छका और मन्नत मांगी. यहां उलेमाओं के द्वारा बुराइयों से निपटने और हजरत शेख मूसा के इतिहास को लेकर बातचीत की गई.

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Last Updated : Dec 1, 2024, 9:22 AM IST
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