शिमला: मानसून के इस सीजन में बारिश में कमी देखने को मिली है. देशभर के साथ साथ हिमाचल में भी कम बारिश हुई है. हिमाचल प्रदेश में बरसात में अभी तक सामान्य से 40 फीसदी तक कम बारिश देखने को मिली है. बारिश कम होने से किसान भी चिंतित हैं. इन दिनों खेतों में मक्की और धान की बीजाई की गई है. धान के लिए अन्य फसलों के मुकाबले अधिक पानी की आश्यकता होती है. ऐसे में किसान फसलों को लेकर परेशान हैं. कम बारिश होने से बरसात के बाद पेयजल संकट और भूजल में कमी आ सकती है.
वहीं, मौसम विभाग ने अगले तीन से चार दिनों अच्छी बारिश की उम्मीद जताई है. विभाग ने 22 और 23 जुलाई को कुछ जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके बाद जुलाई के अंत तक मानसून की रफ्तार धीमी पड़ने की संभावना है. अगस्त महीने के पहले सप्ताह में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकता है. मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान नाहन 63.9, कंडाघाट में 48.0, धोलाकुआं में 39.5, पछाद में 27.3 जबकि शिमला में 26.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.
अगले तीन से चार दिनों में तेज बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि प्रदेश के चार जिलों शिमला, मंडी, कांगड़ा और बिलासपुर में सामान्य के आसपास वारिश हुई है, जबकि बाकी क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम दर्ज की गई है. सबसे कम बारिश लाहौल स्पीति, सिरमौर, सोलन और ऊना मे हुई है. अगले तीन से चार दिनों तक प्रदेश में वर्षा में तेजी आने की संभावना है. इसके लिए विभाग ने अलर्ट जारी किया है. उन्होंने बताया कि जुलाई माह के अंत में मानसून कम असरदार रहेगा, जबकि अगस्त माह की शुरुआत में मानसून के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है. पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं में इस बार कमी पाई गई है, जिसके चलते पहाड़ों में बारिश कम हो रही है.
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