ETV Bharat / state

एक ओर उफनती ब्यास, दूसरी ओर सड़क की जगह खड़ी चढ़ाई, जान पर खेलकर आने जाने को मजबूर ग्रामीण - Maini panchayat Villagers Problem - MAINI PANCHAYAT VILLAGERS PROBLEM

Mandi Maini panchayat Villagers Problem: मंडी जिले के मैणी पंचायत के ग्रामीण अपनी जान पर खेलकर ब्यास नदी किनारे खड़ी चढ़ाई चढ़कर आवाजाही करने को मजबूर हैं. पिछले साल आई आपदा में यहां की सड़क बह गई थी, जिसके बाद इसे बनाया गया, लेकिन वह ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाया. ऐसे में ग्रामीणों ने डीसी को ज्ञापन सौंप कर सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. पढ़िए पूरी खबर...

मंडी जान पर खेलकर आने जाने को मजबूर ग्रामीण
मंडी जान पर खेलकर आने जाने को मजबूर ग्रामीण (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 5:18 PM IST

Updated : Aug 22, 2024, 6:52 PM IST

ब्यास नदी किनारे खड़ी चढ़ाई पार करने को मजबूर ग्रामीण (ETV Bharat)

मंडी: हिमाचल में मानसून सीजन में हो रही बरसात के बीच ब्यास नदी उफान पर है. वहीं, दूसरी ओर नदी किनारे संकरे रास्ते को ग्रामीण जान हथेली पर रखकर पार करने को मजबूर हैं. इस संकरे रास्ते पर अगर जरा सा भी किसी का पैर फिसला तो सीधे ब्यास नदी में समां जाएगा. यह कहानी है सदर विधानसभा क्षेत्र के 9 मील के साथ लगती ग्राम पंचायत मैणी के वाशिंदों की. जिन्हें उफनती ब्यास के किनारे बनी सड़क को पार करने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ता है.

ब्यास नदी किनारे खड़ी चढ़ाई पार करने को मजबूर ग्रामीण
ब्यास नदी किनारे खड़ी चढ़ाई पार करने को मजबूर ग्रामीण (ETV Bharat)

पिछली साल ब्यास नदी में आई बाढ़ में यहां का पुराना रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद स्थानीय पंचायत द्वारा एक लाख की लागत से जो रास्ता बनाया गया, वह चार दिन भी नहीं चल सका. ऐसे में आज मैणी पंचायत के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन के दरबार पहुंचा और इस रास्ते की दयनीय स्थिति के बारे में डीसी को अवगत कराया. वहीं, इस मौके पर ग्रामीणों ने पंचायत प्रधान पर इस रास्ते के निर्माण में धांधली करने का भी आरोप लगाया.

बारिश की वजह से ब्यास नदी में आया उफान
बारिश की वजह से ब्यास नदी में आया उफान (ETV Bharat)

प्रतिनिधिमंडल के साथ आए ग्रामीण मोहन सिंह और रमेश कुमार ने कहा, "इस रास्ते से लगभग 4 से 5 गांवों के 300 से अधिक लोग रोजाना यहां से गुजरते हैं. कुछ दिन पूर्व बरसात में यह रास्ता जब एक बार फिर से टूटा तो उन्होने स्वयं श्रमदान कर इस रास्ते को दुरूस्त कर चलने लायक बनाया. इस रास्ते पर पैदल चलना खतरे से खाली नहीं है. हर समय यहां पर ब्यास नदी में गिरने का खतरा बना रहता है. लेकिन गांव के लिए अन्य कोई भी रास्ते की सुविधा ने होने के कारण उन्हें जान हथेली पर रखकर यहां से गुजरना पड़ रहा है".

ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा
ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा (ETV Bharat)

मोहन सिंह और रमेश कुमार ने बताया कि महिलाओं और स्कूली बच्चों के लिए इस रास्ते को पैदल पार करना बहुत ज्यादा मुश्किल है. महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को पीठ पर बांधकर इस रास्ते को बड़ी मुश्किल से पार करती हैं. ग्रामीणों ने उपायुक्त मंडी से मिलकर इस रास्ते को जल्द से जल्द दुरूस्त करने की मांग उठाई है.

