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सुप्रीम कोर्ट से बागियों को झटका, अयोग्यता बरकरार, कांग्रेस विधायक बोले 'Moye Moye' हो गया

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 18, 2024, 6:09 PM IST

SC on Himachal Congress Rebel MLAs: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की अयोग्यता को बरकरार रखते हुए उन्हें कोई राहत नहीं दी है. हालांकि इस मामले में नोटिस जारी किया गया है. उधर एक कांग्रेस विधायक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बागी विधायकों पर चुटकी ले ली. जानें पूरा मामला क्या है.

SC on Himachal Congress Rebel MLAs
SC on Himachal Congress Rebel MLAs

शिमला/दिल्ली: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है. दरअसल सोमवार को बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता को बरकरार रखा है. कोर्ट ने इनके सदन की कार्यवाही में भाग लेने या वोट करने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया है. इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया के ऑफिस और विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया है. जिस पर चार हफ्ते में जवाब देना होगा.

कांग्रेस ने ली चुटकी

सुप्रीम कोर्ट से बागियों को राहत ना मिलने पर कांग्रेस ने चुटकी ली है. फतेहपुर से कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद अपने सोशल मीडिया पेज पर चुटकी लेते हुए एक पोस्ट की. जिसमें उन्होंने लिखा कि ' Moye Moye #JaiSupremecourt'. गौरतलब है कि मौजूदा समय मं आए सियासी संकट के बीच सुक्खू सरकार ने भवानी सिंह पठानिय को प्लानिंग बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया है. बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि सरकार को बचाने के लिए रेवड़ियों की तरह पद बांटे जा रहे हैं.

कांग्रेस विधायक की पोस्ट
कांग्रेस विधायक की पोस्ट

नाहन से कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई तक का वक्त दिया है. नोटिस का जवाब दिया जाएगा. हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया ने नियमों के तहत ही इन बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, अब कोर्ट अपना फैसला करेगा.

वहीं धर्मशाला नगर निगम की मेयर नीनू शर्मा ने कहा कि "हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के क्षेत्र की जनता के साथ इंसाफ किया है. ये आम मतदाता, सच्चाई और संविधान की जीत है. क्योंकि 6 विधायकों ने जो कदम उठाया उससे जनता में रोष और दुखी हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उन्हें इंसाफ मिला है."

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ ?

कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने स्पीकर द्वारा खुद को अयोग्य करार दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जहां सोमवार को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि " हम इस मामले में नोटिस जारी कर सकते हैं लेकिन कोई स्टे नहीं लगा सकते." बागी विधायकों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अयोग्यता पर रोक लगाए बिना याचिका निरर्थक होगी. जिस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा "स्टे लगाना संभव नहीं होगा. जहां तक उपचुनाव का सवाल है तो ये एक मुद्दा हो सकता है. इसलिये या तो नए चुनाव से पहले फैसला लेना होगा या फिर हम चुनाव की अनुमति नहीं देंगे"

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

हरीश साल्वे ने उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले के दूसरे पक्ष को एक हफ्ते का नोटिस दें और सुनवाई तय करें. एक अन्य वकील की ओर से कहा गया कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव की नोटिफिकेशन 7 मई को जारी होनी है, कोर्ट इस तारीख से पहले मामले की सुनवाई कर सकती है. वहीं हिमाचल सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर कोर्ट नोटिस जारी करती है तो नोटिस चुनाव आयोग को भी जाएगा.

जस्टिस खन्ना ने फिर दोहराया कि कोर्ट 6 विधायकों की अयोग्यता पर रोक नहीं लगाएगा. वहीं बेंच ने अपने आदेश में कहा कि "मुख्य याचिका के साथ-साथ स्टे के आवेदन पर भी नोटिस जारी करें. 6 मई को शुरु हो रहे सप्ताह में मामले को लिस्ट करें. जवाबी हलफनामा 4 हफ्ते में दाखिल करना होगा."

