श्योपुर। विजयपुर के विधायक और कांग्रेस के कद्दावर नेता रामनिवास रावत के भाजपा में शामिल होने की अटकले तेज हो गई हैं. कांग्रेस के 6 बार के वरिष्ठ विधायक, पूर्व मंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्किंग प्रेसिडेंट रामनिवास रावत भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं. रामनिवास रावत लगातार पार्टी में हो रही अपनी उपेक्षा से नाराज हैं. हालांकि उन्होंने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
25 अप्रैल को हो सकते हैं शामिल
मध्य प्रदेश कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं. आये दिन कोई ना कोई नेता कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहा है. अब खबरें आ रही हैं कि 6 बार के कांग्रेस विधायक और और वर्तमान में श्योपुर की विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत भाजपा का दामन थाम सकते हैं. 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुरैना की जनसभा में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं. रावत पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे हैं.
लगातार उपेक्षा से हैं नाराज
रामनिवास रावत पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. रावत ने जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. बताया जाता है कि रावत को कांग्रेस ने अनदेखा किया, ना ही प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया और ना ही नेता प्रतिपक्ष का. शायद यही सब कारण है जिसके चलते अपनी ही पार्टी से नाराज होकर रामनिवास रावत अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं. रामनिवास रावत ने मुरैना लोकसभा चुनाव का टिकट घोषित होने के बाद खुलकर अपनी नाराजगी जताई थी, और तब कहा था कि वह मुरैना लोकसभा को छोड़कर भी किसी भी लोकसभा में काम करने को तैयार हैं. उनका साफ इशारा मुरैना श्योपुर लोकसभा या किसी दूसरी भी सीट से टिकट की इच्छा थी, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने वहां भी इनको इग्नोर किया था.
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कांग्रेस की रणनीति पर उठाये थे सवाल
रावत ने कांग्रेस की रणनीति पर भी लेकर सवाल उठाया था, उन्होंने कहा था कि ऊपर बैठे हुए लोगों को कांग्रेस के कार्यकर्ता व सदस्यों से भी राय लेनी चाहिए ताकि सही व्यक्ति को चुनाव लड़ने का मौका मिल सके. रामनिवास रावत लगातार भाजपा के संपर्क में बने हुए हैं, श्योपुर के सेसईपुरा में हुई मुख्यमंत्री की आम सभा के दौरान मंच पर रामनिवास रावत ने इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री को विजयपुर आने की बात भी कही थी, तो वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी रामनिवास रावत को अपना बड़ा भाई कहते हुए मंच पर साथ में ही खड़ा किया था और गले लगाया था.