देहरादूनः संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा- 2023 के नतीजे घोषित हो चुके हैं. परीक्षा में उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की बेटी कुहू गर्ग ने 178वीं रैंक हासिल की है. संभवत उनकी रैंक को देखते हुए उन्हें आईपीएस में स्थान मिल सकता है. बेहतरीन संयोग यह रहा कि कुछ ही समय पहले कुहू गर्ग के पिता अशोक कुमार उत्तराखंड में महानिदेशक पुलिस के पद से रिटायर्ड हुए हैं. अब उनकी बेटी कुहू गर्ग अधिकारी बनकर देश की सेवा करेंगी.
कुहू गर्ग की पहली पसंद हरियाणा: मंगलवार को यूपीएससी का रिजल्ट आउट होने के बाद 25 वर्षीय कुहू गर्ग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपने स्पोर्ट करियर और उसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी का एक्सपीरियंस शेयर किया. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कुहू गर्ग ने बताया कि पिछला एक हफ्ता उनका रिजल्ट आने की चिंताओं से भरा रहा. लेकिन अब रिजल्ट बेहतरीन आया है, जिसके बाद पूरे घर में खुशी का माहौल है. कुहू ने बताया कि पिछले डेढ़ से 2 साल में जो मेहनत की है, उसका परिणाम आज आया है.
बता दें कि, कुहु गर्ग के पिता पूर्व डीजीपी अशोक कुमार अभी सोनीपत में हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं. जबकि माता डॉ. अलकनंदा अशोक पंतनगर यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं. कुहू गर्ग ने बताया कि कैडर को लेकर उनकी पहली प्राथमिकता हरियाणा है. हालांकि, वैकेंसी और अलॉटमेंट के आधार पर इसका निर्णय होगा.
अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं कुहू गर्ग: कुहू गर्ग बैडमिंटन खेल में अपना परचम लहरा चुकी हैं. कुहू बैडमिंटन की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल और कई प्रतियोगिताएं जीती हैं. हालांकि, 2 साल पहले उनके घुटने में आई इंजरी के बाद हुई सर्जरी के कारण डॉक्टर ने उन्हें रेस्ट करने की सलाह दी है, जिसका उपयोग करते हुए उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कुहू गर्ग ने कहा कि समाज में बहुत गलत धारणा है कि खेल के साथ-साथ पढ़ाई नहीं हो सकती, जबकि ऐसा नहीं है. खेल और पढ़ाई एक दूसरे के पूरक हैं. उन्होंने इस बात को साबित भी किया है.
UPSC के लिए पिता से मिली प्रेरणा: कुहू गर्ग बताती हैं कि बचपन से ही वह अपने पिता और उनके आसपास के आईपीएस अधिकारियों के माहौल को देखते और उससे प्रेरित होती आई हैं. वह हमेशा सोचती थी कि उन्हें इस तरह से अपने देश के लिए कुछ करने का मौका मिले तो वह जरूर इस मौके का लाभ उठाएंगी. उन्होंने कहा कि पहले वह खेल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर देश के लिए काम कर रही थी तो अब ब्यूरोक्रेट के रूप में उन्हें देश की सेवा करने का मौका मिलेगा.
कुहू की दोहरी सफलता: यूपीएससी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी कुहू गर्ग ने बताया, अच्छे तरीके से उन्होंने आखिरी बार साल 2015 में 12वीं क्लास के लिए पढ़ाई की थी और उसके बाद अब 6-7 साल बाद उन्होंने एक बार फिर से पूरे ध्यान लगाकर यूपीएससी की तैयारी की. यह उनके लिए चुनौती भरा तो था ही लेकिन एक बार यदि कोई इंसान ठान लेता है तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.
कौन हैं कुहू गर्ग: बता दें कि, 22 सितंबर 1998 को देहरादून में जन्मी कुहू गर्ग उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की बेटी हैं. अशोक कुमार 1989 बैच के एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं. कुहू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के सेंट थॉमस कॉलेज से पूरी की है. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के एसआरसीसी कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया है. कुहू गर्ग एक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी भी हैं. कुहू बैडमिंटन की अंतरराष्ट्रीय लेवल की खिलाड़ी रही हैं. उन्होंने 9 वर्ष की काफी छोटी उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था. कुहू गर्ग की झोली में अबतक 56 नेशनल (ऑल इंडिया रैंकिंग) और 19 इंटरनेशनल पदक आए हैं. 13 साल की उम्र से ही कुहू ने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतना शुरू कर दिया था. कुहू वुमेंस डबल्स और मिक्स्ड डबल्स में खेल चुकी हैं. मिक्स्ड डबल्स में उनका 34 वर्ल्ड रैंक रह चुका है. साल 2018 में कुहू वर्ल्ड चैंपियनशिप का क्वार्टर फाइनल भी खेल चुकी हैं.
UPSC में बेटी की सफलता से प्रसन्न पिता पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अपने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि वो अपनी बेटी की इस उपलब्धि के बेहद खुश हैं. उन्होंने बताया कि कोविड के बाद हुए Uber Cup के ट्रायल में कुहू को घुटने में चोट (Knee Injury) हो गयी थी और ACL टियर हो गया था, जिसके बाद उसे मुंबई में सर्जरी करानी पड़ी थी. इस दौरान वो खेल नहीं सकती है तो उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की और आज ये उपलब्धि हासिल की है.
अशोक कुमार ने बताया कि 6 साल तक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन और ओपन कैटेगरी मे वर्ल्ड चैंपियनशिप का क्वार्टर फाइनल खेलने वाली कुहू ऐसी पहली खिलाड़ी होगी जो इस मुकाम तक पहुंच सकी है.
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