शिमला: हिमाचल प्रदेश के 6 बागी कांग्रेस विधायकों की ओर से निलंबन के खिलाफ स्टे ऑर्डर लगाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई है. इसके साथ ही हिमाचल में 6 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर भी रोक लगा दी हैं. ऐसे में हिमाचल में बन रहे नए सियासी समीकरणों से कांग्रेस विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर वेट एंड वॉच की नीति पर चलेगी. वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार 6 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद विधानसभा सदस्य की संख्या 68 से घटकर 62 रह गई है. इस तरह अभी कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार 32 सदस्यों के साथ पूर्ण बहुमत में है.
सिटिंग एमएलए पर दांव लगाएगी BJP-कांग्रेस!
हिमाचल के 6 बागी विधायकों केस छह मई को सुप्रीम कोर्ट में लगा है. ऐसे में अगर बागी विधायकों को राहत नहीं मिलती है तो हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा की 6 सीटों पर भी उपचुनाव होंगे. वहीं, राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद भाजपा को 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला है. अगर भाजपा 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव जीत जाती है तो कांग्रेस और भाजपा के पास 34-34 विधायक हो जाएंगे. ऐसे में लोकसभा चुनाव में दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा विधानसभा में संख्या बल बिगड़ने के डर से सिटिंग एमएलए पर दांव लगाने से बचने की कोशिश करेंगे.
कांग्रेस में शिमला से इन नामों पर चर्चा
शिमला लोकसभा संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इसमें सोलन जिले के 5, सिरमौर जिले के 5 और शिमला जिले के 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. कभी कांग्रेस का गढ़ रही शिमला संसदीय सीट से वर्तमान में भाजपा के सुरेश कश्यप लोकसभा सदस्य हैं. ऐसे में कांग्रेस फिर से शिमला संसदीय सीट को भाजपा से छीनकर अपने हाथ को मजबूत करना चाह रही है. इसके लिए पार्टी लोकसभा प्रत्याशियों को लेकर मंथन कर रही है. जिसमें स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल, विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, एमएलए विनोद सुल्तानपुरी समेत अमित नंदा, पूर्व एमएलए सोहन लाल आदि का नाम चल रहा है, लेकिन हिमाचल विधानसभा में 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद उपजे राजनीतिक संकट को देखते हुए कांग्रेस द्वारा शिमला संसदीय सीट के लिए सिटिंग एमएलए पर दांव लगाने की संभावना फिलहाल कम ही नजर आ रही है. वहीं, भाजपा ने वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप को फिर से शिमला संसदीय सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित किया है.
मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस और BJP की स्थिति
मंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के चार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. वर्तमान में मंडी से प्रतिभा सिंह सांसद है. जो राम स्वरूप शर्मा के निधन के बाद साल 2021 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर सांसद बनी. मंडी संसदीय क्षेत्र में उम्मीदवार के चयन को लेकर कांग्रेस की राह आसान है. यहां पर कांग्रेस से प्रतिभा सिंह का नाम लगभग फाइनल लग रहा है. वहीं, भाजपा को उम्मीदवार को लेकर काफी मेहनत करनी पड़ रही है. इस संसदीय सीट से पूर्व मुख्यमंत्री का जयराम ठाकुर का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन हिमाचल में घटे सियासी घटनाक्रम के बाद भाजपा यहां पर जयराम ठाकुर के नाम को लेकर वेट एंड वॉच की स्थिति में आ गई है. इसके अलावा भाजपा महासचिव बिहारी लाल शर्मा का नाम भी चल रहा है. हालांकि मंडी संसदीय क्षेत्र से अभिनेत्री कंगना रनौत भी रेस में बताई जा रही थी, लेकिन उनके नाम पर सहमति नहीं बन पाई.
मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत 17 विधानसभा क्षेत्र पड़ते हैं. इसमें किन्नौर, चंबा जिले के तहत भरमौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू जिले के तहत मनाली, कुल्लू, बंजार, आनी, मंडी जिले के तहत करसोग, सुंदरनगर, नाचन, सराज, दरंग, जोगिंदर नगर, मंडी, बल्ह, सरकाघाट व शिमला जिले के तहत रामपुर विधानसभा क्षेत्र पड़ता है.
कांगड़ा और हमीरपुर में समीकरण
हिमाचल में सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र कांगड़ा-चंबा से रघुबीर सिंह बाली के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है. वे साल 2022 में नगरोटा बगवां से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर पहली बार विधायक बने हैं, लेकिन उन्होंने रघुबीर सिंह बाली ने विधायक के तौर पर ही सेवाएं देने की बात कहकर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है. इसके अलावा कांग्रेस की पूर्व मंत्री और तेज तर्रार नेता आशा कुमारी का भी लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर नाम चल रहा है.
वहीं, भाजपा से विशाल नैहरिया, राजेश पठानिया और विपिन परमार का नाम चर्चा में चल रहा है. इसके अलावा हमीरपुर संसदीय क्षेत्र मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का गृह जिला है. ऐसे में इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है. इस तरह हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के चयन को लेकर काफी माथापच्ची चल रही है. हालांकि कांग्रेस इस लोकसभा सीट पर किसकी लॉटरी खुलती है देखना बाकी है, लेकिन अभी हमीरपुर संसदीय सीट पर कांग्रेस की तरफ से पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, सीएम के आईएसडी सुनील बिट्टू व धर्मेन्द्र पटियाल का नाम चर्चा में हैं. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश कुमारी के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने के नाम की भी चर्चा है. भाजपा ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर ही फिर से 5वीं बार भरोसा जताया है.
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