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महाकुंभ में जिस संगम घाट पर थी लाखों की भीड़, वहां कार-बाइक से डुबकी लगाने पहुंच रहे श्रद्धालु - PRAYAGRAJ MAHAKUMBH 2025

महाकुंभ 2025 के समापन के बाद भी मेला क्षेत्र में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु कर रहे स्नान

महाकुंभ के बाद संगम घाट पर भीड़ गायब.
महाकुंभ के बाद संगम घाट पर भीड़ गायब. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 27, 2025, 3:26 PM IST

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को संगम नोज पर जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु थे, आज वहां कार और बाइक से लोग पहुंच रहे हैं. महाशिवरात्रि के दिन भी प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार एक करोड़ 35 लाख श्रद्धालुओं ने संगम पर स्नान किया. अगर गंगा और यमुना पट्टी दोनों को जोड़ लिया जाए तो अभी भी 10 लाख श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं. संगम नगरी में यातायात पूरी तरह से सामान्य हो गया है. जिन चौराहों पर जाम लगा रहता था वहां आज यातायात समान हो चुका है.

महाकुंभ के बाद संगम घाट पर भीड़ गायब. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज में सामान्य हुआ यातायात: कहीं भी जाम की स्थिति नहीं है. इसके साथ ही साथ संगमनगरी आने वाले जो 7 प्रमुख मार्ग हैं, उन पर भी यातायात समान हो चुका है. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन जिन पार्किंग स्थलों पर कराए जा रहे थे, वह सब भी खाली हो चुके हैं. सभी सातों प्रमुख मार्गों पर यातायात सामान्य हो चुका है. कहीं भी किसी भी तरह का जाम नहीं लग रहा है.

सुरक्षा पहले की तरह: संगम पर सुरक्षा व्यवस्था पहले की ही तरह है. श्रद्धालु आराम से स्नान कर रहे हैं. स्वच्छता कर्मी साफ-सफाई में लगे दिखे. पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को संगम नोज पर बाइक और कार न ले जाने के लिए माइक से अनाउंस कर रहे हैं. आगाह भी कर रहे हैं. संगम नोज पर काफी संख्या में बाइक और कार पहुंच चुकी हैं.

जारी रहेंगी संगम नोज पर सभी सुविधाएं: महाकुंभ का 26 फरवरी को समापन हो चुका है. 13 जनवरी से लेकर के 26 फरवरी तक महाकुंभ रहा है, जिसमें 66 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया है. आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कुंभ नगर में मौजूद हैं और उन्होंने महाकुंभ के समापन की औपचारिक घोषणा कर दी है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि श्रद्धालुओं के लिए जो सुविधाएं हैं, उन्हें अभी संगम क्षेत्र में बहाल रखा जाए. टॉयलेट, प्रकाश व्यवस्था, वह सब अभी संगम क्षेत्र में रहेगी. इसके साथ ही साथ जो सेक्टर 1 से लेकर के चार तक में प्रदर्शनियां हैं, पंडाल हैं, वह सब अभी बने रहेंगे .

13 अखाड़ों के पंडाल और कल्पवासियों के शिविर भी उजड़े : 13 जनवरी से लेकर के 26 फरवरी तक महाकुंभ नगर के आकर्षण का केंद्र बने अखाड़े अब पूरी तरह से उजड़ चुके हैं. उनके जो शिविर हैं, वह सब भी खाली कर दिए गए हैं. महाशिवरात्रि तक कुछ नागा संन्यासी जूना अखाड़े में धूनी रमाए थे, वह जरूर देखे गए थे, लेकिन अब वह भी वाराणसी की तरफ निकल गए हैं. जो सभी प्रमुख 13 अखाड़े हैं, वह पहले ही वाराणसी कूच कर गए हैं और होली तक वाराणसी में रहेंगे. कल्पवासियों के शिविर अब पूरी तरह से उजड़ चुके हैं.

