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हिमाचल में अब आसानी से नहीं मिलेगा शिक्षक सम्मान, छह कसौटियों पर कसे जाएंगे टीचर, जल्द आएगी नई नीति - Himachal Teachers Award

Himachal teachers Award New Policy: हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों को अवॉर्ड देने के नीति में सुक्खू सरकार अब बदलाव करने जा रही है. इसके लिए सुक्खू सरकार एक नई नीति लाएगी. जिसके तहत अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट शिक्षकों को 6 कसौटियों पर खरा उतरना होगा. उसके बाद ही ये सम्मान शिक्षक को मिलेगा. पढ़िए पूरी खबर...

Himachal teachers Award New Policy
शिक्षक सम्मान (ETV Bharat FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 15, 2024, 8:48 AM IST

शिमला: शिक्षक सम्मान का सम्मान बना रहे और ये किसी विवाद का हिस्सा न बनें, इसके लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अवॉर्ड नीति में बदलाव कर रही है. शिक्षक दिवस पर मिलने वाले सम्मान के लिए अब शिक्षकों को कसौटियों पर कसा जाएगा. सीएम की अगुवाई में 12 जुलाई को हुई कैबिनेट मीटिंग में नई नीति पर व्यापक रूप से चर्चा हुई. राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने इस विषय पर गंभीर अध्ययन व चर्चा के बाद नई नीति का ड्राफ्ट तैयार किया है. एक पखवाड़े के भीतर नई नीति को अधिसूचित करने की तैयारी है.

शिक्षकों को 6 कसौटियों पर कसा जाएगा: नई नीति में छह बदलाव होंगे. पहला बदलाव ये कि शिक्षक का रिजल्ट निरंतरता में कैसा रहता है, दूसरा यह कि सम्मान के लिए शिक्षक का नाम प्रस्तावित भी किया जा सकता है. यानी स्कूल का मुखिया, कोई सहयोगी अध्यापक, कोई संस्था आदि भी किसी शिक्षक का नाम प्रस्तावित कर सकती है. तीसरा यह कि जिस शिक्षक का नाम अवॉर्ड के लिए प्रस्तावित होगा, उसे एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताना होगा कि क्यों ये अवॉर्ड उसे दिया जाए. चौथा बदलाव ये है कि एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) के नंबर का प्रावधान कंसीडर नहीं होगा. यानी एसीआर के नंबर नहीं जुड़ेंगे. पांचवां ये कि स्कूल के छात्र-छात्राओं का फीडबैक भी लिया जाएगा. उनसे पूछा जाएगा कि शिक्षक विशेष के बारे में उनकी क्या राय है. अंतिम और छठा बदलाव ये कि सम्मान के लिए नॉमिनेट हुए शिक्षक का तय प्रक्रिया के आधार पर साक्षात्कार भी होगा.

अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट शिक्षक का इंटरव्यू लेगी कमेटी: इसके लिए राज्य सरकार एक कमेटी का गठन करेगी. ये कमेटी नॉमिनेट हुए शिक्षक का साक्षात्कार लेगी. यानी राज्य सरकार शिक्षक सम्मान के लिए कसौटी को इस कदर कठिन बना रही है कि सर्वोत्तम ही चयनित हो सके. इससे न केवल विवादों को विराम मिलेगा, बल्कि सम्मान के वास्तविक अधिकारी शिक्षक भी संतुष्टि का अनुभव करेंगे. कैबिनेट में चर्चा के दौरान इन बदलावों के सभी पहलुओं पर विस्तार से बात हुई है.

इसी सेशन से लागू होगी नई नीति: बदलाव के बाद नई नीति इसी सेशन से लागू की जाएगी. यानी इस साल सितंबर में शिक्षक दिवस के मौके पर मिलने वाले सम्मान नई नीति के अनुरूप होंगे. अभी तक ये प्रावधान था कि शिक्षक सम्मान के लिए अध्यापक अपने स्तर पर आवेदन करते थे. प्रक्रिया भी औपचारिक रूप से निभाई जाती रही है, ऐसा कई शिक्षक स्वीकार करते रहे हैं. नई नीति का सुखद पहलू ये है कि शिक्षक का परीक्षा परिणाम भी चेक किया जाएगा. ये देखा जाएगा कि निरंतरता में शिक्षक द्वारा पढ़ाई गई कक्षाओं का परिणाम कैसा रहा है. इसमें अंक देने की व्यवस्था होगी. तय सीमा के बाद अंक बढ़ते जाएंगे. शिक्षा सचिव राकेश कंवर के अनुसार राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार नई नीति के प्रावधान तैयार किए गए हैं. इन्हें जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। इस साल से शिक्षक सम्मान नई नीति के अनुसार होंगे.

