पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बहाली मामले पर सुनवाई पूरी कर ली है. उच्च न्यायालय ने निर्णय को सुरक्षित रख लिया है. रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस मामले पर शीघ्र निर्णय आने की संभावना है.
HC ने दो सप्ताह की मोहलत दी थी : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य निगरानी विभाग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का और मोहलत दिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि अभी भी 72 हजार शिक्षकों के फोल्डर प्राप्त नहीं हुए हैं. ये मामला काफी दिनों से चल रहा है, लेकिन जांच की रफ्तार काफी धीमी है.
फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश : पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह एक समय सीमा निर्धारित करे, जिसके तहत सभी सम्बंधित शिक्षक अपना डिग्री व अन्य कागजात प्रस्तुत करें. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि निर्धारित समय के भीतर कागजात व रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए.
1.10 लाख से अधिक शिक्षकों के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि बड़ी संख्या में जाली डिग्रियों के आधार पर शिक्षक राज्य में काम कर रहे हैं. साथ ही वे वेतन भी उठा रहे है. पहले की सुनवाइयों में निगरानी विभाग ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि राज्य सरकार द्वारा इनके सम्बंधित रिकॉर्ड की जांच कर रही है, लेकिन अभी भी एक लाख दस हजार से अधिक शिक्षकों के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं.
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