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हिमाचल के डिपुओं में इसी महीने से मिलेगा मक्की का आटा, इस दिन करेंगे सीएम इसकी लॉन्चिंग

हिमाचल में प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा 1 किलो और 5 किलो की पैकिंग में डिपुओं में मिलेगा.

NATURAL FARMING MAIZE FLOUR
डिपुओं में मिलेगा मक्की का आटा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 12 hours ago

Updated : 9 hours ago

शिमला: हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में उपभोक्ताओं को गेहूं का आटा, चावल, तीन दालें, नमक, सरसों तेल के साथ अब प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा भी उपलब्ध होगा. प्रदेश में पढ़े लिखे युवाओं के पलायन को रोकने और खेती बाड़ी के पेशे से जोड़ने के लिए सुक्खू सरकार ने प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की को 30 रुपए के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की अनूठी पहल की है. जिसके लिए प्रदेश के 10 जिलों में 25 अक्टूबर से मक्की की खरीद शुरू की थी. इसके तहत अब तक करीब 400 मीट्रिक टन मक्की खरीदी गई है. जो अब हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में स्टोर की गई है. ऐसे में अब मिलों में पिसाई के बाद उपभोक्ताओं को इसी महीने से डिपुओं में मक्की का आटा उपलब्ध होगा. जिसकी लॉन्चिंग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 15 दिसंबर को करेंगे.

मोहिंदर सिंह भवानी, डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विभाग नेचुरल फार्मिंग (ETV Bharat)

इतने किलो पैकिंग में उपलब्ध होगा आटा

हिमाचल के डिपुओं में पहली बार उपभोक्ताओं को प्राकृतिक खेती की तकनीक से तैयार की गई मक्की का आटा मिलेगा. जो एक किलो और पांच किलो की पैकिंग में उपलब्ध होगा. इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने 15 मिलें चिन्हित की है. इस तरह अब पिसाई के बाद उपभोक्ताओं को डिपुओं में मक्की का आटा मिलेगा. खासकर सर्दियों के मौसम में शहरों में मक्की के आटे की सबसे अधिक डिमांड रहती है. प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा उच्च गुणवत्ता से भरपूर होता है. इसमें कीटनाशकों और रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता है. डिपुओं में इसे उपलब्ध करवाने से आम जनता तक इसकी पहुंच बढ़ेगी और उन्हें एक पोषक और प्राकृतिक आहार का विकल्प भी मिलेगा. मक्की के आटे में फाइबर, प्रोटीन और कई महत्वपूर्ण विटामिन होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद है.

NATURAL FARMING MAIZE FLOUR
हिमाचल में सरकार ने किसानों से खरीदी 400 मीट्रिक टन मक्की (ETV Bharat)

25 अक्टूबर से मक्की की खरीद हुई थी शुरू

प्रदेश की सुक्खू सरकार पहली बार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को 30 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद रही है. इसके लिए प्रदेशभर में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत 25 अक्टूबर से मक्की को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई है. सरकार ने किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य 10 जिलों में 508 मीट्रिक टन मक्की खरीदने का लक्ष्य तय किया था. जिसके तहत अब तक 400 मीट्रिक टन मक्की की खरीद की गई है. किसान से अधिकतम 30 क्विंटल मक्की खरीदी गई है. देशभर में मक्की पर दिया जाने वाला ये सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य है. जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी.

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मक्की का आटा (ETV Bharat)

3218 प्रमाणित किसान चयनित

प्रदेश भर में प्राकृतिक खेती करने वाले 3,218 प्रमाणित किसान चयनित किए गए हैं. इस साल लाहौल-स्पीति और किन्नौर के अलावा अन्य 10 जिलों में प्राकृतिक खेती से 13,304 हेक्टेयर भूमि पर 27,768 मीट्रिक टन मक्की तैयार की गई है. इसमें से सरकार 508 मीट्रिक टन अतिरिक्त मक्की किसानों से खरीद रही है. इस सीजन में 92,516 किसानों ने प्राकृतिक खेती से मक्की की फसल तैयार की है, जिसमें खरीद के लिए विभाग ने 3,218 किसान चयनित किए हैं.

NATURAL FARMING MAIZE FLOUR
प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की (ETV Bharat)

कृषि विभाग नेचुरल फार्मिंग के डिप्टी डायरेक्टर मोहिंदर सिंह भवानी ने कहा, "सरकार ने प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है. इस खरीफ सीजन में 10 जिलों से 500 मीट्रिक टन मक्की खरीदने का लक्ष्य रखा गया था. जिसके तहत किसानों से 400 मीट्रिक टन मक्की खरीदी गई है. जो हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में स्टोर की गई है. कारोबारियों ने भी किसानों से अधिक रेट देकर मक्की खरीदी है. इस कारण लक्ष्य से कम मक्की की खरीद हुई है. पिसाई के बाद इस महीने से डिपुओं में एक और पांच किलो की पैकिंग में मक्की का आटा उपलब्ध होगा. जिसकी लॉन्चिंग 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री करेंगे."