ये भी पढ़ें: "अब सिर्फ हिमाचली लोगों को ही मिलेगी होम स्टे संचालन की अनुमति, प्रदेश सरकार बनाने जा रही कानून"

शिमला: शिक्षक सम्मान का सम्मान बना रहे और ये किसी विवाद का हिस्सा न बनें, इसके लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अवॉर्ड नीति में बदलाव कर रही है. शिक्षक दिवस पर मिलने वाले सम्मान के लिए अब शिक्षकों को कसौटियों पर कसा जाएगा. सीएम की अगुवाई में 12 जुलाई को हुई कैबिनेट मीटिंग में नई नीति पर व्यापक रूप से चर्चा हुई. राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने इस विषय पर गंभीर अध्ययन व चर्चा के बाद नई नीति का ड्राफ्ट तैयार किया है. एक पखवाड़े के भीतर नई नीति को अधिसूचित करने की तैयारी है.

शिक्षकों को 6 कसौटियों पर कसा जाएगा: नई नीति में छह बदलाव होंगे. पहला बदलाव ये कि शिक्षक का रिजल्ट निरंतरता में कैसा रहता है, दूसरा यह कि सम्मान के लिए शिक्षक का नाम प्रस्तावित भी किया जा सकता है. यानी स्कूल का मुखिया, कोई सहयोगी अध्यापक, कोई संस्था आदि भी किसी शिक्षक का नाम प्रस्तावित कर सकती है. तीसरा यह कि जिस शिक्षक का नाम अवॉर्ड के लिए प्रस्तावित होगा, उसे एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताना होगा कि क्यों ये अवॉर्ड उसे दिया जाए. चौथा बदलाव ये है कि एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) के नंबर का प्रावधान कंसीडर नहीं होगा. यानी एसीआर के नंबर नहीं जुड़ेंगे. पांचवां ये कि स्कूल के छात्र-छात्राओं का फीडबैक भी लिया जाएगा. उनसे पूछा जाएगा कि शिक्षक विशेष के बारे में उनकी क्या राय है. अंतिम और छठा बदलाव ये कि सम्मान के लिए नॉमिनेट हुए शिक्षक का तय प्रक्रिया के आधार पर साक्षात्कार भी होगा.

अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट शिक्षक का इंटरव्यू लेगी कमेटी: इसके लिए राज्य सरकार एक कमेटी का गठन करेगी. ये कमेटी नॉमिनेट हुए शिक्षक का साक्षात्कार लेगी. यानी राज्य सरकार शिक्षक सम्मान के लिए कसौटी को इस कदर कठिन बना रही है कि सर्वोत्तम ही चयनित हो सके. इससे न केवल विवादों को विराम मिलेगा, बल्कि सम्मान के वास्तविक अधिकारी शिक्षक भी संतुष्टि का अनुभव करेंगे. कैबिनेट में चर्चा के दौरान इन बदलावों के सभी पहलुओं पर विस्तार से बात हुई है.

इसी सेशन से लागू होगी नई नीति: बदलाव के बाद नई नीति इसी सेशन से लागू की जाएगी. यानी इस साल सितंबर में शिक्षक दिवस के मौके पर मिलने वाले सम्मान नई नीति के अनुरूप होंगे. अभी तक ये प्रावधान था कि शिक्षक सम्मान के लिए अध्यापक अपने स्तर पर आवेदन करते थे. प्रक्रिया भी औपचारिक रूप से निभाई जाती रही है, ऐसा कई शिक्षक स्वीकार करते रहे हैं. नई नीति का सुखद पहलू ये है कि शिक्षक का परीक्षा परिणाम भी चेक किया जाएगा. ये देखा जाएगा कि निरंतरता में शिक्षक द्वारा पढ़ाई गई कक्षाओं का परिणाम कैसा रहा है. इसमें अंक देने की व्यवस्था होगी. तय सीमा के बाद अंक बढ़ते जाएंगे. शिक्षा सचिव राकेश कंवर के अनुसार राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार नई नीति के प्रावधान तैयार किए गए हैं. इन्हें जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। इस साल से शिक्षक सम्मान नई नीति के अनुसार होंगे.

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