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कांग्रेस का बागियों पर फिर चला "चाबुक", मेयर और पूर्व मेयर पर गिरी गाज - MC members Membership expelled

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 12, 2024, 7:14 PM IST

Updated : Jun 12, 2024, 8:21 PM IST

MC members Membership expelled: बीजेपी को समर्थन देने को लेकर कांग्रेस की मेयर और पूर्व मेयर की सदस्यता रद्द की गई है. अब दोनों उच्च न्यायालय जायेंगे.

MC members Membership expelled
पूनम ग्रोवर, निष्कासित पूर्व मेयर और उषा शर्मा, निष्कासित मेयर (ETV Bharat)

सोलन: नगर निगम में काफी समय से चल रहे विवाद पर आज दो पार्षदों की सदस्यता चली गई. अब दोनों उच्च न्यायालय जायेंगे. नगर निगम सोलन में कांग्रेस की बगावत थमने का नाम नहीं ले रही. यहां महापौर और उपमहापौर चुनाव में बागी गुट ने कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को तगड़ा झटका दिया था.

उषा शर्मा, निष्कासित मेयर और पूनम ग्रोवर, निष्कासित पूर्व मेयर (ETV Bharat)

वहीं, बागी गुट को सत्ता से बाहर करने में कांग्रेस के अन्य पार्षद जुट गए थे. कांग्रेस पार्षदों ने नवनिर्वाचित महापौर, पूर्व महापौर, उपमहापौर और 2 पार्षदों के खिलाफ नगर निगम आयुक्त को पत्र सौंपा था. उसमें उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए सभी की सदस्यता रद्द करने के लिए लिखा था. उन्होंने तर्क दिया था कि निगम के महापौर चुनाव में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी दिया था.

इस चुनाव में कांग्रेस के पैनल पर चुनाव लड़ रहे चार पार्षदों ने भाजपा को समर्थन दिया. ऐसे में उन्होंने अब उक्त पार्षदों की सदस्यता रद्द करने की मांग उठाई है. बताया जा रहा है कि निगम आयुक्त ने पत्र को उच्चाधिकारी को भेजा था जिस पर अब कार्रवाई हुई है और दो की सदस्यता रद्द हो गई है.

नगर निगम सोलन की मेयर व वॉर्ड नंबर-12 की पार्षद उषा शर्मा ने कहा कि उनके खिलाफ बीते दिनों अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन कांग्रेस के कुछ लोग सोलन में पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं और स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल को मिस गाइड कर रहे हैं. जिन लोगों ने यह कार्य किया है वह सिर्फ नेतागिरी चमकाकर पैसा कमाने में लगे हुए हैं. उन्होंने निष्कासन को लेकर कहा कि वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और न्याय की गुहार लगाई जाएगी.

वहीं, पूर्व मेयर व वॉर्ड नंबर-8 की पार्षद पूनम ग्रोवर ने कहा मंत्री जी के ओएसडी और कुछ करीबी लोगों ने मंत्री जी को मिस गाइड किया है. मंत्री जी खुद भी कांग्रेस के हिमायती कैसे हो सकते हैं जब वह खुद ही हिविंका पार्टी से कांग्रेस में आए हैं. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के सच्चे और कर्मठ कार्यकर्ता हैं और आगे भी रहेंगे. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को शहर से लीड नहीं मिल पाई थी. इसके पीछे इन्हीं कांग्रेस के नेताओं और मंत्री का हाथ था जिन्होंने चुनावों में बिल्कुल काम नहीं किया. उन्होंने कहा यदि काम किया होता तो आज पार्टी का प्रत्याशी जरूर जीत हासिल करता.

ये भी पढ़ें: "हमने एक मांगी, जनता ने 4 सीटें झोली में डाल दी, भाजपा का सरकार बनाने का दावा हुआ फेल"

सोलन: नगर निगम में काफी समय से चल रहे विवाद पर आज दो पार्षदों की सदस्यता चली गई. अब दोनों उच्च न्यायालय जायेंगे. नगर निगम सोलन में कांग्रेस की बगावत थमने का नाम नहीं ले रही. यहां महापौर और उपमहापौर चुनाव में बागी गुट ने कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को तगड़ा झटका दिया था.

उषा शर्मा, निष्कासित मेयर और पूनम ग्रोवर, निष्कासित पूर्व मेयर (ETV Bharat)

वहीं, बागी गुट को सत्ता से बाहर करने में कांग्रेस के अन्य पार्षद जुट गए थे. कांग्रेस पार्षदों ने नवनिर्वाचित महापौर, पूर्व महापौर, उपमहापौर और 2 पार्षदों के खिलाफ नगर निगम आयुक्त को पत्र सौंपा था. उसमें उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए सभी की सदस्यता रद्द करने के लिए लिखा था. उन्होंने तर्क दिया था कि निगम के महापौर चुनाव में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी दिया था.

इस चुनाव में कांग्रेस के पैनल पर चुनाव लड़ रहे चार पार्षदों ने भाजपा को समर्थन दिया. ऐसे में उन्होंने अब उक्त पार्षदों की सदस्यता रद्द करने की मांग उठाई है. बताया जा रहा है कि निगम आयुक्त ने पत्र को उच्चाधिकारी को भेजा था जिस पर अब कार्रवाई हुई है और दो की सदस्यता रद्द हो गई है.

नगर निगम सोलन की मेयर व वॉर्ड नंबर-12 की पार्षद उषा शर्मा ने कहा कि उनके खिलाफ बीते दिनों अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन कांग्रेस के कुछ लोग सोलन में पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं और स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल को मिस गाइड कर रहे हैं. जिन लोगों ने यह कार्य किया है वह सिर्फ नेतागिरी चमकाकर पैसा कमाने में लगे हुए हैं. उन्होंने निष्कासन को लेकर कहा कि वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और न्याय की गुहार लगाई जाएगी.

वहीं, पूर्व मेयर व वॉर्ड नंबर-8 की पार्षद पूनम ग्रोवर ने कहा मंत्री जी के ओएसडी और कुछ करीबी लोगों ने मंत्री जी को मिस गाइड किया है. मंत्री जी खुद भी कांग्रेस के हिमायती कैसे हो सकते हैं जब वह खुद ही हिविंका पार्टी से कांग्रेस में आए हैं. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के सच्चे और कर्मठ कार्यकर्ता हैं और आगे भी रहेंगे. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को शहर से लीड नहीं मिल पाई थी. इसके पीछे इन्हीं कांग्रेस के नेताओं और मंत्री का हाथ था जिन्होंने चुनावों में बिल्कुल काम नहीं किया. उन्होंने कहा यदि काम किया होता तो आज पार्टी का प्रत्याशी जरूर जीत हासिल करता.

ये भी पढ़ें: "हमने एक मांगी, जनता ने 4 सीटें झोली में डाल दी, भाजपा का सरकार बनाने का दावा हुआ फेल"

Last Updated : Jun 12, 2024, 8:21 PM IST
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