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"मंकी नहीं फायर है मैं"... चंडीगढ़ में पुलिस विभाग के सरकारी रिकॉर्ड की फाइल ले उड़ा बंदर, विभाग में खलबली

चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित पुलिस लाइन में रोजनामचा रजिस्टर को एक बंदर उठा ले गया जिसके बाद से विभाग परेशान है.

A monkey took away the journal register
रोजनामचा रजिस्टर को एक बंदर उठा ले गया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

पंचकूला: चंडीगढ़ पुलिस विभाग समेत आम लोगों में इन दिनों सरकारी रिकॉर्ड के गायब होने का एक मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन यह मामला अजीब होने के साथ दिलचस्प भी है. क्योंकि जो सरकारी रिकॉर्ड गायब हुआ, वह घोड़ा स्टाफ (माउंटिड स्टाफ) के रोजनामचा रजिस्टर का है. घोड़ा स्टाफ से संबंधित यह महत्वपूर्ण रजिस्टर चोरी हो गया है लेकिन इसे उठाकर फरार होने वाला कोई व्यक्ति नहीं बल्कि शहर में घूम रहे बंदरों की टोली है.

पुलिसकर्मी देखते रह गए-बंदर रजिस्टर लेकर फरार: बीते चंद दिन पहले हुई इस घटना के संबंध में पुलिसकर्मी द्वारा डीडीआर रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई है. बताया गया कि सेक्टर-26 स्थित पुलिस लाइन में पुलिसकर्मी धूप में बैठकर अपना सरकारी कामकाज कर रहे थे. इसी दौरान बंदरों का एक झुंड वहां पहुंचा और उनमें से एक बंदर ने सरकारी रोजनामचा (रजिस्टर) उठा लिया. बंदर के हाथों में सरकारी रजिस्टर देख पुलिसकर्मी उसे वापिस लेने के लिए डंडा लेकर बंदर के पीछे दौड़े, लेकिन बंदर न तो पुलिस के हाथ आया और न ही उसने सरकारी रजिस्टर लौटाया. मामले की गंभीरता देख पुलिसकर्मी ने इस संबंध में दैनिक डायरी रिपोर्ट (डीडीआर) दर्ज कराई है.

रोजनामचा रजिस्टर को एक बंदर उठा ले गया (ETV Bharat)

रजिस्टर में महत्वपूर्ण जानकारियां: चोरी हुए सरकारी रोजनामचा (रजिस्टर) में रोजाना की महत्वपूर्ण जानकारियां अंकित की जाती हैं. इनमें घोड़ा गश्त दल की दैनिक ड्यूटी, पुलिसकर्मियों की तैनाती और पूरे दिन के घटनाक्रम लिखे जाते हैं. इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र भी होता है. हर महीने या फिर रजिस्टर के भरने के बाद नया रोजनामचा (रजिस्टर) लगाया जाता है, लेकिन अब इसका नहीं मिलना पुलिसकर्मियों के लिए सिरदर्द है, जबकि विभागीय उच्च अधिकारियों के लिए जांच का विषय है.

सच पता लगने के प्रयास में हैं अधिकारी: पुलिस विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारी अब मामले की जांच कर यह पता लगाने के प्रयास में जुटे हैं कि पुलिसकर्मियों द्वारा रोजनामचा (रजिस्टर) गायब होने के बारे में सच बताया गया है या किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी है. हालांकि, सेक्टर 26 पुलिस लाइन में काफी संख्या में बंदरों की अलग-अलग टोलियां घूमती हैं. इससे पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार भी काफी परेशानी में हैं. बताया गया कि पुलिसकर्मियों द्वारा बंदरों से होने वाली परेशानी को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया जा चुका है लेकिन इस समस्या का फिलहाल कोई समाधान नहीं निकल सका है.

रजिस्टर की तलाश में है पुलिसकर्मी: पुलिसकर्मी फिलहाल गायब (चोरी) हुए रजिस्टर की तलाश में है लेकिन अब तक उसका कुछ पता नहीं लगा है. जिस जगह से बंदरों ने रजिस्टर उठाया, पुलिसकर्मी उसके चौतरफा काफी दूर तक रजिस्टर की तलाश कर चुके हैं, लेकिन फिलहाल तक कामयाबी नहीं मिल सकी है. वहीं, दूसरी ओर पुलिस अधिकारी मामले की तह तक पड़ताल में जुटे हैं.

