लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में सफर करने वाले लाखों यात्रियों के लिए खुशखबरी है. अब यात्रियों को अपने पसंद के बस अड्डे दिए जाने की तैयारी है. अभी तक प्रधानों, पार्षदों, विधायकों और मंत्रियों के अनुरोध पर प्रदेश में जो भी बस अड्डे प्रार्थना स्टॉपेज के रूप में बने हैं उन्हें फेयर स्टॉपेज से बदला जाएगा, साथ ही 1400 नए फेयर स्टॉपेज बनाए जाने की पॉलिसी बनकर तैयार है.
यानी प्रदेश में 1400 फेयर स्टॉपेज बनेंगे जहां से यात्री बस पकड़ सकेंगे और अपनी मंजिल तय करेंगे. इस तरह के स्टॉपेज बनाने के पीछे परिवहन निगम का मकसद साफ है कि यात्रियों को बेहतर बस सुविधा उपलब्ध कराई जा सके साथ ही प्रदेश में अनाधिकृत वाहन जो डग्गेमारी कर परिवहन निगम को चूना लगा रहे हैं उन पर रोक लगाकर परिवहन निगम की आय बढ़ाई जा सके.
लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में डग्गेमारी पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश भर में 1400 नए फेयर स्टॉपेज बनाए जाएंगे. लखनऊ में भी आधा दर्जन फेयर स्टॉपेज बनाने की तैयारी है. परिवहन निगम इन स्टॉपेज को बनाने की पॉलिसी तैयार कर रहा है. फेयर स्टॉपेज ऐसे स्टॉपेज होंगे जहां से यात्रियों को यात्रा के लिए आगे की यात्रा के लिए बस स्टेशन पर बस पकड़ने के लिए नहीं आना पड़ेगा. उन्हें अपने ही आसपास बस स्टॉपेज मिलेगा, जहां से वे अपने गंतव्य के लिए बस पकड़ सकेंगे.
बस स्टेशन आने के रुपये खर्च नहीं होंगे: इसका फायदा यह मिलेगा कि यात्रियों को बस पकड़ने के लिए बस स्टेशन आने का पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा और उनके समय की भी बचत होगी. फेयर स्टॉपेज से आगे की यात्रा के लिए ही यात्री को किराए का भुगतान करना होगा. अभी तक प्रदेश भर में जहां भी प्रार्थना स्टॉपेज बनाए गए हैं उन्हें भी फेयर बस स्टॉपेज में कन्वर्ट कर दिया जाएगा. फेयर स्टॉपेज बनाने का उद्देश्य ही डग्गामार वाहनों पर लगाम लगाक यात्रियों को सुविधा प्रदान करना है.
लखनऊ में विभिन्न दिशाओं में बनेंगे फेयर स्टॉप: लखनऊ में जिन-जिन दिशाओं में परिवहन निगम की बसें जाती हैं उन दिशाओं में करीब आधा दर्जन फेयर स्टॉपेज बनाए जाएंगे. उदाहरण के तौर पर कोई यात्री सीतापुर रोड पर रहता है तो अभी बस पकड़ने के लिए कैसरबाग बस स्टेशन आना पड़ता है, लेकिन जब इस रूट पर फेयर स्टॉप बन जाएगा तो यात्री को स्टेशन आना ही नहीं पड़ेगा. इस बस स्टॉपेज पर यात्री को बस मिल जाएगी और आराम से यात्री अपना सफर पूरा कर सकेगा. खास बात ये भी है कि यात्री को कैसरबाग बस स्टेशन आने का जो पैसा लगता है वह तो बचेगा ही, जहां से यात्रा शुरू होगी वहीं से उससे किराया वसूल किया जाएगा. अभी तक बस स्टेशन से ही किराया वसूल करने का प्रावधान है.
क्या हैं प्रार्थना स्टॉपेज: परिवहन निगम के प्रार्थना स्टॉपेज ऐसे बस स्टॉप को कहा जाता है जो किसी की रिक्वेस्ट पर यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए जाते हैं. यहां पर बसें रोककर यात्री बिठाए जाते हैं. इससे यात्रियों को बस पकड़ने के लिए बस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि इस सुविधा के एवज में परिवहन निगम यात्रियों से बस का किराया बस स्टेशन से ही वसूल करता है.
क्या हैं फेयर स्टॉपेज: फेयर स्टॉपेज ऐसे बस स्टॉपेज होंगे जहां पर यात्रियों को परिवहन निगम बस पकड़ने की सुविधा तो देगा, लेकिन इसके एवज में बस स्टेशन से दूरी का किराया नहीं वसूलेगा. फेयर स्टॉप से ही यात्री को आगे की दूरी का किराया चुकाना होगा. इससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. कम पैसे में ही यात्री अपना सफर पूरा कर सकेंगे. उन्हें स्टेशन से फेयर स्टॉप तक किराया नहीं देना होगा.
रोजाना 16 लाख यात्री करते हैं बस से सफर: परिवहन निगम की बसों से हर रोज 16 लाख यात्री सफर करते हैं. वर्तमान में जहां भी प्रार्थना स्टॉपेज बने हैं वहां पर हजारों यात्रियों को सफर की सुविधा मिलती है. फेयर स्टॉपेज बन जाएंगे तो हर रोज लाखों लोग लाभान्वित होंगे.
क्या कहते हैं जीएम (संचालन): परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (संचालन) मनोज कुमार बताते हैं कि फेयर स्टॉपेज बनाने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है, इसे लागू किया जाएगा जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. डग्गेमारी पर लगाम लगेगी जिससे परिवहन निगम को फायदा होगा. प्रदेश भर में 1400 फेयर स्टॉपेज का प्लान है. अभी जो प्रार्थना स्टॉपेज हैं उन्हें भी फेयर स्टॉपेज में बदला जाएगा.
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