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माइनस तापमान में भी कम नहीं हुआ रिवर राफ्टिंग का रोमांच, कुल्लू बना एडवेंचर टूरिज्म हब - River rafting in Beas river

Kullu River Rafting: हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान जहां माइनस में पहुंच गया है वहीं, कुल्लू में सैलानियों में रिवर राफ्टिंग का क्रेज छाया हुआ है. बड़ी संख्या में सैलानी कुल्लू पहुंचकर ब्यास नदी के ठंडे पानी में राफ्टिंग का मजा ले रहे हैं.

Kullu River Rafting
Kullu River Rafting
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 23, 2024, 6:53 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में जहां इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं, ठंड के चलते तापमान भी माइनस में जा पहुंचा है. इसके अलावा नदी नाले भी कड़कड़ाती की ठंड के चलते जम रहे हैं. ब्यास नदी का पानी भी माइनस तापमान में बह रहा है, लेकिन कड़ाके की ठंड भी सैलानियों के एडवेंचर गेम्स के रोमांच को कम नहीं कर पा रही है. जिला कुल्लू में ब्यास नदी के पानी में सैलानी रिवर राफ्टिंग का मजा ले रहे हैं. हालांकि नदी का पानी काफी ज्यादा ठंडा है. उसके बाद भी सैलानी ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग का मजा लेने से नहीं चूक रहे हैं.

कुल्लू में रिवर राफ्टिंग का क्रेज: जिला कुल्लू में इस साल बर्फबारी ना होने के चलते पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते पर्यटन स्थल सूने पड़े हुए हैं और लाहौल के कुछ इलाकों में ही सैलानियों को बर्फ देखने को मिल रही है. ऐसे में पर्यटन नगरी मनाली में कारोबार काफी मंदा हो गया है. पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि अगर बर्फ पड़ती है तो यहां के पर्यटन स्थलों पर भी सैलानियों की भीड़ उमड़ेगी. वहीं, अब रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग ही सैलानियों को इस मौसम में भी अपनी ओर आकर्षित कर रही है. जिसके चलते घाटी का पर्यटन कारोबार चल रहा है.

Kullu River Rafting
कुल्लू की ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग

इन राज्यों से पहुंच रहे सैलानी: जिला कुल्लू की अगर बात करें तो इन दिनों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, जम्मू कश्मीर सहित देश के अन्य राज्यों से पर्यटक यहां पर पहुंच रह रहे हैं. सैलानी यहां पर ब्यास नदी के किनारे रिवर राफ्टिंग पॉइंट पर राफ्टिंग के लिए बुकिंग कर रहे हैं और इससे यहां पर करीब 5000 युवाओं को भी रोजगार मिल रहा है. जिला कुल्लू में रायसन से लेकर बजौरा तक रिवर राफ्टिंग के पॉइंट चिन्हित किए गए हैं. रिवर राफ्टिंग के कारोबार से जुड़े हुए जगरूप नेगी, सुरेश शर्मा, अमित कुमार ने बताया कि बर्फबारी ना होने के चलते सैलानियों की संख्या में कमी आई है, लेकिन रिवर राफ्टिंग के लिए सैलानी अभी भी यहां पहुंच रहे हैं. जिससे राफ्टिंग का कारोबार खूब चमक रहा है.

14 KM लंबा राफ्टिंग स्ट्रेट: गौरतलब है कि जिला कुल्लू में 400 रजिस्टर राफ्ट हैं और 350 गाइड लाइसेंस धारक हैं. रायसन से लेकर झिड़ी तक 100 एजेंसी है और 5 हजार से अधिक युवाओं को इससे रोजगार मिल रहा है. वहीं, पिरडी से झिड़ी तक 14 किलोमीटर का सबसे लंबा राफ्टिंग का स्ट्रेट बनाया गया है.

इन दिनों ब्यास नदी में पानी कम है और सर्दी के चलते पानी भी काफी ठंडा है, लेकिन उसके बावजूद भी सैलानी रिवर राफ्टिंग का मजा ले रहे हैं. जो कि यहां के पर्यटन कारोबार के लिए काफी अच्छा है. पर्यटन विभाग भी सैलानियों की सुविधा के लिए कई अन्य गतिविधियों पर नजर बनाए रखे हैं. - सुनैना शर्मा, जिला पर्यटन अधिकारी

ये भी पढ़ें: क्या आप भी हिमाचल आकर करते हैं पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग तो हो जाएं सावधान...

