भोपाल: मध्यप्रदेश की मोहन सरकार कर्मचारियों को जल्द ही बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है. प्रदेश सरकार कर्मचारियों को आयुष्मान भारत योजना की तरह प्रदेश की अपनी अलग कैशलेस योजना लाने की तैयारी कर रही है. इसके तहत प्रदेश के कर्मचारियों और उनके परिवार को इलाज के लिए 5 से 10 लाख तक के कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी. इस नई योजना को लेकर ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इस नई योजना के लिए कर्मचारियों से निश्चित अंशदान लिया जाएगा.
5 से 10 लाख तक की कैशलेस इलाज की सुविधा
केन्द्र सरकार की आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक के कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा रही है. इस योजना से कर्मचारियों को भी जोड़ा गया है. हालांकि कई राज्य कर्मचारियों के लिए अपनी अलग कैशलेस योजना ला चुकी है. अब मध्यप्रदेश सरकार भी कर्मचारियों के लिए अलग कैशलेस योजना लाने जा रही है. कर्मचारियों और उनके परिवार को इलाज के लिए 5 से 10 लाख की सुविधा होगी. बताया जा रहा है इस नई योजना का नाम मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना हो सकता है.
250 रुपये से लेकर 1 हजार तक की कटौती
इस योजना का लाभ प्रदेश के तमाम निगम मंडल, विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों के अलावा पेंशनर्स और उनके परिवारों को भी दिया जाएगा. इस योजना के लिए कर्मचारियों से 3 हजार रुपये से लेकर 12 हजार रुपये तक का अंशदान देना होगा. यानी हर माह वेतन से 250 रुपये से लेकर 1 हजार तक की कटौती की जाएगी. बाकी राशि राज्य सरकार द्वारा मिलाई जाएगी. इस नई योजना में कर्मचारियों और उनके परिवारों को इलाज की कैशलेस सुविधा उपलबध होगी. इसमें सामान्य बीमारी में 5 लाख रुपये और गंभीर बीमारी के लिए 10 लाख तक के इलाज की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा यदि कोई कर्मचारी जांच और इलाज का भुगतान करता है तो बाद में उसका रिफंड शासन से करा सकेगा.
कमलनाथ सरकार के दौरान तैयार हुआ था प्रस्ताव
2018 में आयुष्मान भारत योजना शुरू होने के बाद प्रदेश में कर्मचारियों के लिए इस तरह की योजना शुरू करने की मांग उठी थी. इसके बाद कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद इसे लागू करने की योजना तैयार की थी. इसमें कर्मचारियों को 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज का प्रस्ताव बनाया गया था. अब बीजेपी की सरकार आने के बाद इस प्रस्ताव को लागू करने की तैयारी चल रही है.
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संविदा कर्मचारियों को नहीं मिल रहा लाभ
प्रदेश के सामान्य कर्मचारियों को भले ही आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा हो, लेकिन संविदा कर्मचारियों को अभी तक आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों को आयुष्मान योजना के दायरे में आने का ऐलान किया था. हालांकि सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं,आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जा चुका है.