शिवपुरी: जिले के कोलारस तहसील में बिजली की समस्या बढ़ती जा रही है. स्थिति ऐसी हो चली है कि बुधवार को यहां एक किसान ने बिजली दफ्तर में आत्महत्या का प्रयास किया. लेकिन लोग तब हैरान रह गए जब बिजली विभाग के अधिकारी ने कहा कि मरना है तो मर जाओ. बिजली विभाग पर आरोप है कि कुछ ग्रामीणों द्वारा बिजली बिल नहीं भरे जाने पर पूरे गांव की लाइट काट दी गई. किसान इसी बात का विरोध कर रहे हैं.
आरोप- गांव में 8 दिनों से नहीं है बिजली
बिजली विभाग पर आरोप है कि कोलारस तहसील के साखनोर गांव में 8 दिनों से बिजली नहीं है. यहां बिजली कटौती का विरोध कर रहे एक किसान ने आत्महत्या का प्रयास भी किया, जिसपर उसे कहा गया कि मरना है तो मर जाओ. इसस किसान आक्रोशित हो उठे. इस दौरान मामला बिगड़ता देख इलाके के नायब तहसीलदार शैलेंद्र भार्गव मौके पर पहुंचे और नाराज किसानों को समझाया. उन्होंने आत्महत्या की कोशिश कर रहे किसान को ऐसा करने रोका. साथ ही नाराज किसानों को आश्वासन दिया कि जल्द ही बिजली पहुंचाई जाएगी. इससे किसान शांत होकर अपने घर लौट गए.
'मरना है तो मर जाओ'
आत्महत्या की कोशिश करने वाले किसान विनोद ने आरोप लगाते हुए कहा, "कुछ ग्रामीणों के द्वारा बिजली का बिल नहीं भरा गया है. इसलिए बिजली विभाग ने पूरे गांव की बिजली काट दी. जब मैंने अधिकारी को आत्महत्या की बात कही तो अधिकारी ने जवाब दिया कि मरना है तो मर जाओ. अगर फसल को सही समय पर पानी नहीं मिला तो हम बर्बाद हो जाएंगे. ऐसे में मेरे पास मरने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है."
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हालांकि, बिजली विभाग के सुपरवाइजर सुमित झा ने किसानों के आरोप को निराधार बताया है. उन्होंने कहा, "कोई भी अधिकारी ऐसा नहीं कह सकता. कई गांवों के ग्रामीणों के यहां विद्युत मंडल का 5 से 6 लाख रुपए तक बकाया है. जो किसान आत्महत्या की बात कह रहे हैं, उनके यहां भी बिजली का बिल बकाया है. जब तक बिजली का बकाया बिल पूरा चुकता नहीं किया जाएगा, तब तक बिजली सप्लाई बहाल नहीं की जाएगी."