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में जहां इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं, ठंड के चलते तापमान भी माइनस में जा पहुंचा है. इसके अलावा नदी नाले भी कड़कड़ाती की ठंड के चलते जम रहे हैं. ब्यास नदी का पानी भी माइनस तापमान में बह रहा है, लेकिन कड़ाके की ठंड भी सैलानियों के एडवेंचर गेम्स के रोमांच को कम नहीं कर पा रही है. जिला कुल्लू में ब्यास नदी के पानी में सैलानी रिवर राफ्टिंग का मजा ले रहे हैं. हालांकि नदी का पानी काफी ज्यादा ठंडा है. उसके बाद भी सैलानी ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग का मजा लेने से नहीं चूक रहे हैं.

कुल्लू में रिवर राफ्टिंग का क्रेज: जिला कुल्लू में इस साल बर्फबारी ना होने के चलते पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते पर्यटन स्थल सूने पड़े हुए हैं और लाहौल के कुछ इलाकों में ही सैलानियों को बर्फ देखने को मिल रही है. ऐसे में पर्यटन नगरी मनाली में कारोबार काफी मंदा हो गया है. पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि अगर बर्फ पड़ती है तो यहां के पर्यटन स्थलों पर भी सैलानियों की भीड़ उमड़ेगी. वहीं, अब रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग ही सैलानियों को इस मौसम में भी अपनी ओर आकर्षित कर रही है. जिसके चलते घाटी का पर्यटन कारोबार चल रहा है.

Kullu River Rafting
कुल्लू की ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग

इन राज्यों से पहुंच रहे सैलानी: जिला कुल्लू की अगर बात करें तो इन दिनों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, जम्मू कश्मीर सहित देश के अन्य राज्यों से पर्यटक यहां पर पहुंच रह रहे हैं. सैलानी यहां पर ब्यास नदी के किनारे रिवर राफ्टिंग पॉइंट पर राफ्टिंग के लिए बुकिंग कर रहे हैं और इससे यहां पर करीब 5000 युवाओं को भी रोजगार मिल रहा है. जिला कुल्लू में रायसन से लेकर बजौरा तक रिवर राफ्टिंग के पॉइंट चिन्हित किए गए हैं. रिवर राफ्टिंग के कारोबार से जुड़े हुए जगरूप नेगी, सुरेश शर्मा, अमित कुमार ने बताया कि बर्फबारी ना होने के चलते सैलानियों की संख्या में कमी आई है, लेकिन रिवर राफ्टिंग के लिए सैलानी अभी भी यहां पहुंच रहे हैं. जिससे राफ्टिंग का कारोबार खूब चमक रहा है.

14 KM लंबा राफ्टिंग स्ट्रेट: गौरतलब है कि जिला कुल्लू में 400 रजिस्टर राफ्ट हैं और 350 गाइड लाइसेंस धारक हैं. रायसन से लेकर झिड़ी तक 100 एजेंसी है और 5 हजार से अधिक युवाओं को इससे रोजगार मिल रहा है. वहीं, पिरडी से झिड़ी तक 14 किलोमीटर का सबसे लंबा राफ्टिंग का स्ट्रेट बनाया गया है.

इन दिनों ब्यास नदी में पानी कम है और सर्दी के चलते पानी भी काफी ठंडा है, लेकिन उसके बावजूद भी सैलानी रिवर राफ्टिंग का मजा ले रहे हैं. जो कि यहां के पर्यटन कारोबार के लिए काफी अच्छा है. पर्यटन विभाग भी सैलानियों की सुविधा के लिए कई अन्य गतिविधियों पर नजर बनाए रखे हैं. - सुनैना शर्मा, जिला पर्यटन अधिकारी

ये भी पढ़ें: क्या आप भी हिमाचल आकर करते हैं पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग तो हो जाएं सावधान...

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