कुल्लू: सनातन धर्म में ग्रहण का भी महत्व बताया गया है. ऐसे में इस साल अप्रैल माह में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. चैत्र मास की अमावस्या को यह सूर्य ग्रहण लगेगा और 50 सालों के बाद 8 अप्रैल को पहला लंबा सूर्य ग्रहण लगेगा. 8 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण की अवधि 4 घंटे 25 मिनट की होगी. वहीं 7:30 मिनट के लिए धरती पर पूरी तरह से सूर्य ग्रहण के चलते अंधेरा छा जाएगा.
ऐसे में भारत में सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं रहेगा. आचार्य पुष्पराज का कहना है कि पहले सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है और भारत में 8 अप्रैल की रात 9:12 पर यह शुरू होगा. रात के कारण भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. खग्रास का प्रारंभ रात 10:10 पर होगा और खग्रास की समाप्ति रात 2:22 पर होगी. भारत पर सूर्य ग्रहण के दौरान रात होगी तो ऐसे में यहां पर सूतक काल भी मान्य नहीं होता है. उनका कहना है कि भारत के लोगों को इस सूर्य ग्रहण से डरने की आवश्यकता नहीं है और ग्रहण नजर ना आने के चलते यहां लोग अपने रोजमर्रा के कार्यों को पूरा कर सकते हैं.
सूर्य ग्रहण के चलते भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा. लेकिन मेष राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के दौरान सावधान रहना होगा. मेष राशि के जातक कोई भी काम शुरू न करें और अशुभ स्थान पर जाने से भी परहेज करें. इसके अलावा सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव है और सिंह राशि के जातकों को भी सूर्य ग्रहण के दिन सावधानी बरतनी चाहिए. इस दिन सिंह राशि के जातक अपने गुस्से पर कंट्रोल करें और यात्रा से भी परहेज करें. वहीं मीन राशि के जातकों को भी अमावस्या के दिन सावधानी बरतनी चाहिए. उन्हें इस ग्रहण के समय कोई भी काम नहीं शुरू करना चाहिए और नाही किसी प्रकार का निवेश करना चाहिए.
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