जोधपुर: तेजी से आगे बढ़ती इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी 5जी का उपयोग हर स्तर पर होने लगा है. ऐसे में केंद्र सरकार ने इस तकनीक के सहारे देश के तकनीकी संस्थानों में रिसर्च को बढावा देने के लिए 100 चुनिंदा संस्थानों में 5जी लैब्स के लिए फंडिंग दी है. प्रत्येक लैब पर एक करोड रुपये खर्च हो रहे हैं. इसी कड़ी में जोधपुर के एमबीएम यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस में लैब स्थापित की गई है. जल्द ही इस लैब के मार्फत प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा.
लैब के समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. श्रवणराम ने बताया कि लैब का उदृदेश्य शैक्षणिक कार्यों के साथ-साथ रिसर्च को बढ़ावा देना है. उन्होंने बताया कि आजकल सेंसर तकनीक का उपयोग बहुतायत हो रहा है. हर जगह पर डेटा लेने के लिए सेंसर लगाए जा रहे हैं, लेकिन उस डेटा को कम्युनिकेट करने के लिए 5जी के इस्तेमाल को सरल बनाने के लिए यह लैब स्थापित की गई है, जिससे अलग-अलग क्षेत्रों का डेटा रिसर्च के लिए जुटाया जा सके.
500 सिम और उपकरण मिले : एमबीएम विश्वविद्यालय में एक करोड़ रुपये के उपकरणों से सुसज्जित 5जी लैब स्थापित की गई है. विशेषकर 5जी से जुड़े विभिन्न सेक्टर में अनुसंधान कार्य किए जाएंगे. लैब के लिए केंद्र सरकार ने 500 सिम भेजी हैं, जो 5जी डिवाइस में लगाई जाएंगी. इसमें 25 डिवाइस भी आई हैं, जो 5जी टेक्नोलॉजी को सपोर्ट करती हैं. ये डिवाइस डिस्पले बोर्ड से वायरलैस जुड़ी हुई हैं. केंद्र सरकार ने 5जी से जुड़ा एक ड्रोन कैमरा भी दिया है, जो कृषि कार्यों में उपयोग होगा. साथ ही सर्वर लगाए गए हैं. लैब का नाम '5जी यूज केसेज' रखा गया है.
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इन क्षेत्रों में रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा : 5जी लैब से सरकार का उदृदेश्य छात्र रिसर्च से जुड़े कार्य हैं. इनमें स्वास्थ्य, स्मार्ट सिटी, ट्रैफिक, प्रदूषण, कृषि व शिक्षा को महत्व दिया गया है. इन क्षेत्रों में होने वाली रिसर्च के डेटा संबंधित शहर व राज्य की नीति बनाने में उपयोगी तो होंगे ही, साथ में आने वाले समय में 6जी के लिए भी वर्क फोर्स तैयार होगी. डॉ. श्रवणराम ने बताया कि लैब में एमबीएम विवि के साथ अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. लैब का उपयोग औद्योगिक प्रतिष्ठान भी अपनी समस्या निवारण और काम को बेहतर तरीके से करने के लिए कर सकेंगे.
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प्रदेश को मिली पांच लैब : केंद्र सरकार के दूरसंचार विभाग की ओर से देश में 100 स्थानों पर 5जी लैब स्थापित की गई हैं. इसका उद्देश्य 5जी से जुड़े अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देना है. राजस्थान को पांच लैब मिली हैं. इसमें एमएनआईटी जयपुर को एक और जोधपुर में एमबीएम विवि व आईआईटी जोधपुर के अलावा बिट्स पिलानी व वनस्थली विद्यपीठ को लैब आवंटित की गई हैं.
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यह है सरकार का उदृेश्य : प्रत्येक लैब में प्रति वर्ष कम से कम 50 छात्र और 10 संकाय रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार करें. साथ ही पांच स्टार्टअप और एमएसएमई इसका लाभ लें. इसके अलावा प्राप्त होने वाले डेटा से संबंधित क्षेत्रों को लेकर दो शोध पेपर भी प्रकाशित हो सके. इसके अलावा छात्रों और एकेडेमिक फैकल्टी में 5G तकनीक के प्रति दक्षता बढ़ाना. 5G वातावरण का उपयोग करने वाले छात्रों के लिए यूजी और पीजी स्तर पर प्रोजेक्ट तैयार करना. भारतीय शिक्षा और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को 6G के लिए तैयार करना.
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