डिप्टी स्पीकर ने क्या कहा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर विनय कुमार ने कहा कि "6 बागी विधायकों को नियमों के तहत विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था. जिसके खिलाफ ये सुप्रीम कोर्ट गए थे. कोर्ट ने सचिवालय को भी नोटिस दिया है. हमें न्यायालय का फैसला मंजूर होगा."

ये भी पढ़ें: नारी सम्मान योजना के तहत महिलाओं को मिलेंगे ₹1500, जानें कहां और कैसे करें आवेदन?

शिमला/दिल्ली: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है. दरअसल सोमवार को बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता को बरकरार रखा है. कोर्ट ने इनके सदन की कार्यवाही में भाग लेने या वोट करने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया है. इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया के ऑफिस और विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया है. जिस पर चार हफ्ते में जवाब देना होगा.

कांग्रेस ने ली चुटकी

सुप्रीम कोर्ट से बागियों को राहत ना मिलने पर कांग्रेस ने चुटकी ली है. फतेहपुर से कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद अपने सोशल मीडिया पेज पर चुटकी लेते हुए एक पोस्ट की. जिसमें उन्होंने लिखा कि ' Moye Moye #JaiSupremecourt'. गौरतलब है कि मौजूदा समय मं आए सियासी संकट के बीच सुक्खू सरकार ने भवानी सिंह पठानिय को प्लानिंग बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया है. बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि सरकार को बचाने के लिए रेवड़ियों की तरह पद बांटे जा रहे हैं.

कांग्रेस विधायक की पोस्ट
कांग्रेस विधायक की पोस्ट

नाहन से कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई तक का वक्त दिया है. नोटिस का जवाब दिया जाएगा. हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया ने नियमों के तहत ही इन बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, अब कोर्ट अपना फैसला करेगा.

वहीं धर्मशाला नगर निगम की मेयर नीनू शर्मा ने कहा कि "हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के क्षेत्र की जनता के साथ इंसाफ किया है. ये आम मतदाता, सच्चाई और संविधान की जीत है. क्योंकि 6 विधायकों ने जो कदम उठाया उससे जनता में रोष और दुखी हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उन्हें इंसाफ मिला है."

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ ?

कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने स्पीकर द्वारा खुद को अयोग्य करार दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जहां सोमवार को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि " हम इस मामले में नोटिस जारी कर सकते हैं लेकिन कोई स्टे नहीं लगा सकते." बागी विधायकों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अयोग्यता पर रोक लगाए बिना याचिका निरर्थक होगी. जिस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा "स्टे लगाना संभव नहीं होगा. जहां तक उपचुनाव का सवाल है तो ये एक मुद्दा हो सकता है. इसलिये या तो नए चुनाव से पहले फैसला लेना होगा या फिर हम चुनाव की अनुमति नहीं देंगे"

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

हरीश साल्वे ने उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले के दूसरे पक्ष को एक हफ्ते का नोटिस दें और सुनवाई तय करें. एक अन्य वकील की ओर से कहा गया कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव की नोटिफिकेशन 7 मई को जारी होनी है, कोर्ट इस तारीख से पहले मामले की सुनवाई कर सकती है. वहीं हिमाचल सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर कोर्ट नोटिस जारी करती है तो नोटिस चुनाव आयोग को भी जाएगा.

जस्टिस खन्ना ने फिर दोहराया कि कोर्ट 6 विधायकों की अयोग्यता पर रोक नहीं लगाएगा. वहीं बेंच ने अपने आदेश में कहा कि "मुख्य याचिका के साथ-साथ स्टे के आवेदन पर भी नोटिस जारी करें. 6 मई को शुरु हो रहे सप्ताह में मामले को लिस्ट करें. जवाबी हलफनामा 4 हफ्ते में दाखिल करना होगा."

डिप्टी स्पीकर ने क्या कहा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर विनय कुमार ने कहा कि "6 बागी विधायकों को नियमों के तहत विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था. जिसके खिलाफ ये सुप्रीम कोर्ट गए थे. कोर्ट ने सचिवालय को भी नोटिस दिया है. हमें न्यायालय का फैसला मंजूर होगा."

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