अजमेर. शहर में सुभाष उद्यान के सामने प्राचीन शीतला माता मंदिर में दो दिवसीय मेले का आयोजन सोमवार से शुरू हुआ. मंदिर में देर रात से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया. भक्तों ने माता को घर में बनाए गए ठंडे पकवानों का भोग लगाया. मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही. मंदिर परिसर के बाहर मेले में विभिन्न सामानों की 500 से अधिक स्टॉल लगी हुई है. श्रद्धालु मेले का भी आनंद ले रहे हैं.
अजमेर में प्राचीन शीतला माता मंदिर जन आस्था का बड़ा केंद्र है. यहां रविवार रात 12 बजे से लेकर सोमवार को दिनभर तक हजारों लोगों ने दर्शन किए. मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लगी रही. यह सिलसिला मंगलवार देर शाम तक जारी रहेगा. बड़ी संख्या में महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजधज कर शीतला माता की पूजा करने आई थी. महिलाओं ने यहां दीवारों पर कुंकुम से शुभता के प्रतीक स्वस्तिक बनाए गए.
ठंडे व्यंजनों का लगाया भोग: मंदिर के पुजारी इंद्र चंद्र प्रजापति ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार शीतला अष्टमी से एक दिन पहले घर पर बने ठंडे व्यंजन का भोग बनाया जाता है. इसमें दही चावल का औलिया, मक्का और जौ की राबड़ी, मीठे चरकी पकौड़ी, मिष्ठान, पापड़, पोले, पूड़ी पचकुटे की सब्जी आदि शामिल हैं. उन्होंने बताया कि मंगलवार को देर शाम तक श्रद्धालुओं का मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आना-जाना जारी रहेगा. मंगलवार को व्यापारी भी माता के दर्शनों के लिए आएंगे. श्रद्धालु कल्पना देवी ने बताया कि परिवार में सुख शांति रहे और परिवार का प्रत्येक व्यक्ति निरोगी रहे, इसलिए धार्मिक मान्यता के अनुसार शीतला माता की पूजा अर्चना की जाती है.
बालोतरा में हुआ मेले का आयोजन : सिवाना कस्बे के मेला मैदान प्रांगण में शीतला सप्तमी मेले का आयोजन नगर पलिका के तत्वावधान में किया गया. मेले में कस्बे सहित आसपास और दूरदराज के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने शिरकत की, लोगों ने शीतला माता मंदिर में पूजा-अर्जना कर नौनिहालों के स्वास्थ्य की मंगल कामना की.
नगर पालिका और मेला प्रबंधन कमेटी की और से मेले में आने वाले गैर दलों की विजेता टीमों के लिए पुरस्कार वितरण कार्यक्रम रखा गया. मेले में आंगी गेर दल, डांडिया गेर सहित अन्य गेर दलों ने मनमोहक नृत्य किया. इस मौके पर मेले में आए स्थानीय नेताओं ने मंच पर अपने संबोधन में मेलों और हमारी संस्कृति धरोहर को संजोय रखने की बात कही. मेले के समापन पर मेला कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न गांवों से आए गैर दलों द्वारा प्रस्तुत डांडिया गैर, जत्था गैर, सहित दौड़, कबड्डी प्रतियोगिताओं में प्रथम व द्वितीय स्थान पर आने वाले दलों को पुरस्कार वितरण किए गए.