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हिमाचल भवन दिल्ली को कुर्की से बचाने की कवायद, सुक्खू सरकार सोमवार को हाईकोर्ट रजिस्ट्री में जमा करेगी 64 करोड़ का ड्राफ्ट - HIMACHAL BHAWAN ATTACHMENT CASE

सुक्खू सरकार ने हिमाचल भवन को कुर्की से बचाने की कवायद शुरू कर दी है. सरकार हाईकोर्ट रजिस्ट्री में 64 करोड़ का ड्राफ्ट जमा करेगी.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 23, 2024, 8:34 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्की से बचाने के लिए सक्रिय हो गई है. सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार अपफ्रंट मनी के तौर पर 64 करोड़ रुपए तय नियमों के अनुसार अदालत की रजिस्ट्री में जमा करवाने की कवायद शुरू कर दी है. राज्य सरकार ने उपरोक्त रकम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इसे सोमवार को हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवाया जाएगा.

राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल अनूप रतन ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि 64 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. शनिवार को ये जमा नहीं हो सका, लिहाजा इसे सोमवार को हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के समक्ष जमा करवाया जाएगा. नियम कहते हैं कि आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की रकम हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराई जाती है. केस डिसाइड होने पर ये रकम तय प्रक्रिया के अनुसार कंपनी को मिलती है. यदि केस कंपनी के पक्ष में न जाये तो ये रकम वापिस सरकार के खजाने में जाती है.

उल्लेखनीय है कि सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने हिमाचल सरकार के ऊर्जा विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में अनुपालना याचिका दाखिल की थी. मामले के अनुसार लाहौल स्पीति में 320 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगना था. सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने इसके लिए अपफ्रंट मनी के तौर पर 64 करोड़ रुपए जमा करवाए थे. बाद में कई कारणों से प्रोजेक्ट नहीं लगा तो कंपनी ने अपफ्रंट मनी वापिस मांगी. मामला आर्बिट्रेशन में गया और वहां से फैसला कंपनी के हक में आया. बाद में कंपनी ने ऊर्जा विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में अनुपालना याचिका दाखिल की.

हाईकोर्ट ने पांच दिन पहले इस मामले में आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के आदेश दिए थे. उसके बाद से राज्य सरकार में हलचल मची थी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि 64 करोड़ रुपए की रकम राज्य सरकार के लिए जमा करवाना कोई बड़ी बात नहीं है. परोक्ष रूप से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फैसले पर सवाल भी उठाए थे, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने अपफ्रंट मनी जमा करवाने का फैसला लिया. अब सरकार ने तय रकम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इसे नियमों के अनुसार हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में सोमवार को सबमिट कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: सीएम सुक्खू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, बोले- कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद अगली रणनीति पर होगा विचार

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्की से बचाने के लिए सक्रिय हो गई है. सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार अपफ्रंट मनी के तौर पर 64 करोड़ रुपए तय नियमों के अनुसार अदालत की रजिस्ट्री में जमा करवाने की कवायद शुरू कर दी है. राज्य सरकार ने उपरोक्त रकम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इसे सोमवार को हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवाया जाएगा.

राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल अनूप रतन ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि 64 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. शनिवार को ये जमा नहीं हो सका, लिहाजा इसे सोमवार को हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के समक्ष जमा करवाया जाएगा. नियम कहते हैं कि आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की रकम हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराई जाती है. केस डिसाइड होने पर ये रकम तय प्रक्रिया के अनुसार कंपनी को मिलती है. यदि केस कंपनी के पक्ष में न जाये तो ये रकम वापिस सरकार के खजाने में जाती है.

उल्लेखनीय है कि सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने हिमाचल सरकार के ऊर्जा विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में अनुपालना याचिका दाखिल की थी. मामले के अनुसार लाहौल स्पीति में 320 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगना था. सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने इसके लिए अपफ्रंट मनी के तौर पर 64 करोड़ रुपए जमा करवाए थे. बाद में कई कारणों से प्रोजेक्ट नहीं लगा तो कंपनी ने अपफ्रंट मनी वापिस मांगी. मामला आर्बिट्रेशन में गया और वहां से फैसला कंपनी के हक में आया. बाद में कंपनी ने ऊर्जा विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में अनुपालना याचिका दाखिल की.

हाईकोर्ट ने पांच दिन पहले इस मामले में आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के आदेश दिए थे. उसके बाद से राज्य सरकार में हलचल मची थी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि 64 करोड़ रुपए की रकम राज्य सरकार के लिए जमा करवाना कोई बड़ी बात नहीं है. परोक्ष रूप से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फैसले पर सवाल भी उठाए थे, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने अपफ्रंट मनी जमा करवाने का फैसला लिया. अब सरकार ने तय रकम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इसे नियमों के अनुसार हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में सोमवार को सबमिट कर दिया जाएगा.

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