जयपुर. राजस्थान की राजधानी की जयपुर (शहर) लोकसभा सीट अब लोकसभा चुनाव में अचानक चर्चा में आ गई है. इसका कारण है कि कांग्रेस ने इस सीट पर तीन दिन में अपना प्रत्याशी बदल दिया है. दरअसल, कांग्रेस ने 21 मार्च की रात को जारी सूची में जयपुर शहर से शिक्षाविद सुनील शर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन उनका नाम सामने आने के बाद पार्टी का एक धड़ा सोशल मीडिया पर खुलकर सुनील शर्मा के विरोध में उतर आया और उन्हें टिकट देने का विरोध करने लगा. इसके चलते 24 मार्च की रात को कांग्रेस की एक और सूची आई, जिसमें जयपुर (शहर) सीट पर सुनील शर्मा की जगह पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को टिकट दिया गया है.
जयपुर डायलॉग से जुड़ा है पूरा विवाद : दरअसल, सुनील शर्मा का टिकट बदलने की पूरी कहानी एक यूट्यूब चैनल और फोरम से जुड़ी है. इस फोरम का नाम है, जयपुर डायलॉग. यह फोरम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रेरित बताया जाता है. सुनील शर्मा को टिकट मिलने के बाद सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि जयपुर डायलॉग फोरम आरएसएस की विचारधारा से प्रेरित है. दावा यह भी किया गया कि इसके मंचों से कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा जाता रहा है. इसके साथ ही कहा गया कि सुनील शर्मा इसके डायरेक्टर हैं और सवाल उठाया गया कि जिस मंच से कांग्रेस को कोसा जाता है, उसी से संबंध रखने वाले सुनील शर्मा को कांग्रेस ने टिकट दे दिया.
सुनील शर्मा ने कही थी यह बात : जयपुर डायलॉग से अपने संबंध होने से सुनील शर्मा ने इनकार किया था. खुद पर लगे आरोपों पर उन्होंने सफाई दी थी कि वे जयपुर डायलॉग के डायरेक्टर नहीं हैं और न ही उनका इससे कोई संबंध है. हालांकि, उन्होंने यह कबूल किया था कि पैनलिस्ट के तौर पर वे कई मंचों पर कांग्रेस की विचारधारा की बात रखने के लिए जाते हैं और इसी नाते वे जयपुर डायलॉग के मंच पर भी गए. हालांकि, उनका यह भी कहना था कि इस मंच से भी उन्होंने पार्टी पर सवाल खड़े करने वाली कोई बात कभी नहीं की.
कार्यकर्ताओं का विरोध और वोट बैंक खोने का डर : सुनील शर्मा पर जयपुर डायलॉग फोरम से संबंध होने के आरोपों के चलते पार्टी का एक धड़ा उनके विरोध में उतर आया था. इसके साथ ही जयपुर डायलॉग को आरएसएस की विचारधारा से प्रेरित बताया जाता है और कथित रूप से इससे संबंध रखने वाले सुनील शर्मा के टिकट से पार्टी के परंपरागत मुस्लिम वोट बैंक के खिसकने का खतरा था. ऐसे में पार्टी ने उनका टिकट बदल दिया, क्योंकि जयपुर की दो सीटों पर मुस्लिम आबादी का बाहुल्य है और दोनों सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं, जो मुस्लिम समुदाय से आते हैं. इसके अलावा दो अन्य सीटों पर भी बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर हैं.
एक मात्र ब्राह्मण चेहरा थे सुनील शर्मा : कांग्रेस ने अब तक 20 सीटों पर अपनी स्थिति साफ की है. इनमें से 18 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि दो सीट (नागौर और सीकर) गठबंधन के तहत सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी है. जिन 18 सीटों पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें सुनील शर्मा एकमात्र ब्राह्मण प्रत्याशी थे. जयपुर सीट पर कांग्रेस को मजबूत ब्राह्मण प्रत्याशी की तलाश थी और पार्टी की यह तलाश सुनील शर्मा पर जाकर खत्म हुई, लेकिन उनका टिकट बदले जाने के बाद अब एक भी सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी नहीं है. ऐसे में बची हुई पांच सीटों में से एक या दो सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने का दबाव कांग्रेस पर दिखाई पड़ सकता है.