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अनोखी श्रीमद् भागवत कथा जहां हिंदुओं के साथ ही मुस्लिम भी कृष्ण भक्ति में लीन - KATHA ORGANIZING MUSLIM SARPANCH

श्योपुर जिले के कुहांजापुर में श्रीमद् भागवत कथा से हिंदू-मुस्लिमों के बीच सद्भाव और बढ़ गया. गांव के सरपंच अब्दुल शब्बीर ने कथा करवाई.

Katha organizing Muslim Sarpanch
हिंदुओं के साथ ही मुस्लिम भी हुए कृष्ण भक्ति में लीन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 27, 2025, 5:33 PM IST

श्योपुर: जिले के बड़ौदा बत्तीसा क्षेत्र के ग्राम कुहांजापुर के मुस्लिम सरपंच द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर अनूठी मिशाल पेश की जा रही है. पूरे गांव के कल्याण और अमन-भाईचारे की कामना के साथ सरपंच द्वारा ये कथा कराई गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. कथा का समापन एक सप्ताह चलने के बाद गुरुवार को हुआ.

श्योपुर जिले की ग्राम पंचायत कुहांजापुर

एक तरफ, कई जगहों पर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की साजिशें रची जाती हैं तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो 'राम भी तू, रहीम भी तू' की थीम पर चलते हुए सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाने की कोशिश में लगे हैं. ऐसा ही देखने को मिला श्योपुर जिले की ग्राम पंचायत कुहांजापुर में. यहां मुस्लिम व्यक्ति द्वारा भागवत कथा का आयोजन करवाया गया. कार्यक्रम में दोनों समुदायों के लोगों ने भाग लिया.

श्योपुर की ग्राम पंचायत कुहांजापुर के सरपंच अब्दुल शब्बीर खान (ETV BHARAT)

कुहांजापुर की श्रीमद् भागवत कथा से सद्बाव बढ़ा

इस कार्यक्रम से दोनों समुदायों के बीच प्रेम और सौहार्द और ज्यादा बढ़ा. बता दें कि जनपद पंचायत श्योपुर की ग्राम पंचायत कुहांजापुर के सरपंच अब्दुल शब्बीर खान हैं. उनके द्वारा गांव के माताजी मंदिर प्रांगण में गत 21 फरवरी से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कराया गया. इसका समापन गुरुवार को हुआ. यहां कथावाचक आचार्य पं. महेश तेहरिया ने गोवर्धन पूजा, कृष्ण-रुक्मणि विवाह के प्रसंग के साथ ही श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथाएं सुनाईं. इन 7 दिनों के दौरान कथा सुनने के लिए पूरा गांव वृन्दावनमय हो गया. गांव में सांप्रदायिक सद्भाव की धारा प्रवाहित हुई.

अब्दुल शब्बीर की कथा में कैसे बढ़ी रुचि

कुहांजापुर के सरपंच अब्दुल शब्बीर सांप्रदायिक सोहार्द्र की मिशाल हैं. वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. वह आसपास के गांवों में होने वाली भागवत कथाओं में भी सुनने जाते हैं. इसी से उनकी श्री मद्भागवत के प्रति आस्था बढ़ी. यही वजह है कि उन्होंने अपने गांव में श्रीमद् भागवत कथा आयोजन कराने का निर्णय किया. सरपंच अब्दुल शब्बीर बताते हैं "मानो तो हम सब एक हैं. ईश्वर, अल्लाह एक ही नाम है. मैं पहले भी कई बार कथा सुनने जाता रहा हूं." वहीं, कथावाचक पं. महेश तेहरिया का कहना है "इंसानों में भेदभाव तो वोटबैंक के लिए किया जाता है."

श्योपुर: जिले के बड़ौदा बत्तीसा क्षेत्र के ग्राम कुहांजापुर के मुस्लिम सरपंच द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर अनूठी मिशाल पेश की जा रही है. पूरे गांव के कल्याण और अमन-भाईचारे की कामना के साथ सरपंच द्वारा ये कथा कराई गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. कथा का समापन एक सप्ताह चलने के बाद गुरुवार को हुआ.

श्योपुर जिले की ग्राम पंचायत कुहांजापुर

एक तरफ, कई जगहों पर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की साजिशें रची जाती हैं तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो 'राम भी तू, रहीम भी तू' की थीम पर चलते हुए सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाने की कोशिश में लगे हैं. ऐसा ही देखने को मिला श्योपुर जिले की ग्राम पंचायत कुहांजापुर में. यहां मुस्लिम व्यक्ति द्वारा भागवत कथा का आयोजन करवाया गया. कार्यक्रम में दोनों समुदायों के लोगों ने भाग लिया.

श्योपुर की ग्राम पंचायत कुहांजापुर के सरपंच अब्दुल शब्बीर खान (ETV BHARAT)

कुहांजापुर की श्रीमद् भागवत कथा से सद्बाव बढ़ा

इस कार्यक्रम से दोनों समुदायों के बीच प्रेम और सौहार्द और ज्यादा बढ़ा. बता दें कि जनपद पंचायत श्योपुर की ग्राम पंचायत कुहांजापुर के सरपंच अब्दुल शब्बीर खान हैं. उनके द्वारा गांव के माताजी मंदिर प्रांगण में गत 21 फरवरी से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कराया गया. इसका समापन गुरुवार को हुआ. यहां कथावाचक आचार्य पं. महेश तेहरिया ने गोवर्धन पूजा, कृष्ण-रुक्मणि विवाह के प्रसंग के साथ ही श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथाएं सुनाईं. इन 7 दिनों के दौरान कथा सुनने के लिए पूरा गांव वृन्दावनमय हो गया. गांव में सांप्रदायिक सद्भाव की धारा प्रवाहित हुई.

अब्दुल शब्बीर की कथा में कैसे बढ़ी रुचि

कुहांजापुर के सरपंच अब्दुल शब्बीर सांप्रदायिक सोहार्द्र की मिशाल हैं. वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. वह आसपास के गांवों में होने वाली भागवत कथाओं में भी सुनने जाते हैं. इसी से उनकी श्री मद्भागवत के प्रति आस्था बढ़ी. यही वजह है कि उन्होंने अपने गांव में श्रीमद् भागवत कथा आयोजन कराने का निर्णय किया. सरपंच अब्दुल शब्बीर बताते हैं "मानो तो हम सब एक हैं. ईश्वर, अल्लाह एक ही नाम है. मैं पहले भी कई बार कथा सुनने जाता रहा हूं." वहीं, कथावाचक पं. महेश तेहरिया का कहना है "इंसानों में भेदभाव तो वोटबैंक के लिए किया जाता है."

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