ये भी पढ़ें: डिपुओं में महंगी हुई चने की दाल, कीमत में ₹27 तक की वृद्धि, राशनकार्ड धारकों की जेब अब ज्यादा होगी ढीली

ये भी पढ़ें: कम लागत और बेहतर पैदावार का विकल्प नेचुरल फार्मिंग, देश को प्राकृतिक खेती की राह दिखाएगा हिमाचल, 2030 तक होगा सपना साकार

ये भी पढ़ें: 14 हजार रुपये किलो के हिसाब से बिक रही ये सब्जी, पीएम मोदी भी हैं इसके स्वाद के मुरीद

शिमला: हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में उपभोक्ताओं को गेहूं का आटा, चावल, तीन दालें, नमक, सरसों तेल के साथ अब प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा भी उपलब्ध होगा. प्रदेश में पढ़े लिखे युवाओं के पलायन को रोकने और खेती बाड़ी के पेशे से जोड़ने के लिए सुक्खू सरकार ने प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की को 30 रुपए के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की अनूठी पहल की है. जिसके लिए प्रदेश के 10 जिलों में 25 अक्टूबर से मक्की की खरीद शुरू की थी. इसके तहत अब तक करीब 400 मीट्रिक टन मक्की खरीदी गई है. जो अब हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में स्टोर की गई है. ऐसे में अब मिलों में पिसाई के बाद उपभोक्ताओं को इसी महीने से डिपुओं में मक्की का आटा उपलब्ध होगा. जिसकी लॉन्चिंग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 15 दिसंबर को करेंगे.

मोहिंदर सिंह भवानी, डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विभाग नेचुरल फार्मिंग (ETV Bharat)

इतने किलो पैकिंग में उपलब्ध होगा आटा

हिमाचल के डिपुओं में पहली बार उपभोक्ताओं को प्राकृतिक खेती की तकनीक से तैयार की गई मक्की का आटा मिलेगा. जो एक किलो और पांच किलो की पैकिंग में उपलब्ध होगा. इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने 15 मिलें चिन्हित की है. इस तरह अब पिसाई के बाद उपभोक्ताओं को डिपुओं में मक्की का आटा मिलेगा. खासकर सर्दियों के मौसम में शहरों में मक्की के आटे की सबसे अधिक डिमांड रहती है. प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा उच्च गुणवत्ता से भरपूर होता है. इसमें कीटनाशकों और रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता है. डिपुओं में इसे उपलब्ध करवाने से आम जनता तक इसकी पहुंच बढ़ेगी और उन्हें एक पोषक और प्राकृतिक आहार का विकल्प भी मिलेगा. मक्की के आटे में फाइबर, प्रोटीन और कई महत्वपूर्ण विटामिन होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद है.

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हिमाचल में सरकार ने किसानों से खरीदी 400 मीट्रिक टन मक्की (ETV Bharat)

25 अक्टूबर से मक्की की खरीद हुई थी शुरू

प्रदेश की सुक्खू सरकार पहली बार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को 30 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद रही है. इसके लिए प्रदेशभर में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत 25 अक्टूबर से मक्की को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई है. सरकार ने किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य 10 जिलों में 508 मीट्रिक टन मक्की खरीदने का लक्ष्य तय किया था. जिसके तहत अब तक 400 मीट्रिक टन मक्की की खरीद की गई है. किसान से अधिकतम 30 क्विंटल मक्की खरीदी गई है. देशभर में मक्की पर दिया जाने वाला ये सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य है. जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी.

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मक्की का आटा (ETV Bharat)

3218 प्रमाणित किसान चयनित

प्रदेश भर में प्राकृतिक खेती करने वाले 3,218 प्रमाणित किसान चयनित किए गए हैं. इस साल लाहौल-स्पीति और किन्नौर के अलावा अन्य 10 जिलों में प्राकृतिक खेती से 13,304 हेक्टेयर भूमि पर 27,768 मीट्रिक टन मक्की तैयार की गई है. इसमें से सरकार 508 मीट्रिक टन अतिरिक्त मक्की किसानों से खरीद रही है. इस सीजन में 92,516 किसानों ने प्राकृतिक खेती से मक्की की फसल तैयार की है, जिसमें खरीद के लिए विभाग ने 3,218 किसान चयनित किए हैं.

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प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की (ETV Bharat)

कृषि विभाग नेचुरल फार्मिंग के डिप्टी डायरेक्टर मोहिंदर सिंह भवानी ने कहा, "सरकार ने प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है. इस खरीफ सीजन में 10 जिलों से 500 मीट्रिक टन मक्की खरीदने का लक्ष्य रखा गया था. जिसके तहत किसानों से 400 मीट्रिक टन मक्की खरीदी गई है. जो हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में स्टोर की गई है. कारोबारियों ने भी किसानों से अधिक रेट देकर मक्की खरीदी है. इस कारण लक्ष्य से कम मक्की की खरीद हुई है. पिसाई के बाद इस महीने से डिपुओं में एक और पांच किलो की पैकिंग में मक्की का आटा उपलब्ध होगा. जिसकी लॉन्चिंग 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री करेंगे."

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Last Updated : 9 hours ago
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