बाड़मेरः शहर के आदर्श स्टेडियम में 22 दिसंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है. यहां पर गांव से लेकर शहर तक की डेढ़ सौ महिलाएं गाय के गोबर से यज्ञकुंड बनाने में जुटी हुई हैं. यह यज्ञ गायत्री शक्तिपीठ बाड़मेर एवं शांतिकुंज हरिद्वार के सानिध्य में हो रहा है.
25 सौ महिलाएं कलश के साथ शोभायात्रा में होगी शामिलः गायत्री परिवार के रेवंतसिंह ने बताया कि बाड़मेर शहर में 27 वर्ष बाद 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ व संस्कार महोत्सव का आयोजन हो रहा है. इसकी तैयारियां परिजनों द्वारा की जा रही है. उन्होंने बताया कि 22 दिसंबर को हाई स्कूल मैदान से मंगल कलश यात्रा रवाना होकर आदर्श स्टेडियम पहुंचेगी. बाड़मेर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से करीब 2500 माता-बहनें सिर पर कलश धारण कर यात्रा में शामिल रहेंगी. उन्होंने बताया कि इस महायज्ञ में 23 से 25 दिसंबर तक सुबह 6:30 बजे से प्रज्ञा योग एवं ध्यान साधना से कार्यक्रमों की शुरुआत होगी. वहीं, 23 दिसंबर से पूजन व आहुतियों का क्रम चलेगा. उन्होंने बताया कि इससे पहले वर्ष 1986 और फिर 1997 में महायज्ञ हुआ था. उन्होंने बताया कि मिट्टी की ईंट और गाय के गोबर से 108 यज्ञवेदियां बनाई जा रही हैं.
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150 महिलाएं बना रही यज्ञकुंडः इसी तरह यज्ञ स्थल पर यज्ञवेदी बना रही महिला मंजू कंवर ने बताया कि पिछले 10-15 दिन से करीब डेढ़ सौ महिलाएं यहां अलग अलग समय में आकर गाय के गोबर से यज्ञकुंड बनाने में लगी हुई है. मंजू का कहना था कि गाय के गोबर में देवताओं का वास माना जाता है.