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विरोध बनाम अभिनंदन: महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण के फैसले का कई वर्गों ने किया स्वागत, विरोध के स्वर भी तेज - Reaction on women reservation

महिलाओं को थर्ड ग्रेड टीचर में 50 फीसदी आरक्षण दिए जाने पर एक तरफ युवा विरोध कर रहे हैं, तो दूसरी ओर महिलाएं सरकार का स्वागत कर रही हैं. सरकार के इस फैसले पर क्या है कर्मचारियों और आम महिलाओं के विचार, देखिए इस रिपोर्ट में...

Reaction on women reservation
महिला आरक्षण के स्वागत में अधिकांश वर्ग (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 22, 2024, 7:53 PM IST

नौकरियों में महिला आरक्षण का स्वागत, विरोध भी तेज (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. भजनलाल सरकार ने नारी शक्ति वंदन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को 30 से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है. इसके साथ ही राजस्थान पुलिस में भी महिलाओं को आरक्षण को कोटे को बढ़ाते हुए 30 से 33 फीसदी कर दिया है. सरकार के फैसले के बाद जहां एक और बड़ी संख्या में नारी शक्ति की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का लगातार अभिनंदन किया जा रहा है, तो वहीं इस फैसले की विरोध भी हो रहा है. युवाओं ने अधिकारों में कटौती की बात करके विरोध प्रदर्शन किया, वहीं सरकार के फैसले के बाद कर्मचारी संगठन हों या फिर आम महिलाएं, उन्होंने इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जब आधी आबादी को अधिकार मिलेंगे, तभी तो महिला सशक्त होगी. इतना ही नहीं महिला कर्मचारी संगठनों और महिला प्रोफेशनल तो सभी भर्तियों में महिलाओं को आधे अधिकार देने की मांग तक सरकार के सामने रख दी.

सभी भर्तियों में मिले 50 आरक्षण: भजनलाल सरकार के महिला आरक्षण को लेकर लिए गए फैसले के बाद वुमन वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष विनीता शेखावत ने सरकार के फैसला का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार का यह फैसला महिलाओं के सशक्तिकरण में एक मील का पत्थर साबित होगा. महिलाएं कई बार अपनी पढ़ाई पूरी कर लेती है, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं होती, अब जब सरकार ने उनके लिए सीटें आरक्षित कर दी है, तो वह प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग लेंगे. विनीता शेखावत ने कहा कि सरकार वैसे तो महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई बड़े फैसले ले रही है, लेकिन हमारी सरकार से मांग है कि न केवल थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में बल्कि अन्य भर्तियों में भी महिलाओं के आरक्षण के कोटे को बढ़ाया जाए.

पढ़ें: सीएम बोले- सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को बराबर का अधिकार और अवसर मिलना आवश्यक - Women Power

उन्होंने कहा कि जब देश की आधी आबादी महिला है तो उन्हें उनके अधिकार भी पूरे मिलनी चाहिए, जब देश का नेतृत्व एक महिला प्रधानमंत्री के रूप में कर सकती है, राष्ट्रपति की महिला बन सकती है, मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री महिला हो सकती है, राज्यपाल के पद महिला हो सकती है, तो फिर सरकारी भर्तियों में भी महिलाओं को पुरुषों से पीछे नहीं रखा जा सकता. उन्होंने कहा कि महिलाओं को जब भी ही सशक्त किया जा सकता है, जब उन्हें उनके अधिकार मिलेंगे. यह एक शुरुआत है जो सरकार ने की है, इसका स्वागत है, लेकिन अभी महिलाओं को अन्य विभागों में भी अधिकार मिलना बाकी है.

पढ़ें: सरकारी नौकरी में महिलाओं को 50% आरक्षण का विरोध, युवाओं ने की संशोधन की मांग - Protest against women reservation

वहीं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने भी सरकार की फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में महिलाओं को 50 आरक्षण दिए जाने के बाद महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि जब स्कूल में बच्चे पढ़ने के लिए आते तो हैं, मां का आंचल को छोड़कर आते हैं. ऐसे में स्कूल में भी जब उन्हें महिला टीचर के रूप में मिलेगी तो वह ज्यादा अच्छे माहौल में पढ़ाई कर पाएंगे.

पढ़ें: अच्छी खबर : पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ा, 1963 पदों पर होगी पटवारियों की सीधी भर्ती - Bhajanlal Government order

अधिकार मिलेंगे तब ही आगे आएंगी महिलाएं: महिला प्रोफेशनल ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की पूर्व राज्य ब्रांड एंबेसडर और मिसेज एशिया इंटरनेशनल रही डॉक्टर अनुपमा सोनी ने कहा कि महिलाओं आरक्षण के फैसले के बाद उन सब महिलाओं में एक आत्मविश्वास जागेगा जो घर से बाहर निकाल कर कुछ करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है, लेकिन यह सिर्फ एक विभाग तक की सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि अन्य विभागों में भी महिलाओं के लिए आरक्षण का कोठा और बढ़ाना चाहिए.

अनुपमा सोनी ने कहा कि जब मतदान में देश की आधी आबादी अपनी पुरुषों के बराबर अपनी भूमिका निभा सकती है, तो फिर सरकारी नौकरियों में क्यों नहीं. उन्हें बराबरी की भूमिका मिले. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले का विरोध नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका स्वागत होना चाहिए. वहीं फोर्टी वुमन विंग की ज्वाइंट सेक्रेट्री साक्षी आहूजा ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह फैसला उन महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा करेगा. जब इस तरह से नौकरी में आरक्षण मिलेगा तो महिला को बराबरी का दर्जा मिलेगा. महिला आज किस भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. सरकार का ये फैसला महिलाओं को जागे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा.

