शिमला: सत्ता में आने के बाद से ही सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने स्पष्ट किया था कि आर्थिक हालात को सुधारने के लिए कड़े फैसले लेने होंगे. अब सरकार ने धीरे-धीरे उन फैसलों की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं. वर्ष 2022 में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस के मौके पर ग्रामीण इलाकों के पानी के बिल माफ किए थे. इससे सरकार के खजाने पर कम से कम अड़तीस करोड़ रुपए सालाना का बोझ पड़ा था. अब सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस मुफ्त की रेवड़ी को बंद करने का फैसला लिया है. जो ग्रामीण उपभोक्ता साधन-संपन्न होंगे, उन्हें हर महीने सौ रुपए का बिल देना होगा. हालांकि कमजोर वर्ग को इस सुविधा का लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा.
बिजली विभाग को चुकाने हैं सवा पांच सौ करोड़ रुपए
हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के 17 लाख कनेक्शन हैं. अकेले ग्रामीण इलाकों में पानी की सप्लाई में हर साल 628 करोड़ रुपए का खर्च आता है. आलम ये है कि जल शक्ति विभाग ने पानी की लिफ्टिंग के लिए बिजली विभाग को सवा पांच सौ करोड़ रुपए चुकाने हैं. बिजली विभाग खुद आर्थिक संकट में फंसा हुआ है. ऊपर से जल शक्ति विभाग ने भी लिफ्टिंग का बकाया नहीं चुकाया है. ऐसे में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कैबिनेट में चर्चा कर ग्रामीण इलाकों में साधन-संपन्न लोगों से बिल के तौर पर कुछ न कुछ रकम वसूलने का फैसला लिया है.
कैबिनेट मींटिग में सुक्खू सरकार ने लिया ये फैसला
इससे जल शक्ति विभाग के खजाने को भी ब्रीदिंग स्पेस मिलेगा. जल शक्ति विभाग सभी स्रोतों से पानी के बिल के रूप में कम से कम सौ करोड़ रुपए सालाना जुटाना चाहता है. इस बारे में जल शक्ति विभाग के मंत्री और राज्य सरकार के डिप्टी सीएम ने अधिकारियों के साथ पहले चर्चा की थी. विभाग के अफसरों ने पानी के कनेक्शन, खर्च, मेंटेनेंस आदि को लेकर पिछले माह प्रेजेंटेशन दी थी. उसमें ये पाया गया कि राज्य सरकार ग्रामीण इलाकों में एक निश्चित रकम का बिल वसूल करे तो कुछ राहत मिलेगी. इसी कड़ी में गुरुवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में फैसला लिया गया कि जो लोग बिल चुकाना अफोर्ड कर सकते हैं, उनसे सौ रुपए महीना बिल वसूला जाए.
जल जीवन मिशन पूरा, अब राज्य सरकार को अपने बूते करना है काम
जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार से काफी मदद मिलती थी. ये मिशन हिमाचल में कंप्लीट हो चुका है. राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग के पास कुल 10 हजार पेयजल योजनाएं हैं. इनमें से 1748 योजनाएं जल जीवन मिशन के तहत नई बनी हैं. कुछ की क्षमता बढ़ाई गई है. ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ताओं की संख्या 17 लाख के करीब है. कैबिनेट मीटिंग के बाद ब्रीफिंग के लिए आए मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि पूर्व में दो साल पहले ग्रामीण इलाकों में पानी के बिल माफ किए गए थे. अब कांग्रेस सरकार ने फैसला लिया है कि टैक्स पेयर, सरकारी नौकरी वाले और साधन संपन्न लोगों को बिल देना होगा. फिलहाल, इस फैसले से जल शक्ति विभाग को कुछ न कुछ पैसा आना शुरू होगा.