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संभल शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई के लिए सर्वे करने पहुंची ASI की टीम, 28 फरवरी को हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला - SAMBHAL SHAHI JAMA MASJID SURVEY

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर एएसआई की टीम सर्वेक्षण करने शाही जामा मस्जिद पहुंची है.

शाही जामा मस्जिद में सर्वे करने पहुंची एएसआई की टीम.
शाही जामा मस्जिद में सर्वे करने पहुंची एएसआई की टीम. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 27, 2025, 6:11 PM IST

Updated : Feb 27, 2025, 6:54 PM IST

संभल : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 3 सदस्यीय टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए पहुंची है. यह कार्रवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर की जा रही है. न्यायाधीश रोहित रंजन अग्रवाल इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं.

मस्जिद कमेटी ने जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई के संबंध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. गुरुवार को कोर्ट ने एएसआई को मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कमेटी गठित करते हुए एएसआई से शुक्रवार सुबह 10 बजे तक रिपोर्ट मांगी है.

बता दें कि जामा मस्जिद कमेटी ने जिला प्रशासन एवं एएसआई से रमजान का महीना शुरू होने से पहले की अनुमति मांगी थी. इसके बाद बीती 25 फरवरी को जामा मस्जिद हाईकोर्ट चली गई थी. 28 फरवरी को इस मामले में हाईकोर्ट अपना निर्णय सुनाएगी.

रंगाई-पुताई के लिए सर्वे करने पहुंची ASI की टीम. (Photo Credit; ETV Bharat)

गुरुवार शाम करीब 4:30 बजे एएसआई की टीम जामा मस्जिद पहुंची. सुरक्षा के लिहाज से जामा मस्जिद के चारों ओर बैरियर लगाए गए. स्थानीय पुलिस फोर्स के साथ RRF और PAC को तैनात किया गया है.

एएसआई की टीम सर्वेक्षण रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगी. रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट फैसला लेगी. टीम में एएसआई के ज्वाइंट डायरेक्टर मदन सिंह चौहान, निदेशक जुल्फिकार अली, निदेशक विनोद सिंह रावत, सुप्रीटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट मेरठ सर्किल शामिल हैं.

समझौते का करना होगा पालन: कोर्ट ने कहा कि परिसर संरक्षित है और एएसआई के नियंत्रण में है. 13 और 19 जनवरी 1927 को जामा मस्जिद संभल के मुतवल्ली और भारत परिषद के सचिव के बीच एक समझौता किया गया था.

समझौते की शर्तें के अनुसार यह पुरातत्व विभाग के विवेक पर निर्भर करता है कि समय-समय पर क्या मरम्मत की जानी चाहिए. इंतजामिया कमेटी के वकील ने नहीं बताया कि यह एएसआई की जिम्मेदारी है. वह 1927 में हुए समझौते के अनुसार परिसर का रखरखाव करे.

कमेटी अपने फंड से खर्च वहन करेगी: सुनवाई के दौरान एएसआई के वकील मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इंतजामिया कमेटी ने उनके अधिकारियों को मस्जिद में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है, इसलिए वह यह नहीं कह सकते कि मस्जिद की दीवारों पर सफेदी करने की आवश्यकता है या नहीं.

उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर निरीक्षण किया गया है. मस्जिद में रमजान के दौरान सफेदी और अतिरिक्त रोशनी के काम की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है. अगर मस्जिद में सफेदी कराने की आवश्यकता है, तो समझौते के अनुसार यह काम एएसआई करेगा और मस्जिद की इंतजामिया कमेटी अपने फंड से इसका खर्च वहन करेगी.

हिंदू पक्ष के वकील ने किया विरोध: एडवोकेट हरिशंकर जैन ने पुनरीक्षण याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इंतजामिया कमेटी इस पुनरीक्षण याचिका के बहाने हिंदू मंदिर के कलाकृतियों और प्रतीकों को नष्ट कर देगी. उन्होंने कहा कि यह पुनरीक्षण याचिका स्वीकार नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि साइट की देखभाल करने की अनुमति एएसआई को है और उसने पुनरीक्षणकर्ताओं को ढील दे दी है.

सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट हरिशंकर जैन की आशंकाओं का समाधान किया जाना आवश्यक है, क्योंकि सफेदी के बहाने मुकदमे का उद्देश्य प्रभावित नहीं होना चाहिए.

साथ ही यह भी आवश्यक है कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान पुनरीक्षणकर्ता और उनके समुदाय के सदस्य बिना किसी बाधा के धार्मिक गतिविधियों का पालन कर सकें. इसलिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मस्जिद में सफेदी का काम ऐसे तरीके से किया जाए, जिससे धार्मिक गतिविधियों में कोई बाधा न हो.

चार लोगों की हुई थी मौत : जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया. इसे लेकर 19 नवंबर 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई. उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया.

कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. उसी दिन शाम को चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई. 2 घंटे सर्वे किया. हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ. इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची. दोपहर में मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था.

इसी दौरान भारी संख्या में लोग जुट गए. भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके. इसके बाद हिंसा भड़क गई. इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई.

यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट में संभल जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई पर सुनवाई कल - ALLAHABAD HIGH COURT

यह भी पढ़ें: संभल हिंसा; अब तक 29 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज, हाईकोर्ट जाएगा आरोपी पक्ष - SAMBHAL VIOLENCE

संभल : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 3 सदस्यीय टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए पहुंची है. यह कार्रवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर की जा रही है. न्यायाधीश रोहित रंजन अग्रवाल इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं.

मस्जिद कमेटी ने जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई के संबंध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. गुरुवार को कोर्ट ने एएसआई को मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कमेटी गठित करते हुए एएसआई से शुक्रवार सुबह 10 बजे तक रिपोर्ट मांगी है.

बता दें कि जामा मस्जिद कमेटी ने जिला प्रशासन एवं एएसआई से रमजान का महीना शुरू होने से पहले की अनुमति मांगी थी. इसके बाद बीती 25 फरवरी को जामा मस्जिद हाईकोर्ट चली गई थी. 28 फरवरी को इस मामले में हाईकोर्ट अपना निर्णय सुनाएगी.

रंगाई-पुताई के लिए सर्वे करने पहुंची ASI की टीम. (Photo Credit; ETV Bharat)

गुरुवार शाम करीब 4:30 बजे एएसआई की टीम जामा मस्जिद पहुंची. सुरक्षा के लिहाज से जामा मस्जिद के चारों ओर बैरियर लगाए गए. स्थानीय पुलिस फोर्स के साथ RRF और PAC को तैनात किया गया है.

एएसआई की टीम सर्वेक्षण रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगी. रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट फैसला लेगी. टीम में एएसआई के ज्वाइंट डायरेक्टर मदन सिंह चौहान, निदेशक जुल्फिकार अली, निदेशक विनोद सिंह रावत, सुप्रीटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट मेरठ सर्किल शामिल हैं.

समझौते का करना होगा पालन: कोर्ट ने कहा कि परिसर संरक्षित है और एएसआई के नियंत्रण में है. 13 और 19 जनवरी 1927 को जामा मस्जिद संभल के मुतवल्ली और भारत परिषद के सचिव के बीच एक समझौता किया गया था.

समझौते की शर्तें के अनुसार यह पुरातत्व विभाग के विवेक पर निर्भर करता है कि समय-समय पर क्या मरम्मत की जानी चाहिए. इंतजामिया कमेटी के वकील ने नहीं बताया कि यह एएसआई की जिम्मेदारी है. वह 1927 में हुए समझौते के अनुसार परिसर का रखरखाव करे.

कमेटी अपने फंड से खर्च वहन करेगी: सुनवाई के दौरान एएसआई के वकील मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इंतजामिया कमेटी ने उनके अधिकारियों को मस्जिद में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है, इसलिए वह यह नहीं कह सकते कि मस्जिद की दीवारों पर सफेदी करने की आवश्यकता है या नहीं.

उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर निरीक्षण किया गया है. मस्जिद में रमजान के दौरान सफेदी और अतिरिक्त रोशनी के काम की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है. अगर मस्जिद में सफेदी कराने की आवश्यकता है, तो समझौते के अनुसार यह काम एएसआई करेगा और मस्जिद की इंतजामिया कमेटी अपने फंड से इसका खर्च वहन करेगी.

हिंदू पक्ष के वकील ने किया विरोध: एडवोकेट हरिशंकर जैन ने पुनरीक्षण याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इंतजामिया कमेटी इस पुनरीक्षण याचिका के बहाने हिंदू मंदिर के कलाकृतियों और प्रतीकों को नष्ट कर देगी. उन्होंने कहा कि यह पुनरीक्षण याचिका स्वीकार नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि साइट की देखभाल करने की अनुमति एएसआई को है और उसने पुनरीक्षणकर्ताओं को ढील दे दी है.

सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट हरिशंकर जैन की आशंकाओं का समाधान किया जाना आवश्यक है, क्योंकि सफेदी के बहाने मुकदमे का उद्देश्य प्रभावित नहीं होना चाहिए.

साथ ही यह भी आवश्यक है कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान पुनरीक्षणकर्ता और उनके समुदाय के सदस्य बिना किसी बाधा के धार्मिक गतिविधियों का पालन कर सकें. इसलिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मस्जिद में सफेदी का काम ऐसे तरीके से किया जाए, जिससे धार्मिक गतिविधियों में कोई बाधा न हो.

चार लोगों की हुई थी मौत : जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया. इसे लेकर 19 नवंबर 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई. उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया.

कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. उसी दिन शाम को चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई. 2 घंटे सर्वे किया. हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ. इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची. दोपहर में मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था.

इसी दौरान भारी संख्या में लोग जुट गए. भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके. इसके बाद हिंसा भड़क गई. इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई.

यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट में संभल जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई पर सुनवाई कल - ALLAHABAD HIGH COURT

यह भी पढ़ें: संभल हिंसा; अब तक 29 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज, हाईकोर्ट जाएगा आरोपी पक्ष - SAMBHAL VIOLENCE

Last Updated : Feb 27, 2025, 6:54 PM IST
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