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शिक्षकों की नेतृत्व क्षमता पर रांची में राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित, विभिन्न राज्यों से करीब 95 शोधार्थी हो रहे शामिल - NATIONAL SEMINAR HELD IN RANCHI

रांची में राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित की गई है. जिसका उद्देश्य शिक्षकों में नेतृत्व क्षमता विकसित करना है. इसमें विभिन्न राज्यों के शिक्षक शामिल हुए हैं.

National seminar held in Ranchi
रांची में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 17, 2025, 5:00 PM IST

Updated : Jan 17, 2025, 6:12 PM IST

रांचीः स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने में शिक्षकों में नेतृत्व क्षमता का होना अनिवार्य है. जिन विद्यालय और शिक्षकों में ऐसी कमी देखी जाती है तो वहां शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता है. ऐसे में इन शिक्षकों में कुशल प्रबंधन विकसित करने के उदेश्य से रांची के जेसीईआरटी कैंपस में राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित की गई है.

रांची में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन (Etv Bharat)

विभिन्न राज्यों के लगभग 95 शोध शिक्षक उपस्थित होंगे

राष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने इसका उद्घाटन करते हुए शिक्षकों से नेतृत्व क्षमता को विकसित करने की अपील की. तीन दिवसीय इस सेमिनार में गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों से करीब 95 शोधार्थी शिक्षक उपस्थित हो रहे हैं. इन शिक्षकों के द्वारा अपने शोध कार्य की रिपोर्ट सेमिनार के दौरान प्रस्तुत की जा रही है.

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेमिनार के नियमित आयोजन से शिक्षकों और विद्यालय प्रमुखों में ऊर्जा का संचार हुआ है. सेमिनार के लिए प्राप्त होने के केस अध्ययन शोध पत्र और वीडियो डॉक्युमेंट्री की संख्या में जहां वृद्धि से अकादमी में उत्साह है, वहीं इस सेमिनार के जरिए आने वाले नए-नए विचारों को विभाग के द्वारा अपनाने का काम किया जा रहा है.

17-19 जनवरी तक चलेगा राष्ट्रीय सेमिनार

17 से 19 जनवरी तक चलने वाले इस राष्ट्रीय सेमिनार में देश के विभिन्न राज्यों से शोधार्थी पहुंचे हुए हैं, जो विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं. आंध्र प्रदेश से राष्ट्रीय सेमिनार में शिरकत करने रांची पहुंची डॉ. सुहासिनी कहती हैं कि नेतृत्व क्षमता के कई आयाम हैं, जिसका लाभ विद्यालय और शैक्षणिक माहौल पर पड़ता है.

सुहासिनी ने नेतृत्व क्षमता के गुण पर अपनी शोध का जिक्र करते हुए कहा कि एक शिक्षक को इसका जरूर ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों और अभिभावक की परेशानी के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी भी उनके पास है, जिसे उनको घर के अभिभावक की तरह निभाना है.

कुशल प्रबंधन में आ रही समस्याएं और उनका समाधान

गुजरात से इस राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेने पहुंचे पटेल शीतल कुमार के द्वारा प्राचार्य की चुनौती आधारित शोध समर्पित की गई. इस शोध के जरिए उन्होंने विद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ बच्चों, अभिभावक और शिक्षा विभाग के बीच कुशल प्रबंधन में आ रही परेशानी और इसके निदान की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. इसी तरह दरभंगा एलएनएमयू के रिसर्च स्कॉलर सत्या झा के द्वारा B.Ed प्रोग्राम आधारित शोध सौंपी गई.

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हजारीबाग में कृषि वैज्ञानिकों का लगा जमावड़ा, उन्नत खेती पर किया गया विचार-विमर्श

रांचीः स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने में शिक्षकों में नेतृत्व क्षमता का होना अनिवार्य है. जिन विद्यालय और शिक्षकों में ऐसी कमी देखी जाती है तो वहां शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता है. ऐसे में इन शिक्षकों में कुशल प्रबंधन विकसित करने के उदेश्य से रांची के जेसीईआरटी कैंपस में राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित की गई है.

रांची में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन (Etv Bharat)

विभिन्न राज्यों के लगभग 95 शोध शिक्षक उपस्थित होंगे

राष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने इसका उद्घाटन करते हुए शिक्षकों से नेतृत्व क्षमता को विकसित करने की अपील की. तीन दिवसीय इस सेमिनार में गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों से करीब 95 शोधार्थी शिक्षक उपस्थित हो रहे हैं. इन शिक्षकों के द्वारा अपने शोध कार्य की रिपोर्ट सेमिनार के दौरान प्रस्तुत की जा रही है.

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेमिनार के नियमित आयोजन से शिक्षकों और विद्यालय प्रमुखों में ऊर्जा का संचार हुआ है. सेमिनार के लिए प्राप्त होने के केस अध्ययन शोध पत्र और वीडियो डॉक्युमेंट्री की संख्या में जहां वृद्धि से अकादमी में उत्साह है, वहीं इस सेमिनार के जरिए आने वाले नए-नए विचारों को विभाग के द्वारा अपनाने का काम किया जा रहा है.

17-19 जनवरी तक चलेगा राष्ट्रीय सेमिनार

17 से 19 जनवरी तक चलने वाले इस राष्ट्रीय सेमिनार में देश के विभिन्न राज्यों से शोधार्थी पहुंचे हुए हैं, जो विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं. आंध्र प्रदेश से राष्ट्रीय सेमिनार में शिरकत करने रांची पहुंची डॉ. सुहासिनी कहती हैं कि नेतृत्व क्षमता के कई आयाम हैं, जिसका लाभ विद्यालय और शैक्षणिक माहौल पर पड़ता है.

सुहासिनी ने नेतृत्व क्षमता के गुण पर अपनी शोध का जिक्र करते हुए कहा कि एक शिक्षक को इसका जरूर ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों और अभिभावक की परेशानी के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी भी उनके पास है, जिसे उनको घर के अभिभावक की तरह निभाना है.

कुशल प्रबंधन में आ रही समस्याएं और उनका समाधान

गुजरात से इस राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेने पहुंचे पटेल शीतल कुमार के द्वारा प्राचार्य की चुनौती आधारित शोध समर्पित की गई. इस शोध के जरिए उन्होंने विद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ बच्चों, अभिभावक और शिक्षा विभाग के बीच कुशल प्रबंधन में आ रही परेशानी और इसके निदान की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. इसी तरह दरभंगा एलएनएमयू के रिसर्च स्कॉलर सत्या झा के द्वारा B.Ed प्रोग्राम आधारित शोध सौंपी गई.

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Last Updated : Jan 17, 2025, 6:12 PM IST
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