सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन में हाल फिलहाल में पुलिस ने नशा तस्करी मामले में दादा, पिता और पोते को गिरफ्तार किया था. इस दौरान उनके घर से अवैध नशे की बड़ी खेप और ₹24.40 लाख कैश बरामद हुआ था. इस मामले की पुलिस बड़ी गहनता से जांच कर रही है. जैसे ये लोग नशा कहां से लाते थे और कहां सप्लाई करते थे. इस धंधे में कौन-कौन शामिल हैं. वहीं, पुलिस नशा तस्कर मामले में गिरफ्तार आरोपी बाप-बेटा और पोता को एक मोहरा मान रही और इस अवैध नशे के कारोबार में संलिप्त बड़ी मछलियों की तलाश कर रही है.
नाहन शहर के वाल्मीकि नगर में बीते दिनों नशे की खेप और 24.40 लाख कैश सहित दबोचे गए आरोपी बाप-बेटा और पोते के बाद अब सिरमौर पुलिस के निशाने पर बड़े नशा तस्कर हैं. यही वजह है कि मामले में गठित डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर के नेतृत्व में एसआईटी गहनता से मामले की तफ्तीश कर रही है. सूत्रों की मानें तो बैकवर्ड लिकेंज को खंगाल पुलिस उन बड़े नशा तस्करों तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही है, जहां से ये तीनों आरोपी नशे का यह सामान लेकर आ रहे थे.
पर्दे के पीछे बैठे बड़े नशा तस्करों तक पहुंचने की तैयारी: पुलिस के अनुसार इन तीनों आरोपियों के कब्जे से जिस तरीके से बड़ी मात्रा में कैश और नशे की खेप बरामद हुई है, उससे यह जाहिर होता है कि आरोपियों ने नशे को ही अपना कारोबार बना लिया था, लेकिन लोगों के बीच यह भी चर्चा है कि बाप-बेटा और पोता तो सिर्फ मोहरे हो सकते हैं, जो नशे की सप्लाई में संलिप्त थे. असल में आरोपी नशा कहां से लेकर आते थे, वहां तक इस चेन को तोड़ने की जरुरत है. फिलहाल मामले में आरोपी दादा प्रेमचंद, पिता सागर और पोता संग्राम 22 जुलाई तक नाहन पुलिस रिमांड पर है. माना जा रहा है कि एसआईटी द्वारा पूछताछ के दौरान आरोपी इस मामले में कई राज उगल सकते हैं. यदि इसमें सफलता हाथ लगी, तो निसंदेह पुलिस पर्दे के पीछे बैठे उन बड़े नशा तस्करों तक पहुंचेगी, जो इन आरोपियों के माध्यम से शहर में नशे की सप्लाई कर रहे थे.
पहले भी नशा तस्करी मामले में नाइजीरियन की हुई थी गिरफ्तारी: सिरमौर जिला पुलिस हालांकि नशा तस्करी के मामले में निरंतर बैकवर्ड व फॉरवर्ड लिंकेज पर काम कर रही है, लेकिन यदि इसी साल फरवरी माह में सामने आए चिट्टे और नशीली दवाओं के साथ दबोचे गए हरियाणा निवासी विक्की डॉन मामले को देखें तो, इस मामले में पुलिस दिल्ली तक जा पहुंची थी और यहां से मुख्य सप्लायर नाइजीरियन को चिट्टे की खेप के साथ गिरफ्तार कर बड़े तस्करों तक पहुंचने का उदाहरण पेश कर चुकी है. इस मामले में भी पुलिस ने हरियाणा के 2 बड़े चिट्टा तस्करों सहित नाइजीरियन को सलाखों के पीछे पहुंचाया था. अहम बात यह भी है कि इस मामले में भी डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर के नेतृत्व में ही एसआईटी गठित की गई थी. अब बाप-बेटे और पोते के मामले में भी इसी तरह की कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है.
81 आरोपियों को पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचाया: जिला में नशे की रोकथाम को लेकर जिला पुलिस लगातार प्रयासरत है, जिसकी गवाही इस साल पुलिस द्वारा नशा तस्करों पर की गई कार्रवाई दे रही है. साढ़े 6 महीने में ही पुलिस एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज 51 मामलों में 81 आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है. इसमें 63 आरोपी हिमाचल, 16 आरोपी बाहरी राज्यों और 2 आरोपी विदेशी भी शामिल हैं. इन आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने बड़ी मात्रा में लगभग हर तरह का नशा जैसे चरस, चिट्टा, भुक्की, अफीम, गांजा और नशीली दवाएं बरामद की हैं.
बढ़ते नशे की जिला में ये भी एक बड़ी वजह: पिछले कुछ वर्षों में जिला सिरमौर में नशे का अवैध कारोबार बढ़ा है. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि यह जिला तीन राज्यों की सीमाओं के साथ सटा हुआ है. कुल 225 किलोमीटर में से 223 किलोमीटर की सीमाएं उत्तराखंड और हरियाणा राज्य से लगती है. जबकि 2 किलोमीटर का एरिया उत्तर प्रदेश को भी छूता है. इसके कारण भी यहां नशा तस्करी का धंधा निरंतर बढ़ रहा है, लेकिन तमाम चुनौतियों का सामना कर पुलिस इसकी रोकथाम को लेकर हरसंभव प्रयास कर रही है.
एसआईटी हर पहलू से कर रही जांच: एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने कहा कि मामले में आगामी कार्रवाई के लिए एसआईटी गठित की गई है, जो हर पहलू से मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस नशा तस्करी के हरेक मामले में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को खंगालती है. इस मामले में भी आरोपियों से पूछताछ जारी है. एसपी ने कहा कि सिरमौर पुलिस जिला में नशे के काले कारोबार में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेगी.
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