शिमला: केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार ने मंगलवार को अपना बजट पेश किया. केंद्रीय वित्त मंत्री ने मोदी 3.0 का अपना पहला बजट पेश किया. इस दौरान वित्त मंत्री ने हिमाचल में पिछली साल बरसात में हुए नुकसान की भरपाई में मदद करने का भरोसा दिया है, लेकिन पिछली साल आई त्रासदी की भीषण आपदा से निपटने के लिए हिमाचल को केंद्र से कितना पैकेज मिलेगा, वित्त मंत्री ने बजट भाषण में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया है. हालांकि बजट भाषण में मदद करने का भरोसा मिलने से हिमाचल को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान से उबरने की उम्मीद जगी है.
आपदा से हुआ था 9712 करोड़ का नुकसान
बता दें कि पिछले साल मानसून सीजन में हिमाचल को सदी का सबसे अधिक 9,712 करोड़ का नुकसान हुआ था. मानसून सीजन में 500 से ज्यादा लोग अकाल मौत का ग्रास बन गए थे. वहीं, 519 लोग घायल और 39 लोग का लापता हुए थे. इसी तरह 21 हजार से अधिक मवेशियों की भी जान चली गई थी.
सबसे ज्यादा PWD को हुआ था नुकसान
हिमाचल में पिछले साल सदी की सबसे भीषण त्रासदी हुई थी. उस दौरान प्रदेश में अकेले पिछले छह मानसून सीजन के बराबर का नुकसान हुआ था. वर्ष 2023 में मानसून सीजन में भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में प्रदेश को करीब 9712 करोड़ का नुकसान हुआ था. मानसून के सीजन में लैंडस्लाइड की 169 घटनाएं और फ्लैश फ्लड की 72 घटनाएं घटी थीं. हिमाचल में आपदा से सबसे ज्यादा लोक निर्माण विभाग को 2949 करोड़ का नुकसान हुआ था. इसके अलावा जल शक्ति विभाग को 2419 करोड़, बिजली बोर्ड को 1917 करोड़, कृषि-बागवानी को 570 करोड़ और ग्रामीण विकास विभाग को 675 करोड़ का नुकसान हुआ था.
हिमाचल सरकार ने मांगा था स्पेशल पैकेज
हिमाचल में पिछले साल बरसात से मची तबाही से उबरने के लिए विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार ने केंद्र सरकार को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव भेजा था. जिसमें बरसात से हुए नुकसान की भरपाई किए जाने की मांग की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने हिमाचल की मांग पर कोई विचार नहीं किया. हालांकि पिछले साल प्रदेश में हुई तबाही के आकलन के लिए केंद्र टीम हिमाचल के दौरे पर आई थी. सीएम सुक्खू भी दिल्ली जाकर पीएम मोदी से मिले थे. इस दौरान सीएम ने प्रधानमंत्री से आपदा से निपटने को राहत राशि देने का आग्रह किया था. पिछली बरसात में प्रदेश में 2,933 मकान पूरी तरह और 12,266 मकानों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ था. इसी तरह 420 दुकानें, 239 लेबर शेड टूटे थे, लेकिन केंद्र से मदद न मिलने से प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर 4500 करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा की थी.