वहीं, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा, "ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दिए गए ज्ञापन के आधार पर संबंधित खंड विकास अधिकारी को रास्ते की स्थिति के बारे में जांच करने के आदेश दे दिए गए हैं".

ये भी पढ़ें: पैदल पहाड़ पार कर अस्पताल पहुंची 2 गर्भवती महिलाएं, आपदा के बाद 22 दिनों से टूटी है मलाणा की सड़क

ब्यास नदी किनारे खड़ी चढ़ाई पार करने को मजबूर ग्रामीण (ETV Bharat)

मंडी: हिमाचल में मानसून सीजन में हो रही बरसात के बीच ब्यास नदी उफान पर है. वहीं, दूसरी ओर नदी किनारे संकरे रास्ते को ग्रामीण जान हथेली पर रखकर पार करने को मजबूर हैं. इस संकरे रास्ते पर अगर जरा सा भी किसी का पैर फिसला तो सीधे ब्यास नदी में समां जाएगा. यह कहानी है सदर विधानसभा क्षेत्र के 9 मील के साथ लगती ग्राम पंचायत मैणी के वाशिंदों की. जिन्हें उफनती ब्यास के किनारे बनी सड़क को पार करने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ता है.

ब्यास नदी किनारे खड़ी चढ़ाई पार करने को मजबूर ग्रामीण
ब्यास नदी किनारे खड़ी चढ़ाई पार करने को मजबूर ग्रामीण (ETV Bharat)

पिछली साल ब्यास नदी में आई बाढ़ में यहां का पुराना रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद स्थानीय पंचायत द्वारा एक लाख की लागत से जो रास्ता बनाया गया, वह चार दिन भी नहीं चल सका. ऐसे में आज मैणी पंचायत के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन के दरबार पहुंचा और इस रास्ते की दयनीय स्थिति के बारे में डीसी को अवगत कराया. वहीं, इस मौके पर ग्रामीणों ने पंचायत प्रधान पर इस रास्ते के निर्माण में धांधली करने का भी आरोप लगाया.

बारिश की वजह से ब्यास नदी में आया उफान
बारिश की वजह से ब्यास नदी में आया उफान (ETV Bharat)

प्रतिनिधिमंडल के साथ आए ग्रामीण मोहन सिंह और रमेश कुमार ने कहा, "इस रास्ते से लगभग 4 से 5 गांवों के 300 से अधिक लोग रोजाना यहां से गुजरते हैं. कुछ दिन पूर्व बरसात में यह रास्ता जब एक बार फिर से टूटा तो उन्होने स्वयं श्रमदान कर इस रास्ते को दुरूस्त कर चलने लायक बनाया. इस रास्ते पर पैदल चलना खतरे से खाली नहीं है. हर समय यहां पर ब्यास नदी में गिरने का खतरा बना रहता है. लेकिन गांव के लिए अन्य कोई भी रास्ते की सुविधा ने होने के कारण उन्हें जान हथेली पर रखकर यहां से गुजरना पड़ रहा है".

ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा
ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा (ETV Bharat)

मोहन सिंह और रमेश कुमार ने बताया कि महिलाओं और स्कूली बच्चों के लिए इस रास्ते को पैदल पार करना बहुत ज्यादा मुश्किल है. महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को पीठ पर बांधकर इस रास्ते को बड़ी मुश्किल से पार करती हैं. ग्रामीणों ने उपायुक्त मंडी से मिलकर इस रास्ते को जल्द से जल्द दुरूस्त करने की मांग उठाई है.

वहीं, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा, "ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दिए गए ज्ञापन के आधार पर संबंधित खंड विकास अधिकारी को रास्ते की स्थिति के बारे में जांच करने के आदेश दे दिए गए हैं".

ये भी पढ़ें: पैदल पहाड़ पार कर अस्पताल पहुंची 2 गर्भवती महिलाएं, आपदा के बाद 22 दिनों से टूटी है मलाणा की सड़क

Last Updated : Aug 22, 2024, 6:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.