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हिमाचल के डिपुओं में प्राकृतिक तरीके से तैयार मक्की के आटे का रेट तय, यहां जाने कितने रुपए किलो मिलेगा आटा - CORN FLOUR IN HP DEPOT

हिमाचल में के डिपुओं में अब प्राकृतिक तरीके से तैयार मक्की का आटा मिलेगा. जिसकी सीएम ने लॉन्चिंग कर दी है.

HIMACHAL NATURAL FARMING PRODUCT
प्राकृतिक तरीके से तैयार मक्की का आटा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 32 minutes ago

शिमला: हिमाचल के डिपुओं में लोगों को अब पहली बार प्राकृतिक खेती से तैयार की गई मक्की का आटा मिलेगा. जिसकी लॉन्चिंग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिसंबर को सरकार के दो साल पूरा होने के उपलक्ष्य पर कर दी है. ऐसे में अब इसी महीने से प्रदेश के डिपुओं में उपभोक्ताओं को गेहूं का आटा, चावल, चीनी, दालें, नमक, सरसों तेल के साथ अब प्राकृतिक खेती से तैयार उच्च गुणवत्ता से भरपूर मक्की का आटा भी मिलेगा. इसमें कीटनाशकों और रसायनों का प्रयोग नहीं किया गया है. डिपुओं में इसे उपलब्ध करवाने से आम जनता तक इसकी पहुंच बढ़ेगी और उन्हें एक पोषक और प्राकृतिक आहार विकल्प मिलेगा. मक्की के आटे में फाइबर, प्रोटीन और कई महत्वपूर्ण विटामिन होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं. खासकर सर्दियों में मक्की की रोटी खाने से शरीर को गर्मी मिलती है.

HIMACHAL NATURAL FARMING PRODUCT
सीएम सुक्खू ने लॉन्च किया हिम भोग मक्की का आटा (ETV Bharat)

ये होगा हिम भोग ब्रांड मक्की आटे का भाव

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पहली बार डिपुओं में हिम भोग ब्रांड से प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा उपलब्ध कराने जा रही है. वहीं, सरकार ने मक्की के आटे का भाव भी तय कर दिया है. डिपुओं से उपभोक्ताओं को ये मक्की का आटा 50 रुपए किलो मिलेगा. प्रदेश में पढ़े लिखे युवाओं के पलायन को रोकने और उन्हें खेती बाड़ी के पेशे से जोड़ने के लिए सरकार ने प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की को 30 रुपए के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की अनूठी पहल की है. जिसके लिए प्रदेश के 10 जिलों में 25 अक्टूबर से मक्की की खरीद शुरू की थी. इसके तहत अब तक करीब 400 मीट्रिक टन मक्की खरीदी गई है. जो अब हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम से मिलों में पिसाई के लिए भेजी जा रही है. ऐसे में उपभोक्ताओं को इसी महीने से डिपुओं में मक्की का आटा उपलब्ध होगा.

इतने किलो पैकिंग में मिलेगा आटा

हिमाचल के डिपुओं में पहली बार उपभोक्ताओं को प्राकृतिक खेती की तकनीक से तैयार की गई मक्की का आटा मिलेगा. जो एक किलो और पांच किलो की पैकिंग में उपलब्ध होगा. इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने 15 मिलें चिन्हित की है. इस तरह अब पिसाई के बाद उपभोक्ताओं को डिपुओं में मक्की का आटा मिलेगा. खासकर सर्दियों के मौसम में शहरों में मक्की के आटे की सबसे अधिक डिमांड रहती है. प्रदेश भर में प्राकृतिक खेती करने वाले 3,218 प्रमाणित किसान चयनित किए गए हैं. इस साल लाहौल-स्पीति और किन्नौर के अलावा अन्य 10 जिलों में प्राकृतिक खेती से 13,304 हेक्टेयर भूमि पर 27,768 मीट्रिक टन मक्की तैयार की गई है. इसमें से सरकार 508 मीट्रिक टन अतिरिक्त मक्की किसानों से खरीद का लक्ष्य रखा था. इस सीजन में 92,516 किसानों ने प्राकृतिक खेती से मक्की की फसल तैयार की है, जिसमें खरीद के लिए विभाग ने 3,218 किसान चयनित किए हैं.

