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मणिमहेश जाने वाले रास्ते पर हुआ बड़ा लैंडस्लाइड, पहाड़ी से गिरा पत्थर और मलबा, श्रद्धालु ने बनाया वीडियो - Landslide in Manimahesh track

Landslide in Manimahesh track: मणिमहेश यात्रा के रास्ते पर लैंडस्लाइड का एक वीडियो सामने आया है. यहां पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरे हैं. प्रशासन ने हड़सर से डल झील की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते से आवाजाही ना करने की अपील की है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 12:42 PM IST

LANDSLIDE IN MANIMAHESH TRACK
मणिमहेश जाने वाले रास्ते पर हुआ लैंडस्लाइड (ETV Bharat)

चंबा: मणिमहेश जाने वाले रास्ते में एक बड़ा लैंडस्लाइड हुआ है. यहां पहाड़ से भारी मात्रा में पत्थर और मलबा गिरा है. जानकारी के मुताबिक जिस वक्त यह लैंडस्लाइड हुआ उस समय वहां पर कोई भी यात्री मौजूद नहीं था. ऐसे में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है.

मणिमहेश जाने वाले रास्ते पर हुआ लैंडस्लाइड (ETV Bharat)

लैंडस्लाइड से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है. जानकारी के मुताबिक इसे एक यात्री ने बनाया है. बहरहाल उपमंडलीय प्रशासन ने डल झील की ओर रुख करने वाले यात्रियों को मुख्य रास्ते से ऊपर की ओर ना जाने की सख्त हिदायत दी है.

एहतियात के तौर पर चेतावनी का एक बोर्ड भी मौके पर लगा दिया गया है. यह लैंडस्लाइड हड़सर से डल झील की ओर जाने वाले रास्ते में गूईनाला और दोनाली के बीच हुआ है. लैंडस्लाइड के चलते डल झील की ओर जाने वाला मुख्य रास्ता बंद हो गया है. लैंडस्लाइड होने से मुख्य सड़क पर काफी मात्रा में मलबा और पत्थर सड़क पर गिरे हैं.

सूचना मिलते ही उपमंडलीय प्रशासन ने हड़सर से डल झील की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते से आवाजाही ना करने की अपील की है. प्रशासन ने यात्रियों को निर्देश दिया है कि पुराने रास्ते के जरिए आवाजाही करें, ताकि किसी प्रकार का नुकसान ना हो.

बता दें कि करीब चार दशक पहले गूईनाला से दोनाली के बीच नाले के साथ मणिमहेश डल झील के लिए रास्ता था. यहां से श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा करते थे, लेकिन वर्ष 1995 में बादल फटने के कारण यह रास्ता पूरी तरह से तबाह हो गया था

इसके बाद प्रशासन ने साल 1996 में गूईनाला से दोनाली के बीच यमकुंड से होते हुए नया रास्ता बनाया था. हालांकि यह रास्ता पुराने रास्ते से कुछ लंबा था लेकिन इस रास्ते को सुरक्षित माना जाता था. हाल ही में इसी रास्ते पर भारी लैंडस्लाइड हुआ है.

एसडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने कहा "जिस रास्ते में भूस्खलन हुआ है, उस पर यात्रियों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया है और सूचना बोर्ड भी लगा दिया गया है. उल्लेखनीय है कि मणिमहेश यात्रा इस वर्ष आधिकारिक तौर पर अगस्त माह के अंतिम हफ्ते में शुरू होगी. हालांकि यात्री इन दिनों भी मणिमहेश डल झील की ओर जाने शुरू हो गए हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ऑनलाइन पंजीकरण शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें: श्रीखंड यात्रा पर श्रद्धालुओं को मिलेगी ₹64 की चाय और 65 की मैगी, जानिए पूरी रेट लिस्ट

चंबा: मणिमहेश जाने वाले रास्ते में एक बड़ा लैंडस्लाइड हुआ है. यहां पहाड़ से भारी मात्रा में पत्थर और मलबा गिरा है. जानकारी के मुताबिक जिस वक्त यह लैंडस्लाइड हुआ उस समय वहां पर कोई भी यात्री मौजूद नहीं था. ऐसे में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है.

मणिमहेश जाने वाले रास्ते पर हुआ लैंडस्लाइड (ETV Bharat)

लैंडस्लाइड से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है. जानकारी के मुताबिक इसे एक यात्री ने बनाया है. बहरहाल उपमंडलीय प्रशासन ने डल झील की ओर रुख करने वाले यात्रियों को मुख्य रास्ते से ऊपर की ओर ना जाने की सख्त हिदायत दी है.

एहतियात के तौर पर चेतावनी का एक बोर्ड भी मौके पर लगा दिया गया है. यह लैंडस्लाइड हड़सर से डल झील की ओर जाने वाले रास्ते में गूईनाला और दोनाली के बीच हुआ है. लैंडस्लाइड के चलते डल झील की ओर जाने वाला मुख्य रास्ता बंद हो गया है. लैंडस्लाइड होने से मुख्य सड़क पर काफी मात्रा में मलबा और पत्थर सड़क पर गिरे हैं.

सूचना मिलते ही उपमंडलीय प्रशासन ने हड़सर से डल झील की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते से आवाजाही ना करने की अपील की है. प्रशासन ने यात्रियों को निर्देश दिया है कि पुराने रास्ते के जरिए आवाजाही करें, ताकि किसी प्रकार का नुकसान ना हो.

बता दें कि करीब चार दशक पहले गूईनाला से दोनाली के बीच नाले के साथ मणिमहेश डल झील के लिए रास्ता था. यहां से श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा करते थे, लेकिन वर्ष 1995 में बादल फटने के कारण यह रास्ता पूरी तरह से तबाह हो गया था

इसके बाद प्रशासन ने साल 1996 में गूईनाला से दोनाली के बीच यमकुंड से होते हुए नया रास्ता बनाया था. हालांकि यह रास्ता पुराने रास्ते से कुछ लंबा था लेकिन इस रास्ते को सुरक्षित माना जाता था. हाल ही में इसी रास्ते पर भारी लैंडस्लाइड हुआ है.

एसडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने कहा "जिस रास्ते में भूस्खलन हुआ है, उस पर यात्रियों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया है और सूचना बोर्ड भी लगा दिया गया है. उल्लेखनीय है कि मणिमहेश यात्रा इस वर्ष आधिकारिक तौर पर अगस्त माह के अंतिम हफ्ते में शुरू होगी. हालांकि यात्री इन दिनों भी मणिमहेश डल झील की ओर जाने शुरू हो गए हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ऑनलाइन पंजीकरण शुरू कर दिया है.

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