इसे भी पढ़ें : "ओ बंदर कल आना...", हरियाणा के मेवात में बंदरों का आतंक, बच्चों-महिलाओं को काट रहे

पंचकूला: चंडीगढ़ पुलिस विभाग समेत आम लोगों में इन दिनों सरकारी रिकॉर्ड के गायब होने का एक मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन यह मामला अजीब होने के साथ दिलचस्प भी है. क्योंकि जो सरकारी रिकॉर्ड गायब हुआ, वह घोड़ा स्टाफ (माउंटिड स्टाफ) के रोजनामचा रजिस्टर का है. घोड़ा स्टाफ से संबंधित यह महत्वपूर्ण रजिस्टर चोरी हो गया है लेकिन इसे उठाकर फरार होने वाला कोई व्यक्ति नहीं बल्कि शहर में घूम रहे बंदरों की टोली है.

पुलिसकर्मी देखते रह गए-बंदर रजिस्टर लेकर फरार: बीते चंद दिन पहले हुई इस घटना के संबंध में पुलिसकर्मी द्वारा डीडीआर रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई है. बताया गया कि सेक्टर-26 स्थित पुलिस लाइन में पुलिसकर्मी धूप में बैठकर अपना सरकारी कामकाज कर रहे थे. इसी दौरान बंदरों का एक झुंड वहां पहुंचा और उनमें से एक बंदर ने सरकारी रोजनामचा (रजिस्टर) उठा लिया. बंदर के हाथों में सरकारी रजिस्टर देख पुलिसकर्मी उसे वापिस लेने के लिए डंडा लेकर बंदर के पीछे दौड़े, लेकिन बंदर न तो पुलिस के हाथ आया और न ही उसने सरकारी रजिस्टर लौटाया. मामले की गंभीरता देख पुलिसकर्मी ने इस संबंध में दैनिक डायरी रिपोर्ट (डीडीआर) दर्ज कराई है.

रोजनामचा रजिस्टर को एक बंदर उठा ले गया (ETV Bharat)

रजिस्टर में महत्वपूर्ण जानकारियां: चोरी हुए सरकारी रोजनामचा (रजिस्टर) में रोजाना की महत्वपूर्ण जानकारियां अंकित की जाती हैं. इनमें घोड़ा गश्त दल की दैनिक ड्यूटी, पुलिसकर्मियों की तैनाती और पूरे दिन के घटनाक्रम लिखे जाते हैं. इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र भी होता है. हर महीने या फिर रजिस्टर के भरने के बाद नया रोजनामचा (रजिस्टर) लगाया जाता है, लेकिन अब इसका नहीं मिलना पुलिसकर्मियों के लिए सिरदर्द है, जबकि विभागीय उच्च अधिकारियों के लिए जांच का विषय है.

सच पता लगने के प्रयास में हैं अधिकारी: पुलिस विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारी अब मामले की जांच कर यह पता लगाने के प्रयास में जुटे हैं कि पुलिसकर्मियों द्वारा रोजनामचा (रजिस्टर) गायब होने के बारे में सच बताया गया है या किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी है. हालांकि, सेक्टर 26 पुलिस लाइन में काफी संख्या में बंदरों की अलग-अलग टोलियां घूमती हैं. इससे पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार भी काफी परेशानी में हैं. बताया गया कि पुलिसकर्मियों द्वारा बंदरों से होने वाली परेशानी को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया जा चुका है लेकिन इस समस्या का फिलहाल कोई समाधान नहीं निकल सका है.

रजिस्टर की तलाश में है पुलिसकर्मी: पुलिसकर्मी फिलहाल गायब (चोरी) हुए रजिस्टर की तलाश में है लेकिन अब तक उसका कुछ पता नहीं लगा है. जिस जगह से बंदरों ने रजिस्टर उठाया, पुलिसकर्मी उसके चौतरफा काफी दूर तक रजिस्टर की तलाश कर चुके हैं, लेकिन फिलहाल तक कामयाबी नहीं मिल सकी है. वहीं, दूसरी ओर पुलिस अधिकारी मामले की तह तक पड़ताल में जुटे हैं.

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