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महाशिवरात्रि के दूसरे दिन दोपहर में क्यों होती है भस्म आरती, महाकाल ने दिए दिव्य दर्शन - MAHAKAL AFTERNOON BHASMA AARTI

उज्जैन में महाशिवरात्रि के दूसरे दिन महाकाल मंदिर में दोपहर में भस्म आरती हुई. ऐसा नजारा साल में एक बार भक्तों को देखने मिलता है.

MAHAKAL AFTERNOON BHASMA AARTI
महाशिवरात्रि के दूसरे दिन दोपहर में होती है भस्म आरती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 27, 2025, 7:57 PM IST

उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्‍वर मंदिर में विराजमान भगवान श्री महादेव ने महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 27 फरवरी को पुष्प मुकुट धारण कर भक्तों को अपने दिव्य रूप में दर्शन दिया. जिसके बाद दोपहर में भस्म आरती की गई. बताया गया कि साल में एक बार केवल महाशिवरात्रि के अगले दिन ही दोपहर में भस्म आरती की जाती है. जबकि अन्य दिन अल सुबह ही भस्म आरती होती है.

लगातार 44 घंटे शिव के दर्शन किए भक्त

महाशिवरात्रि के अवसर पर लगातार 44 घंटे दर्शनार्थियों ने शिव के दर्शन किए. बताया गया कि महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर रात्रि विश्राम नहीं करते हैं. सम्पूर्ण रात्रि भगवान का परंपरानुसार विशेष महापूजन अभिषेक होता है और इस दौरान सतत 44 घंटे अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. बता दें कि महाशिवरात्रि के पूर्व 17 फरवरी से 25 फरवरी तक शिव नवरात्रि के दौरान भगवान श्री महाकाल के अलग-अलग रूपों के हजारों भक्तों ने दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया.

महाकाल ने दिए दिव्य दर्शन (ETV Bharat)

दोपहर में हुई शिव की भस्म आरती

महानिर्माणि अखाड़ा के विनीत गिरी जी महाराज ने बताया कि "भगवान श्री महाकालेश्वर के पुष्प मुकुट (सेहरा) दर्शन अल सुबह से ही प्रारम्भ हुआ. जिसके बाद करीब साढ़े 10 बजे मुकुट उतारा गया. वहीं, करीब 12 बजे भगवान महाकालेश्वर की वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मार्ती प्रारंभ हुई. भस्मारती में भक्तों ने ध्यान मग्न होकर भगवान भोले नाथ की आरती का दर्शन लाभ किया."

UJJain Mahashivaratri Festival
उज्जैन महाकाल की महाशिवरात्रि पर दर्शन (ETV Bharat)

1 मार्च होगा महाशिवरात्रि पर्व का समापन

भगवान श्री महाकालेश्वर नित नूतन और अभिनव रूपों में भक्तों को दर्शन देते हैं. वे कभी प्राकृतिक रूप में तो कभी राजसी रूप में आभूषण धारण करते हैं. कभी भांग, चंदन, सूखे मेवे से तो कभी फल, पुष्प से सजते हैं. महाशिवरात्रि के दौरान 26 फरवरी को सुबह ढाई बजे से 27 फरवरी दोपहर 11 बजे तक लगभग 06 लाख 01 हजार 663 श्रद्धालुओं ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए. वहीं, 01 मार्च 2025 को सायं श्री महाकालेश्वर भगवान के पंच मुखारविंद दर्शन के साथ महाशिवरात्रि पर्व का समापन होगा.

Ujjain Mahakal Mahashivratri
लगातार 44 घंटे शिव के दर्शन किए भक्त (ETV Bharat)

उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्‍वर मंदिर में विराजमान भगवान श्री महादेव ने महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 27 फरवरी को पुष्प मुकुट धारण कर भक्तों को अपने दिव्य रूप में दर्शन दिया. जिसके बाद दोपहर में भस्म आरती की गई. बताया गया कि साल में एक बार केवल महाशिवरात्रि के अगले दिन ही दोपहर में भस्म आरती की जाती है. जबकि अन्य दिन अल सुबह ही भस्म आरती होती है.

लगातार 44 घंटे शिव के दर्शन किए भक्त

महाशिवरात्रि के अवसर पर लगातार 44 घंटे दर्शनार्थियों ने शिव के दर्शन किए. बताया गया कि महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर रात्रि विश्राम नहीं करते हैं. सम्पूर्ण रात्रि भगवान का परंपरानुसार विशेष महापूजन अभिषेक होता है और इस दौरान सतत 44 घंटे अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. बता दें कि महाशिवरात्रि के पूर्व 17 फरवरी से 25 फरवरी तक शिव नवरात्रि के दौरान भगवान श्री महाकाल के अलग-अलग रूपों के हजारों भक्तों ने दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया.

महाकाल ने दिए दिव्य दर्शन (ETV Bharat)

दोपहर में हुई शिव की भस्म आरती

महानिर्माणि अखाड़ा के विनीत गिरी जी महाराज ने बताया कि "भगवान श्री महाकालेश्वर के पुष्प मुकुट (सेहरा) दर्शन अल सुबह से ही प्रारम्भ हुआ. जिसके बाद करीब साढ़े 10 बजे मुकुट उतारा गया. वहीं, करीब 12 बजे भगवान महाकालेश्वर की वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मार्ती प्रारंभ हुई. भस्मारती में भक्तों ने ध्यान मग्न होकर भगवान भोले नाथ की आरती का दर्शन लाभ किया."

UJJain Mahashivaratri Festival
उज्जैन महाकाल की महाशिवरात्रि पर दर्शन (ETV Bharat)

1 मार्च होगा महाशिवरात्रि पर्व का समापन

भगवान श्री महाकालेश्वर नित नूतन और अभिनव रूपों में भक्तों को दर्शन देते हैं. वे कभी प्राकृतिक रूप में तो कभी राजसी रूप में आभूषण धारण करते हैं. कभी भांग, चंदन, सूखे मेवे से तो कभी फल, पुष्प से सजते हैं. महाशिवरात्रि के दौरान 26 फरवरी को सुबह ढाई बजे से 27 फरवरी दोपहर 11 बजे तक लगभग 06 लाख 01 हजार 663 श्रद्धालुओं ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए. वहीं, 01 मार्च 2025 को सायं श्री महाकालेश्वर भगवान के पंच मुखारविंद दर्शन के साथ महाशिवरात्रि पर्व का समापन होगा.

Ujjain Mahakal Mahashivratri
लगातार 44 घंटे शिव के दर्शन किए भक्त (ETV Bharat)
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