मंडी (Mandi): हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ के घृत मंडल श्रृंगार की रस्में तारा रात्रि से शुरू हो गई हैं. शिवरात्रि महोत्सव तक रोजाना बाबा भूतनाथ का विभिन्न रूपों में श्रृंगार किया जाएगा. पहले दिन बाबा भूतनाथ का मंडी जनपद के पराशर ऋषि के रूप में श्रृंगार किया गया. बीती रात से ही सभी श्रद्धालुओं ने मंदिर को सजाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. मंदिर परिसर को दिल्ली से ले गए फूलों से सजाया गया है. बीती रात को 11 बजे तक जहां श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन से बाबा भूतनाथ का गुणगान किया. वहीं, उसके उपरांत बाबा के घृत मंडल श्रृंगार की रस्मों में भी भाग लिया.
कौन हैं ऋषि पराशर: बाबा भूतनाथ मठ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि तारा रात्रि से बाबा भूतनाथ का माखन रूपी श्रृंगार शुरू हो गया है. शुक्रवार को बाबा भूतनाथ ऋषि पराशर के रूप में दर्शन दे रहे हैं. ऋषि पराशर शास्त्रवेत्ता, ब्रह्मज्ञानी और वैदिक सुक्तों के द्रष्टा और ग्रन्थकार है. उन्होंने बताया कि ऋषि पराशर का इतिहास प्राचीन ग्रन्थों में भी मिलता है. महाभारत काल में भी ऋषि पराशर का इतिहास देखने को मिलता है. उन्होंने बताया कि ये पहले सुनिश्चित नहीं होता कि कौन सा रूप शिवलिंग पर बनना है. महंत ने बताया कि जब भी वह शिवलिंग पर आते हैं, उसी समय भगवान शिव के आदेश पर भगवान का रूप उकेरा जाता है.
इस समय नहीं होता जलाभिषेक: मंडी शहर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ को माखन लेप चढ़ाने की परंपरा का इतिहास सदियों पुराना है. मान्यता है कि मक्खन लेप चढ़ाने की परंपरा 1527 ई. से मंडी नगर की स्थापना से चली आ रही है. इस बार शिवरात्रि महोत्सव 8 मार्च को मनाया जा रहा है. शिवरात्रि से ठीक एक माह पहले बाबा भूतनाथ मठ मंदिर में घृत मंडल श्रृंगार की रस्में शुरू हो जाती हैं. इस दौरान बाबा का जलाभिषेक नहीं किया जाता है.
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