गैर जनपदों से आए प्रशासनिक अफसर भी रिलीव किए जा रहे : महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद प्रदेश में अच्छी छवि के अफसरों को बुलाया गया था. पीपीएस, आईपीएस और आईएएस स्तर के इन अधिकारियों को विभिन्न जिम्मेदारियां दी गई थीं. अब महाकुंभ की औपचारिक समापन के बाद इन्हें उनके संबंधित जिलों और जिम्मेदारियां के लिए रिलीव किया जा रहा है. कुंभ नगर से अब तक 34 एसडीएम स्तर के अधिकारियों को रिलीव किया गया है. आईएएस और आईपीएस स्तर के अधिकारियों को अभी कुछ दिन बाद रिलीव किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : अमेरिका की बिजनेस वूमेन ने अपनाया हिंदू धर्म, महाकुंभ से वाराणसी लौटकर ली सनातन की दीक्षा - VARANASI NEWS

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को संगम नोज पर जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु थे, आज वहां कार और बाइक से लोग पहुंच रहे हैं. महाशिवरात्रि के दिन भी प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार एक करोड़ 35 लाख श्रद्धालुओं ने संगम पर स्नान किया. अगर गंगा और यमुना पट्टी दोनों को जोड़ लिया जाए तो अभी भी 10 लाख श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं. संगम नगरी में यातायात पूरी तरह से सामान्य हो गया है. जिन चौराहों पर जाम लगा रहता था वहां आज यातायात समान हो चुका है.

महाकुंभ के बाद संगम घाट पर भीड़ गायब. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज में सामान्य हुआ यातायात: कहीं भी जाम की स्थिति नहीं है. इसके साथ ही साथ संगमनगरी आने वाले जो 7 प्रमुख मार्ग हैं, उन पर भी यातायात समान हो चुका है. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन जिन पार्किंग स्थलों पर कराए जा रहे थे, वह सब भी खाली हो चुके हैं. सभी सातों प्रमुख मार्गों पर यातायात सामान्य हो चुका है. कहीं भी किसी भी तरह का जाम नहीं लग रहा है.

सुरक्षा पहले की तरह: संगम पर सुरक्षा व्यवस्था पहले की ही तरह है. श्रद्धालु आराम से स्नान कर रहे हैं. स्वच्छता कर्मी साफ-सफाई में लगे दिखे. पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को संगम नोज पर बाइक और कार न ले जाने के लिए माइक से अनाउंस कर रहे हैं. आगाह भी कर रहे हैं. संगम नोज पर काफी संख्या में बाइक और कार पहुंच चुकी हैं.

जारी रहेंगी संगम नोज पर सभी सुविधाएं: महाकुंभ का 26 फरवरी को समापन हो चुका है. 13 जनवरी से लेकर के 26 फरवरी तक महाकुंभ रहा है, जिसमें 66 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया है. आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कुंभ नगर में मौजूद हैं और उन्होंने महाकुंभ के समापन की औपचारिक घोषणा कर दी है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि श्रद्धालुओं के लिए जो सुविधाएं हैं, उन्हें अभी संगम क्षेत्र में बहाल रखा जाए. टॉयलेट, प्रकाश व्यवस्था, वह सब अभी संगम क्षेत्र में रहेगी. इसके साथ ही साथ जो सेक्टर 1 से लेकर के चार तक में प्रदर्शनियां हैं, पंडाल हैं, वह सब अभी बने रहेंगे .

13 अखाड़ों के पंडाल और कल्पवासियों के शिविर भी उजड़े : 13 जनवरी से लेकर के 26 फरवरी तक महाकुंभ नगर के आकर्षण का केंद्र बने अखाड़े अब पूरी तरह से उजड़ चुके हैं. उनके जो शिविर हैं, वह सब भी खाली कर दिए गए हैं. महाशिवरात्रि तक कुछ नागा संन्यासी जूना अखाड़े में धूनी रमाए थे, वह जरूर देखे गए थे, लेकिन अब वह भी वाराणसी की तरफ निकल गए हैं. जो सभी प्रमुख 13 अखाड़े हैं, वह पहले ही वाराणसी कूच कर गए हैं और होली तक वाराणसी में रहेंगे. कल्पवासियों के शिविर अब पूरी तरह से उजड़ चुके हैं.

गैर जनपदों से आए प्रशासनिक अफसर भी रिलीव किए जा रहे : महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद प्रदेश में अच्छी छवि के अफसरों को बुलाया गया था. पीपीएस, आईपीएस और आईएएस स्तर के इन अधिकारियों को विभिन्न जिम्मेदारियां दी गई थीं. अब महाकुंभ की औपचारिक समापन के बाद इन्हें उनके संबंधित जिलों और जिम्मेदारियां के लिए रिलीव किया जा रहा है. कुंभ नगर से अब तक 34 एसडीएम स्तर के अधिकारियों को रिलीव किया गया है. आईएएस और आईपीएस स्तर के अधिकारियों को अभी कुछ दिन बाद रिलीव किया जाएगा.

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