नौकरियों में महिला आरक्षण का स्वागत, विरोध भी तेज (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. भजनलाल सरकार ने नारी शक्ति वंदन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को 30 से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है. इसके साथ ही राजस्थान पुलिस में भी महिलाओं को आरक्षण को कोटे को बढ़ाते हुए 30 से 33 फीसदी कर दिया है. सरकार के फैसले के बाद जहां एक और बड़ी संख्या में नारी शक्ति की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का लगातार अभिनंदन किया जा रहा है, तो वहीं इस फैसले की विरोध भी हो रहा है. युवाओं ने अधिकारों में कटौती की बात करके विरोध प्रदर्शन किया, वहीं सरकार के फैसले के बाद कर्मचारी संगठन हों या फिर आम महिलाएं, उन्होंने इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जब आधी आबादी को अधिकार मिलेंगे, तभी तो महिला सशक्त होगी. इतना ही नहीं महिला कर्मचारी संगठनों और महिला प्रोफेशनल तो सभी भर्तियों में महिलाओं को आधे अधिकार देने की मांग तक सरकार के सामने रख दी.

सभी भर्तियों में मिले 50 आरक्षण: भजनलाल सरकार के महिला आरक्षण को लेकर लिए गए फैसले के बाद वुमन वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष विनीता शेखावत ने सरकार के फैसला का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार का यह फैसला महिलाओं के सशक्तिकरण में एक मील का पत्थर साबित होगा. महिलाएं कई बार अपनी पढ़ाई पूरी कर लेती है, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं होती, अब जब सरकार ने उनके लिए सीटें आरक्षित कर दी है, तो वह प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग लेंगे. विनीता शेखावत ने कहा कि सरकार वैसे तो महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई बड़े फैसले ले रही है, लेकिन हमारी सरकार से मांग है कि न केवल थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में बल्कि अन्य भर्तियों में भी महिलाओं के आरक्षण के कोटे को बढ़ाया जाए.

पढ़ें: सीएम बोले- सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को बराबर का अधिकार और अवसर मिलना आवश्यक - Women Power

उन्होंने कहा कि जब देश की आधी आबादी महिला है तो उन्हें उनके अधिकार भी पूरे मिलनी चाहिए, जब देश का नेतृत्व एक महिला प्रधानमंत्री के रूप में कर सकती है, राष्ट्रपति की महिला बन सकती है, मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री महिला हो सकती है, राज्यपाल के पद महिला हो सकती है, तो फिर सरकारी भर्तियों में भी महिलाओं को पुरुषों से पीछे नहीं रखा जा सकता. उन्होंने कहा कि महिलाओं को जब भी ही सशक्त किया जा सकता है, जब उन्हें उनके अधिकार मिलेंगे. यह एक शुरुआत है जो सरकार ने की है, इसका स्वागत है, लेकिन अभी महिलाओं को अन्य विभागों में भी अधिकार मिलना बाकी है.

पढ़ें: सरकारी नौकरी में महिलाओं को 50% आरक्षण का विरोध, युवाओं ने की संशोधन की मांग - Protest against women reservation

वहीं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने भी सरकार की फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में महिलाओं को 50 आरक्षण दिए जाने के बाद महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि जब स्कूल में बच्चे पढ़ने के लिए आते तो हैं, मां का आंचल को छोड़कर आते हैं. ऐसे में स्कूल में भी जब उन्हें महिला टीचर के रूप में मिलेगी तो वह ज्यादा अच्छे माहौल में पढ़ाई कर पाएंगे.

पढ़ें: अच्छी खबर : पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ा, 1963 पदों पर होगी पटवारियों की सीधी भर्ती - Bhajanlal Government order

अधिकार मिलेंगे तब ही आगे आएंगी महिलाएं: महिला प्रोफेशनल ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की पूर्व राज्य ब्रांड एंबेसडर और मिसेज एशिया इंटरनेशनल रही डॉक्टर अनुपमा सोनी ने कहा कि महिलाओं आरक्षण के फैसले के बाद उन सब महिलाओं में एक आत्मविश्वास जागेगा जो घर से बाहर निकाल कर कुछ करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है, लेकिन यह सिर्फ एक विभाग तक की सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि अन्य विभागों में भी महिलाओं के लिए आरक्षण का कोठा और बढ़ाना चाहिए.

अनुपमा सोनी ने कहा कि जब मतदान में देश की आधी आबादी अपनी पुरुषों के बराबर अपनी भूमिका निभा सकती है, तो फिर सरकारी नौकरियों में क्यों नहीं. उन्हें बराबरी की भूमिका मिले. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले का विरोध नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका स्वागत होना चाहिए. वहीं फोर्टी वुमन विंग की ज्वाइंट सेक्रेट्री साक्षी आहूजा ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह फैसला उन महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा करेगा. जब इस तरह से नौकरी में आरक्षण मिलेगा तो महिला को बराबरी का दर्जा मिलेगा. महिला आज किस भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. सरकार का ये फैसला महिलाओं को जागे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा.

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