नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएसआईएस के संदिग्ध अमर अब्दुल रहीमन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हए एनआईए को नोटिस जारी किया है. सोमवार को जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को करने का आदेश दिया. रहीमन पर एनआईए ने 2021 में केस दर्ज किया था. उसने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है.
रहीमन की ओर से पेश वकील अर्चित कृष्णा ने कहा कि याचिकाकर्ता दो साल से ज्यादा समय से हिरासत में है. उसके खिलाफ यूएपीए की धारा 2(ओ), 13, 38 और 39 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. एनआईए ने 13 लोगों को आरोपी बनाया है. 8 सितंबर 2022 को पहली चार्जशीट दाखिल हुई थी.
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एनआईए ने तीन आरोपियों मोहम्मद अमीन काठोदी ऊर्फ अबू याह्या, मुशाब अनवर ऊर्फ इब्नावर और रहीश राशीद ऊर्फ सच्चु के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. 31 अक्टूबर 2022 को पूरक चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था. दूसरी चार्जशीट में एनआईए ने जिन्हें आरोपी बनाया था उनमें मुंडाडिगाट्टु सदाननंदा मार्ला दीप्ति ऊर्फ दीप्ति मार्ला ऊर्फ मरियम, मोहम्मद वकार लोन ऊर्फ विल्सन कश्मीरी, मिझा सिद्दीकी, शिफा हैरिस, ओबैद हमीद माटा, मधेश शंकर ऊर्फ अब्दुल्ला उर्फ दरदान, अमर अब्दुल रहीमन, मुजम्मिल हसन भट और इरशाद ठेक्के कोलेथ ऊर्फ बिलाल शामिल हैं.
बिलाल किसी दूसरे देश में भाग चुका है. एनआईए के मुताबिक सभी आरोपी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म को हैंडल कर रहे थे. ये इसका इस्तेमाल टूलकिट के तौर पर कर रहे थे और इसके जरिए आईएसआईएस की विचारधारा का प्रसार कर लोगों को बहकाकर गैरकानून काम को अंजाम दे रहे थे.
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