ये भी पढ़ें: इतना महंगा बिक रहा बकरी के दूध से बना घी, जानिए क्या हैं इसके फायदे

शिमला: हिमाचल के डिपुओं में लोगों को अब पहली बार प्राकृतिक खेती से तैयार की गई मक्की का आटा मिलेगा. जिसकी लॉन्चिंग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिसंबर को सरकार के दो साल पूरा होने के उपलक्ष्य पर कर दी है. ऐसे में अब इसी महीने से प्रदेश के डिपुओं में उपभोक्ताओं को गेहूं का आटा, चावल, चीनी, दालें, नमक, सरसों तेल के साथ अब प्राकृतिक खेती से तैयार उच्च गुणवत्ता से भरपूर मक्की का आटा भी मिलेगा. इसमें कीटनाशकों और रसायनों का प्रयोग नहीं किया गया है. डिपुओं में इसे उपलब्ध करवाने से आम जनता तक इसकी पहुंच बढ़ेगी और उन्हें एक पोषक और प्राकृतिक आहार विकल्प मिलेगा. मक्की के आटे में फाइबर, प्रोटीन और कई महत्वपूर्ण विटामिन होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं. खासकर सर्दियों में मक्की की रोटी खाने से शरीर को गर्मी मिलती है.

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सीएम सुक्खू ने लॉन्च किया हिम भोग मक्की का आटा (ETV Bharat)

ये होगा हिम भोग ब्रांड मक्की आटे का भाव

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पहली बार डिपुओं में हिम भोग ब्रांड से प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा उपलब्ध कराने जा रही है. वहीं, सरकार ने मक्की के आटे का भाव भी तय कर दिया है. डिपुओं से उपभोक्ताओं को ये मक्की का आटा 50 रुपए किलो मिलेगा. प्रदेश में पढ़े लिखे युवाओं के पलायन को रोकने और उन्हें खेती बाड़ी के पेशे से जोड़ने के लिए सरकार ने प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की को 30 रुपए के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की अनूठी पहल की है. जिसके लिए प्रदेश के 10 जिलों में 25 अक्टूबर से मक्की की खरीद शुरू की थी. इसके तहत अब तक करीब 400 मीट्रिक टन मक्की खरीदी गई है. जो अब हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम से मिलों में पिसाई के लिए भेजी जा रही है. ऐसे में उपभोक्ताओं को इसी महीने से डिपुओं में मक्की का आटा उपलब्ध होगा.

इतने किलो पैकिंग में मिलेगा आटा

हिमाचल के डिपुओं में पहली बार उपभोक्ताओं को प्राकृतिक खेती की तकनीक से तैयार की गई मक्की का आटा मिलेगा. जो एक किलो और पांच किलो की पैकिंग में उपलब्ध होगा. इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने 15 मिलें चिन्हित की है. इस तरह अब पिसाई के बाद उपभोक्ताओं को डिपुओं में मक्की का आटा मिलेगा. खासकर सर्दियों के मौसम में शहरों में मक्की के आटे की सबसे अधिक डिमांड रहती है. प्रदेश भर में प्राकृतिक खेती करने वाले 3,218 प्रमाणित किसान चयनित किए गए हैं. इस साल लाहौल-स्पीति और किन्नौर के अलावा अन्य 10 जिलों में प्राकृतिक खेती से 13,304 हेक्टेयर भूमि पर 27,768 मीट्रिक टन मक्की तैयार की गई है. इसमें से सरकार 508 मीट्रिक टन अतिरिक्त मक्की किसानों से खरीद का लक्ष्य रखा था. इस सीजन में 92,516 किसानों ने प्राकृतिक खेती से मक्की की फसल तैयार की है, जिसमें खरीद के लिए विभाग ने 3,218 किसान चयनित किए हैं.

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Last Updated : 32 minutes ago
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