पिथौरागढ़: उत्तराखंड में प्री मॉनसून ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर काफी नुकसान पहुंचा है. नया मामला सीमांत जिले पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र का है. यहां मंगलवार देर रात आई बरसात ने धारचूला शहर में काफी तबाही मचाई है. भारी बारिश के साथ आया मलबा लोगों के घर और दुकानों में घुस गया.
यही नहीं भारी बारिश के कारण पिथौरागढ़-धारचूला नेशनल हाईवे पर मलबा आ गया था, जिस कारण हाईवे अवरुद्ध हो गया था. हालांकि जिला प्रशासन और बीआरओ संयुक्त टीम ने मिलकर हाईवे को खोल दिया है.
बताया जा रहा है कि बारिश से एलधारा चट्टान का मलबा मल्ली बाजार में गिर गया था, जिससे सड़कें और नालियां मलबे से पट गई हैं. कीचड़ से पटे बाजार में व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं. आक्रोशित धारचूलावासियों ने सुरक्षात्मक कार्य जल्द पूरे नहीं कराये जाने पर सिंचाई विभाग कार्यालय में ताले ठोक देने की चेतावनी दी है.
बता दें कि धारचूला नगर और नेशलन हाईवे से सटी एलधार चट्टान दो वर्ष पूर्व भी दरक गई थी, जिससे आधा दर्जन मकान ध्वस्त हो गये और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये थे. ऐसे में एक बार फिर से बारिश ने लोगों के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है.
दो वर्ष पूर्व आपदा का कहर झेल चुके मल्ली बाजार के लोगों को चिंता सताने लगी है. उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र थापा ने कहा है कि जल्द सुरक्षात्मक कार्य नहीं कराये गये तो सिंचाई विभाग कार्यालय में तालाबंदी कर दी जायेगी.
वहीं, धारचूला पिथौरागढ़ मार्ग पर चट्टान गिरने से बुधवार दोपहर बाद तक हाईवे बंद रहा जहां काफी कठिनाई के बाद जिला प्रशासन ने मशीन लगाकर हाईवे को खोल है. हाईवे बंद हो जाने से पर्यटक और स्थानीय लोगों के साथ-साथ आदि कैलाश जाने वाले यात्री भी फंसे रहे.
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