पटना: बीपीएससी पेपर लीक मामले को लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तेजस्वी यादव पर हमलावर है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को लालू-राबड़ी राज की हकीकत को भूलना नहीं चाहिए. पिछले साल एक अक्टूबर को जब बिहार में 21 हजार 391 पदों पर सिपाही भर्ती के लिए 529 केंद्रों पर परीक्षा हुई तब 100 से ज्यादा केंद्रों पर नकल-कदाचार की शिकायतें मिली थीं और 64 मामलों में 148 लोग गिरफ्तार हुए थे.
बीपीएसी पेपर लीक पर मोदी का तेजस्वी पर हमला: बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि क्या तेजस्वी यादव इसी को प्रतियोगिता परीक्षाओं का स्वर्ण काल बता रहे हैं? अक्टूबर 2023 में किसकी सरकार थी और नकल माफिया के पीछे कौन था?. आने वाले दिनों में सभी चेहरे बेनकाब होंगे. तेजस्वी यादव को राजनीतिक मुद्दा बनाने से पहले अपना समय नहीं भूलना चाहिए. लालू-राबड़ी राज के हकीकत किसी से छुपा नहीं.
रिपोर्ट आने पर कई चेहरे सामने आएंगे: उन्होंने रविवार को कहा कि सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामला इतना गंभीर था कि उसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से करायी जा रही है. इसकी रिपोर्ट आने पर कई चेहरे सामने आएंगे. उन्होंने कहा कि बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण में पेपर लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने से पहले राजद को अपना समय नहीं भूलना चाहिए.
पेपर लीक पर केंद्र सरकार का कड़ा कानून: उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में हर तरह के पेपर लीक पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के अर्थ दंड लगाने का कड़ा कानून इस साल फरवरी से लागू किया है. बिहार में भी ऐसा कानून बनना चाहिए ताकि राज्य स्तर की परीक्षाओं को पेपर लीक मुक्त किया जा सके.
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