धर्मशाला: कारगिल युद्ध के नायक और कैप्टन विक्रम बत्रा की मां कमलकांत बत्रा का आज आज सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. कमलकांत बत्रा का निधन बुधवार को हुआ था. 77 साल की कमलकांत बत्रा को घर पर दिल का दौरा पड़ा. उनको एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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1974 में हुए थे जुड़वां बेटे: आज कमलकांत बत्रा का पूरे सैन्य सम्मान के साथ पालमपुर स्थित शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. बता दें कि कमलकांत बत्रा शिक्षा विभाग से बतौर अध्यापिका सेवानिवृत हुई थीं. कमलकांत बत्रा की शादी 1971 में गिरधारी लाल बत्रा से हुई थी, जोकि स्वयं भी बतौर शिक्षक सेवाएं प्रदान कर रहे थे. कमलकांत बत्रा दो पुत्रों और दो बेटियों की मां बनीं. उनके विक्रम बत्रा और विशाल बत्रा के रूप में दो जुड़वां बेटे 1974 में पैदा हुए थे, जबकि उनकी दो बेटियां सीमा और नूतन हैं.
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सबसे बड़े बेटे थे विक्रम बत्रा: सबसे बड़े बेटे विक्रम बत्रा सेना में नौकरी देते हुए शहीद हुए थे. 1999 में कारगिल युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत सर्वोच्च सेना सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा गया था. कमलकांत बत्रा के छोटे पुत्र विशाल बत्रा चंडीगढ़ में प्राइवेट कंपनी में सेवारत हैं. कमलकांत बत्रा ने राजनीति में भी कदम रखा था और 2014 में आम आदमी पार्टी की टिकट पर हमीरपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, हालांकि वो सांसद नहीं बन पाई थी.
''उनके लिए गौरव की बात है कि उनकी माता ने किसी को जाने से पहले किसी प्रकार का कोई भी दुख नहीं दिया और जाने से पहले उन्होंने अपने इलाज के लिए मंडी जाना था, लेकिन दोपहर को अचानक उनकी हृदय गति रुक गई और उनका निधन हो गया''- सीमा सेठी, कमलकांत बत्रा की बेटी